Post Office की इस स्कीम में निवेश कर बने ‘लखपति’, सिर्फ 500 रुपये से शुरू करें इन्वेस्टमेंट – India TV Hindi
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आज के दौर में अधिकांश लोग म्यूचुअल फंड या शेयर में निवेश कर रहे हैं। हालांकि, अभी भी ग्रामीण भारत में बहुत सारे लोग पोस्ट ऑफिस की स्कीम में निवेश करते हैं। इसकी वजह यह है कि पोस्ट ऑफिस की स्कीम में जोखिम नहीं होता है। साथ ही पोस्ट ऑफिस की इन्वेस्टमेंट स्कीम में रिटर्न भी काफी अच्छा मिलता है। यही कारण है कि म्यूचुअल फंड और शेयर जैसे निवेश विकल्पों के बावजूद आम लोग डाक घर की स्कीमों पर ही सबसे ज्यादा विश्वास करते हैं। आज हम आपको बताते हैं कि कैसे आप पोस्ट ऑफिस की पीपीएफ में निवेश कर लखपति बन सकते हैं।
पब्लिक प्रोविडेंट फंड स्कीम
पोस्ट ऑफिस पब्लिक प्रोविडेंट फंड स्कीम यानी पीपीएफ पर 7.10 फीसदी की दर से अभी इंट्रेस्ट मिल रहा है। पीपीएफ में आप एक वित्त वर्ष में कम से कम 500 रुपये से निवेश की शुरुआत कर सकते हैं। आप अधिकतम कितनी भी रकम इसमें जमा कर सकते हैं। लेकिन आपको आयकर की धारा 80सी के तहत अधिकतम 1.5 लाख रुपए तक ही छूट मिलेगी। मैच्योरिटी पर इंट्रेस्ट इनकम भी पूरी तरह टैक्स फ्री होगा। इसका मैच्योरिटी पीरियड 15 सालों का है और उसके बाद 5 सालों के ब्लॉक में इसे बढ़ाया जा सकता है। इस स्कीम के अंतर्गत एक शख्स केवल एक अकाउंट खुलवा सकता है।
तीन महीने पर अपडेट होती हैं ब्याज की दरें
वित्त मंत्रालय हर तीन महीने पर इंट्रेस्ट रेट रिवीजन करता है। हर वित्त वर्ष के अंत में इंट्रेस्ट इनकम आपके अकाउंट में ट्रांसफर हो जाती है। वर्तमान दर के हिसाब से अगर आप रोजाना 100 रुपए का निवेश करते हैं तो 15 साल बाद जब यह मैच्योर होगा तो आपको एकमुश्त 9,76,370 रुपए मिलेंगे जो पूरी तरह टैक्स फ्री होंगे। 15 सालों के दौरान आपकी कुल जमा राशि 5,40,000 रुपए होगी। इस तरह आप आसानी से लखपति बन जाएंगे।
मिलता है लोन
आपको पीपीएफ पर लोन का फायदा भी मिलता है। आप जिस वित्त वर्ष से निवेश शुरू करते हैं आपको अगले वित्त वर्ष से लोन की सुविधा मिलती है। पांच सालों की अवधि तक यह सुविधा रहती है। आपके अकाउंट में जितना जमा किया गया है उसका 25 फीसदी तक लोन मिल सकता है। एक वित्त वर्ष में केवल एकबार लोन उठाया जा सकता है। दूसरा लोन तब तक नहीं मिलेगा जब तक पहला लोन चुका नहीं दिया जाता है। अगर तीन सालों के भीतर लोन चुकाया जाता है तो इंट्रेस्ट रेट केवल 1 फीसदी सालाना होगा।
समय से पहले पैसा निकालने के नियम
निकासी की बात करें तो पांच सालों के लॉक-इन पीरियड के बाद एक वित्त वर्ष में एकबार निकासी किया जा सकता है। यह आपके अकाउंट में जमा राशि का 50 फीसदी तक हो सकता है। प्रीमैच्योर क्लोजर की बात करें तो अगर अकाउंट होल्डर बीमार हो जाता है या फिर खुद या बच्चों के हायर एजुकेशन के लिए इसकी अनुमति है। इसके लिए कुछ चार्जेज काटा जाता है।