Gautam Singhania and nawaz modi should be removed from Raymond board says iias

Raymond Group: रेमंड ग्रुप के चेयरमैन और एमडी गौतम सिंघानिया (Gautam Singhania) की गद्दी खतरे में आ गई है. निजी जीवन में संकटों का सामना कर रहे गौतम सिंघानिया को पद से हटाने की मांग उठी है. गौतम सिंघानिया और उनकी पत्नी नवाज मोदी (Nawaz Modi) के बीच विवाद के बाद तलाक की प्रक्रिया शुरू हो गई है. ऐसे में 27 जून को होने जा रही शेयरहोल्डर्स की एनुअल जनरल मीटिंग (Raymond AGM) में इन दोनों को रेमंड बोर्ड से हटाने की मांग की गई है. कंपनी से अपील की गई है कि तलाक की प्रक्रिया पूरी होने तक ये दोनों रेमंड बोर्ड का हिस्सा न रहें.
27 जून को होने जा रही एजीएम में इन्हें हटाया जाए
इंस्टीट्यूशनल इनवेस्टर एडवाइजरी सर्विसेज (IIAS) ने रेमंड के शेयरहोल्डर्स से अपील की है कि वो 27 जून को होने जा रही एजीएम में इन दोनों को अपने-अपने पदों से हटाने के लिए वोट करें. आईआईएएस के कहना है कि गौतम सिंघानिया और नवाज मोदी के निजी विवादों का असर कंपनी पर पड़ सकता है. ऐसे में शेयरहोल्डर्स को यह कठिन फैसला लेना चाहिए. गौतम सिंघानिया रेमंड के बोर्ड का 1 अप्रैल, 1990 से ही हिस्सा हैं.
झगड़े के चलते रेमंड के शेयरों में आई थी भारी गिरावट
गौतम सिंघानिया की पत्नी नवाज मोदी ने उन पर घरेलू हिंसा और कंपनी के फंड का गलत इस्तेमाल करने का आरोप लगाया है. आईआईएएस के अनुसार, यह बहुत गंभीर आरोप हैं. इससे निवेशकों पर बुरा प्रभाव पड़ा है. गौतम सिंघानिया और नवाज मोदी के झगड़े के चलते रेमंड के शेयरों (Raymond Stock) में भारी गिरावट भी आई थी. कंपनी में निवेशकों का भरोसा कायम रखने के लिए शेयरहोल्डर्स को कार्रवाई करनी चाहिए.
गौतम सिंघानिया के प्रस्तावित पैकेज पर भी खड़े किए सवाल
आईआईएएस ने गौतम सिंघानिया के प्रस्तावित पैकेज पर भी सवालिया निशान लगाए हैं. उनका कहना है कि यह पैकेज कंपनी के बिजनेस के हिसाब से बहुत बड़ा है. यह इंडस्ट्री के अन्य लीडर्स की तुलना में भी बहुत ज्यादा है. प्रस्ताव के अनुसार, जुलाई, 2024 से जून, 2027 के लिए गौतम सिंघानिया को 35 करोड़ रुपये का पैकेज दिया जाना है. यह रेगुलेटरी लिमिट से भी ज्यादा है.
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