Palestinian PM: कौन हैं मोहम्मद मुस्तफा? जो बने हैं फिलिस्तीन के नए प्रधानमंत्री​

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Israel-Hamas War: फिलिस्तीन के राष्ट्रपति महमूद अब्बास  (Mahmoud Abbas) ने लंबे समय से उनके आर्थिक सलाहकार रहे मोहम्मद मुस्तफा (Mohammad Mustafa) को अगला प्रधानमंत्री नियुक्त किया है. यह फैसला फिलिस्तीनी अथॉरिटी (Palestinian Authority) में सुधार के अमेरिकी दबाव के मद्देनजर लिया गया है.

अमेरिका में शिक्षित अर्थशास्त्री मोहम्मद मुस्तफा इजरायल के कब्जे वाले वेस्ट बैंक में सरकार का नेतृत्व करेंगे. फिलिस्तीन के राष्ट्रपति कार्यालय की ओर से जारी एक बयान में नियुक्ति की घोषणा की गई.

हालांकि यह साफ नहीं है कि अब्बास के करीबी सहयोगी मुस्तफा के नेतृत्व में नए मंत्रिमंडल का गठन क्या सुधार की अमेरिकी मांगों को पूरा करेगा, क्योंकि शासन मुख्य रूप से राष्ट्रपति अब्बास (88) के नियंत्रण में रहेगा.

पिछले प्रधानमंत्री, मोहम्मद शतायेह ने फरवरी में अपनी सरकार के साथ इस्तीफा दे दिया था. उन्होंने कहा था कि ‘गाजा पट्टी में नई वास्तविकता’ के कारण बदलाव की जरूरत है.

कौन हैं मुस्तफा?
मुस्तफा का जन्म 1954 में वेस्ट बैंक शहर तुलकेरेम में हुआ था. उन्होंने जॉर्ज वाशिंगटन यूनिवर्सिटी से बिजनेस एडमिनिस्ट्रेशन और इकॉनोमिक्स में डॉक्टरेट की उपाधि प्राप्त की है.

मुस्तफा ने विश्व बैंक में सीनियर पदों पर काम किया है. वह पहले उप प्रधानमंत्री और अर्थव्यवस्था मंत्री के रूप में भी काम कर चुके हैं. वह वर्तमान में फिलिस्तीन इनवेस्टमेंट फंड के अध्यक्ष हैं.

नियुक्ति की घोषणा करते हुए एक बयान में अब्बास ने मुस्तफा से वेस्ट बैंक और गाजा में प्रशासन को फिर से एकीकृत करने, सरकार, सुरक्षा सेवाओं और अर्थव्यवस्था में सुधारों का नेतृत्व करने और भ्रष्टाचार से लड़ने के लिए योजनाएं बनाने को कहा.

फिलिस्तीनी अथॉरिटी क्या है?
फिलिस्तीनी अथॉरिटी की स्थापना 1990 के दशक में अंतरिम शांति समझौतों के तहत हुई थी और इसे राज्य का दर्जा देने के लिए एक कदम के रूप में देखा गया. हालांकि शांति वार्ता बार-बार नाकाम रही. सबसे हाल  में 2009 में नेतनयाहू की सत्ता में वापसी के साथ शांति वार्ता पटरी से उतर गई. हमास ने 2007 में अब्बास के प्रति वफादार बलों से गाजा में सत्ता छीन ली थी. 

अब्बास फिलिस्तीनियों के बीच बेहद अलोकप्रिय हैं. ज्यादातर लोग वह फिलिस्तीनी अथॉरिटी पर कब्जे के उपठेकेदार से कुछ अधिक नहीं मानते हैं क्योंकि वह सुरक्षा मामलों पर इजरायल के साथ सहयोग की नीति अपनाते हैं.

अब्बास का जनादेश 2009 में समाप्त हो गया था लेकिन उन्होंने इजरायली प्रतिबंधों पर दोष मढ़ते हुए चुनाव कराने से इनकार कर दिया.

2006 में हुए पिछले संसदीय चुनाव में हमास ने भारी जीत हासिल की थी. हालांकि इसे इजरायल और पश्चिमी देशों द्वारा एक आतंकवादी समूह माना जाता है.  

Photo courtesy: Facebook/President Mahmoud Abbas

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