Video: गंगा के गहरे पानी में फंसा श्रद्धालु, सामने दिख रही थी मौत! देखें कैसे बची जान – India TV Hindi

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हाथीगोडा बैराज से यात्री को बाहर निकालते सिंचाईकर्मी

हरिद्वार के भीमगौडा बैराज पर तैनात कर्मचारियों की सूझबूझ से गंगा में डूब रहे एक यात्री की जान बच गई। अपने साथियों के साथ हरियाणा से आया यात्री लाल कोठी के पास गंगा में स्नान कर रहा था।  नहाते समय उसका पैर फिसल गया और वह नदी में बहता चला गया। देखते ही देखते वह भीमगोडा बैराज के गहरे पानी में आकर फंस गया।

चारो तरफ गहरा पानी देखकर यात्री के हाथ पैर फूल गए और वह अपनी जान बचाने के लिए छटपटाने लगा। एक तरफ से पानी का तेज बहाव था और दूसरी तरफ भीमगोडा बैराज के गेट। इसके पार जाने पर मौत तय थी।  

कैसे बची जान?

शख्स को डूबता देखकर भीमगोडा बैराज पर ड्यूटी कर रहे यूपी सिंचाई विभाग के कर्मचारियों ने तत्परता दिखाई। उन्होंने बड़ी रस्सी नीचे की तरफ फेंकी। इसे पकड़कर पानी में डूब रहा शख्स बाहर आ सका। हालांकि, बैराज की ऊंचाई पर एक इंसान को खींचना आसान काम नहीं था। इसके लिए छह लोग लग गए, जिन्होंने पहले डूब रहे शख्स को रस्सी के सहारे ऊपर खींचा। इसके बाद हाथ और पैर पकड़कर उसे बाहर ले आए।  गहरे पानी से बाहर निकल कर डूब रहे व्यक्ति की सांस में सांस और उसने कर्मचारियों को धन्यवाद दिया।

455 मीटर चौड़ा है भीमगोडा बैराज

भीमगोडा बैराज 1854 में बना था। हालांकि, 1983 में इसे दोबारा बनाया गया था। इसकी चौड़ाई 455 मीटर है और यह 23,000 वर्ग किलोमीटर में फैला है। इसमें 15 स्लिपवे गेट और सात अंडरस्लुइस गेट हैं। हर गेट की चौड़ाई 18 मीटर है। इससे निकलने वाली नहर 6450 किलो मीटर लंबी है। इसके जरिए 2,023,000 हेक्टेयर की जमीन की सिंचाई होती है। इसी बात से अंदाजा लगाया जा सकता है कि यह बैराज कितना बड़ा है और इसकी गहराई में डूबने के बाद किसी आम आदमी का जिंदा बचना कितना मुश्किल है।

(हरिद्वार से सुनील दत्त पांडेय की रिपोर्ट)

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