Chloropicrin: क्या है क्लोरोपिक्रिन? पहले विश्व युद्ध में जर्मनी ने किया था इस्तेमाल, अब रूस, यूक्रेन में मचा रहा तबाही
Headlines Today News,
Ukraine war: अमेरिका ने रूस पर रासायनिक हथियार संधि (Chemical Weapons Convention) का उल्लंघन करते हुए यूक्रेन की फौज के खिलाफ रासायनिक हथियार क्लोरोपिक्रिन का इस्तेमाल करने का आरोप लगाया है. अमेरिका ने रूस पर यूक्रेन में दंगा नियंत्रण एजेंटों को इस्तेमाल करने का आरोप लगाया है. अमेरिकी बयान में कहा गया है कि रूस, यूक्रेन के खिलाफ खतरनाक आंसू गैस का भी उपयोग कर रहा है, जिससे किसी शख्स के देखने की क्षमता खत्म हो सकती है, यानी वो अंधा हो सकता है. ऐसे मामले भी रासायनिक हथियार संधि (CWC) का उल्लंघन है.
रूस पर बढ़ाए प्रतिबंध
इसी बीच अमेरिका ने अबतक युद्ध में अंतरराष्ट्रीय नियमों का उल्लंघन होने के आरोप में 280 से अधिक व्यक्तियों और संस्थाओं के खिलाफ लगाए गए अमेरिकी प्रतिबंधों की जानकारी साझा की है. इस फैसले के तहत रूस के एनर्जी, मेटल और माइनिंग इंडस्ट्री से जुड़ी कंपनियों को बैन किया गया है. अमेरिका का कहना है कि इस फैसले से रूस की ताकत पर बुरा असर पड़ेगा.
रूस ने कई बार किया क्लोरोपिक्रिन का इस्तेमाल
अमेरिका बयान में दावा किया गया है कि इस तरह के रासायनिक हथियारों का इस्तेमाल एक दो बार नहीं बल्कि कई बार अलग-अलग इलाकों में किया गया. जहां यूक्रेन की सेना रूस को जमकर नुकसान पहुंचा रही थी. मॉस्को की आलोचना करते हुए, अमेरिका ने ये भी कहा कि रूस ने युद्ध में ‘CWC’ का उसी तरह से उल्लंघन किया जिस तरह उसके एजेंटों ने एलेक्सी नवलनी और सर्गेई और यूलिया स्क्रिपल को जहर (केमिकल वेपन से) देकर मारा था.
ऐसे में अमेरिका ने मॉस्को के रासायनिक और जैविक हथियार बनाने वाली तीन रूसी कंपनियों पर बैन लगाया है. इनमें से एक रूस की स्पेशल मिलिट्री यूनिट है जिसने कथित तौर पर यूक्रेनी सैनिकों के खिलाफ क्लोरोपिक्रिन का इस्तेमाल करने का प्लॉट रचा था.
अमेरिकी प्रतिबंध, अपनी धरती पर मौजूद ऐसी संस्थाओं की पूरी संपत्ति को जब्त कर लेते हैं और फ्यूचर में अमेरिकी लोग उनके साथ व्यापार करने से रोकते हैं.
क्लोरोपिक्रिन क्या है?
क्लोरोपिक्रिन को रासायनिक हथियार निषेध संगठन (OPCW) द्वारा प्रतिबंधित चोकिंग एजेंट के रूप में लिस्टेड किया गया है. रॉयटर्स की एक रिपोर्ट के मुताबिक हेग स्थित इस संगठन की स्थापना 1993 के रासायनिक हथियार संधि (CWC) को लागू करने और उसकी निगरानी करने के लिए की गई थी.
क्लोरोपिक्रिन, जिसे पीएस और नाइट्रोक्लोरोफॉर्म के रूप में भी जाना जाता है, एक रासायनिक यौगिक है जिसका इस्तेमाल वर्तमान में जानलेवा कीटनाशक और नेमाटाइडाइड के रूप में किया जाता है. ये गैस और लिक्विड दोनों रूप में इस्तेमाल हो सकता है. इसकी एक छोटी सी बूंद भी जानलेवा हो सकती है. गैस के रूप में इसकी जरा सी मात्रा किसी को भी मौत की नींद सुलाने के लिए काफी है.
अमेरिका का आरोप है कि रूस इसी केमिकल वेपन से यूक्रेन को घुटनों के बल झुकाना चाहता है. इस क्लोरोप्रिकिन नाम के केमिकल वेपन का इस्तेमाल प्रथम विश्व युद्ध में जहरीली गैस के रूप में किया गया था. तब जर्मनी की सेना ने इसे मित्र देशों की सेना के खिलाफ इस्तेमाल किया था.