Rajat Sharma’s Blog: गांधी-नेहरू परिवार अमेठी, राय बरेली के लिए इतनी बेताब क्यों है? – India TV Hindi
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मंगलवार को पुष्य नक्षत्र के योग में वाराणसी में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपना नामांकन पत्र पेश किया। इस मौके पर बीजेपी और सहयोगी दलों के तमाम बड़े नेता और कई मुख्यमंत्री मौजूद थे। उत्तर प्रदेश में इस वक्त चुनाव प्रचार पूरे शबाब पर है। दोनों खेमों के नेता धुआंधार प्रचार कर रहे हैं। मंगलवार को जे पी नड्डा और योगी आदित्यनाथ ने अमेठी में प्रचार किया, जबकि राहुल गांधी और अखिलेश यादव ने झांसी में साझा रैली को संबोधित किया। विरोधी दलों के नेता कह रहे हैं कि मोदी हवा हवाई बातें करते हैं, जनता को बहलाते हैं, उनका गरीबों, दलितों, पिछड़ों, आदिवासियों से कोई लेना-देना नहीं हैं, मोदी सिर्फ अमीरों के बारे में सोचते हैं और सिर्फ अमीरों के लिए काम करते हैं। मंगलवार को अमेठी में प्रियंका गांधी ने यही कहा। प्रियंका ने अमेठी में कांग्रेस के उम्मीदवार किशोरी लाल शर्मा के लिए जगदीशपुर, तिलोई और गौरीगंज में 7 चुनाव सभाएं की। हर सभा में प्रियंका ने अमेठी के साथ अपने परिवार के रिश्तों की याद दिलाई, स्वर्गीय राजीव गांधी के वक्त हुए कामों को गिनाया और फिर बात नरेन्द्र मोदी पर आईं। प्रियंका गांधी ने कहा कि मोदी जनता से दूर हो गए हैं, दूर से रोड-शो करके लोगों को दर्शन देते हैं लेकिन उनकी तकलीफ से मोदी का कोई सरोकार नहीं। प्रियंका ने मोदी के भाषणों का जिक्र किया, कहा कि इस चुनाव में मोदी अपने काम के आधार पर नहीं, धर्म के आधार पर वोट मांग रहे हैं, हिन्दू-मुस्लिम की राजनीति कर रहे हैं, कांग्रेस के बारे में झूठा प्रचार कर रहे हैं। प्रियंका गांधी ने कहा कि मोदी से पहले का कोई प्रधानमंत्री इस स्तर तक नहीं गया।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ भी मंगलवार को अमेठी में थे। चूंकि प्रियंका ने मोदी के रोड शो को लेकर निशाना साधा तो योगी ने तुरंत जबाव दिया, कहा, प्रियंका जिन राजीव गांधी के नाम पर अमेठी में वोट मांग रही हैं, मोदी के काम से राजीव गांधी के काम की तुलना कर रही हैं, उन्हें पता होना चाहिए कि एक प्रधानमंत्री मोदी हैं जिन्होंने अपने संसदीय क्षेत्र काशी की सूरत बदल दी, विकास के इतने काम किए कि लोग पांच घंटे तक उन्हें देखने के लिए सड़कों पर खड़े रहे। दूसरी तरफ राजीव गांधी थे जिन्होंने अमेठी के विकास के लिए कुछ नहीं किया। फिर राहुल गांधी को मौका मिला, लेकिन कोई काम नहीं हुआ, इसीलिए अब शहजादे को अमेठी छोड़कर भागना पड़ा। प्रियंका ने अपनी हर सभा में अमेठी के लोगों को याद दिलाया कि पिछली बार उन्होंने राहुल को हराया था, लेकिन इससे क्या हासिल हुआ? प्रियंका ने कहा कि स्मृति ईरानी अमेठी के लोगों की सेवा के लिए यहां नहीं आईं थी बल्कि उनका मकसद राहुल को हराकर अपनी राजनीति चमकाना था, झूठ बोलकर स्मृति अपने मकसद में कामयाब हो गईं, लेकिन इससे नुकसान तो अमेठी के लोगों का हुआ। इसलिए अमेठी के लोग इस बार पुरानी गलती नहीं दोहराएं।
इस मुद्दे पर भी योगी ने प्रियंका गांधी को जवाब दिया। योगी ने कहा कि राहुल गांधी किसी काम के नहीं है। उनका कोई विज़न (दूरदृष्टि) नहीं है। योगी ने कहा कि पिछले 5 साल में स्मृति ईरानी इतनी बार अमेठी आई हैं, उन्होंने इतना काम किया, जितना गांधी परिवार के सारे सांसदों ने मिलकर नहीं किया। अमेठी सीट बीजेपी और कांग्रेस दोनों के लिए प्रतिष्ठा का सवाल है, इसीलिए प्रियंका गांधी वहां लगातार प्रचार कर रही हैं। मल्लिकार्जुन खरगे बुधवार को अमेठी जाएंगे। चूंकि इस बार राहुल गांधी ने अमेठी के बजाय रायबरेली से चुनाव लड़ना बेहतर समझा, अमेठी से कांग्रेस ने के. एल. शर्मा को मैदान में उतारा है, प्रियंका उनके लिए प्रचार कर रही हैं। राजस्थान के पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत की ड्यूटी अमेठी में लगाई गई है। उनकी टीम अमेठी में डेरा डाले हुए है। इसके बाद भी कांग्रेस के नेताओं को लग रहा है कि अमेठी में तो चुनाव मुश्किल है ही,रायबरेली भी सुरक्षित नहीं है। इसीलिए प्रियंका गांधी का फोकस फिलहाल रायबरेली पर ज्यादा है। वो अमेठी आती जाती रहती हैं, लेकिन रायबरेली में लगातार रह रही हैं और छत्तीसगढ़ के पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की डयूटी वहां लगाई गई है।
बीजेपी के नेता लगातार ये कह रहे हैं कि राहुल को वायनाड में हार का डर है। इसीलिए वोटिंग के बाद भागकर रायबरेली आए हैं। रायबरेली में बीजेपी ने दिनेश प्रताप सिंह को मैदान में उतारा है। मंगलवार को दिनेश प्रताप सिंह ने सोनिया गांधी, प्रियंका , राहुल गांधी को नकली गांधी बता दिया। दिनेश प्रताप सिंह ने कहा कि ये लोग गांधी सरनेम सिर्फ वोट के चक्कर में लगाते हैं, राहुल-प्रियंका अपनी रैलियों में नेहरू, इंदिरा, राजीव का नाम तो लेते हैं, लेकिन फिरोज गांधी का नाम नहीं लेते। राहुल गांधी के लिए कैंपेन करते वक्त प्रियंका गांधी खानदानी विरासत की बात करती हैं, रायबरेली के साथ परिवार के पुराने रिश्तों की दुहाई देती हैं। सोमवार को राहुल गांधी ने भी रायबरेली में कहा कि उनके परिवार का रायबरेली से सौ साल पुराना रिश्ता है। इसके बाद मंगलवार शाम को राहुल गांधी ने सोनिया गांधी के साथ अपना एक वीडियो शेयर किया। राहुल और सोनिया इस वीडियो में अमेठी और रायबरेली से अपने पारिवारिक जुड़ाव की चर्चा कर रहे हैं। ये बता रहे हैं कि उनके परिवार ने अमेठी-रायबरेली के लिए क्या क्या किया। किस तरह से ये दोनों इलाके उनके परिवार के साथ पीढ़ियों से जुड़े रहे हैं। इस वीडियो में नेहरु, इंदिरा, राजीव की बात तो हो ही रही है, पहली बार फिरोज गांधी के रायबरेली से रिश्ते के बारे में भी सोनिया राहुल को बताते हुई नज़र आ रही हैं। कांग्रेस के लिए यूपी में इस बार अस्तित्व बचाने का चुनाव है। 2014 के चुनाव में सिर्फ अमेठी और रायबरेली की सीट कांग्रेस ने जीती थी। 2019 में अमेठी से राहुल गांधी स्मृति ईरानी से हार गए। सिर्फ सोनिया गांधी रायबरेली से जीतीं, यानि 2019 में यूपी में कांग्रेस के पास सिर्फ एक सीट रह गई। इस बार सोनिया गांधी भी चुनाव नहीं लड़ रही हैं। रायबरेली से राहुल मैदान में हैं और अमेठी से के एल शर्मा। अगर ये दोनों सीटें खतरे में पड़ीं तो यूपी कांग्रेस मुक्त हो जाएगा। बीजेपी इसी लक्ष्य को ले कर चल रही है। और गांधी नेहरु परिवार इसी बात से डरा हुआ है। इसीलिए अब चुनाव के दौरान जज़्बाती बातें हो रही हैं, विरासत और खानदानी रिश्तों का जिक्र हो रहा है। राहुल गांधी को उम्मीद है कि यूपी में अखिलेश यादव का साथ मिलने से कांग्रेस को आक्सीजन मिल सकती है। (रजत शर्मा)
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