Jammu Kashmir : सेना ने डाबी गांव को रोशनी से किया जगमग, सोलर एनर्जी देकर जीता गांव वालों का दिल

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Jammu and Kashmir :  जम्मू-कश्मीर में गांव को सोलर एनर्जी से रोशन करने की सेना की पहल ने गांव वालों का दिल जीत लिया है. बताया जा रहा है, कि नियंत्रण रेखा से करीब 600 मीटर दूर जम्मू-कश्मीर के पुंछ जिले के डाबी गांव की सड़क को सेना ने सोलर एनर्जी से रोशन कर दिया है. सेना के एक अधिकारी ने बताया कि ‘ऑपरेशन सद्भावना’ के अंदर यह परियोजना चलाई गई थी जिसे बेहद कम समय में पूरा कर लिया गया है. बताया जा रहा है, कि इस क्षेत्र में स्ट्रीट लाइट की कमी थी. 

 

सेना की पहल 
अधिकारी ने बताया कि डाबी गांव को सोलर एनर्जी से रोशन करने की सेना की पहल ने 19 घरों और 129 गांव वालों तक स्ट्रीट लाइट की रोशनी पहुंचाई है. निवासियों को स्थानीय मस्जिद, मंदिर, स्कूल और पशुओं के बाड़ों की ओर जाने वाली सड़क सहित बड़े हिस्से में रोशनी मुहैया करा दी गई है. 

अधिकारी ने कहा कि रोशनी मिलने से सामुदायिक स्थानों की व्यवस्था करने में भी आसानी होगी. उन्होंने कहा कि सेना के प्रयासों से परिवारों को रात में कुशलता से काम करने में मदद मिली है. सैन्य नागरिक कार्रवाई के तहत इस परियोजना ने लोगों का उत्साह बढ़ाया है, और गांव के लिए एक उज्जवल और अधिक समृद्ध भविष्य का मार्ग प्रशस्त हुआ है. 

 

गांव वाले सेना के आभारी

गांव वालों ने इस पहल के लिए सेना की प्रशंसा की और कहा कि सौर ऊर्जा ने न केवल उनके गांव को रोशन किया है, बल्कि उनके जीवन को भी रोशन किया है. स्थानीय निवासी इमाम मोहम्मद सरफराज ने बताया लोगों के लिए रात के समय घूमना-फिरना बहुत मुश्किल था, खासकर जब बारिश होती थी. हम गांव को रोशन करने के लिए सेना के बहुत आभारी हैं. अब हमारे लिए प्रार्थना स्थल पर बिना किसी परेशानी के पहुंचना आसान हो गया है. 

साथ ही उन्होंने कहा कि गांव को अच्छी सड़क व्यवस्था की भी आवश्यकता है क्योंकि कई बार मरीज को इलाज के लिए अस्पताल ले जाना बहुत मुश्किल हो जाता है. डाबी गांव के प्रमुख काजिम इकबाल खान ने कहा कि उनका गांव देश के अंतिम गांवों में से एक है और बिजली विकास विभाग ने उन्हें स्ट्रीट लाइट नहीं दी. 

साथ ही उन्होंने कहा सेना हमेशा हमारी मदद करती रही है और सौर ऊर्जा प्रदान करने से रात में भी आवागमन आसान हो गया है. सेना के एक अधिकारी ने कहा कि ‘ऑपरेशन सद्भावना’ सीमावर्ती गांवों के लोगों की आकांक्षाओं को पूरा करने और उनके जीवन स्तर में सुधार करने के लिए सेना का एक प्रमुख कार्यक्रम है. 

उन्होंने कहा, स्थानीय लोगों के सलाह से सोलर एनर्जी वाली स्ट्रीट लाइट लगाने के लिए प्रमुख क्षेत्रों की पहचान की गई. इसके साथ ही साथ गांव में घरों का दौरा करना, सौर रोशनी के उपकरणों का परिवहन, नियंत्रण रेखा से 400 मीटर की दूरी पर गांव के सबसे दूर के घर सहित दूरदराज के स्थानों पर बैटरी और ग्रामीण स्तर पर स्थायी ऊर्जा के इस्तेमाल के बारे में जागरूकता फैलाना भी हमारे काम में शामिल रहा है. उन्होंने कहा कि यह पहल विश्वसनीय प्रकाश व्यवस्था के समाधान के लिए सौर ऊर्जा की क्षमता का लाभ उठाकर पर्यावरणीय स्थिरता पर भी जोर देती है.

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