Char Dham Yatra: गंगोत्री-यमुनोत्री में क्यों बिगड़े हालात? ना खाना और ना ही पानी; ठिठुरन के बीच सड़क पर रात गुजारने को मजबूर श्रद्धालु

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Char Dham Yatra news Update today: चार धाम यात्रा की शुरुआत में गंगोत्री (Gangotri) और यमुनोत्री (Yamunotri) धाम में श्रद्धालुओं की आमद के पिछले सारे रिकॉर्ड टूट गए हैं. बुधवार की ताजा जानकारी के मुताबिक तीर्थयात्रियों की संख्या के भारी दबाव के बीच बद्रीनाथ और केदारनाथ में तो हालात ठीक हैं. इसके उलट गंगोत्री-यमुनोत्री में दर्शनों के लिए पहुंचे श्रद्धालुओं अभी तक परेशान हैं. कुछ दिन पहले यमुनोत्री के हालत पर तीन दिन पहले वायरल हो रहे वीडियो पर उत्तराखंड (Uttarakhand) सरकार ने हालात संभालने का दावा किया था लेकिन परेशानी जस की तस बनी हुई है. गंगोत्री और यमुनोत्री में क्यों बिगड़े हालात? आइए बताते हैं. 

चार धाम यात्रा में आस्था का जनसैलाब कम होने का नाम नहीं ले रहा है. खासकर दो दिनों से रिकॉर्ड भीड़ जुटने से धामों में मंदिर समिति ने देर रात तक यात्रियों को दर्शन कराए हैं. वहीं यमुनोत्री की भीड़ और गंगा सप्तमी पर बड़ी संख्या में गंगोत्री में श्रद्धालुओं के पहुंचने का सिलसिला जारी रहा. इससे धाम में खासी चहल पहल देखने को मिली. रिकॉर्ड भीड़ जुटने पर पुलिस-प्रशासन ने देर रात तक व्यवस्था बनानी पड़ी.

न खाना- न पानी, सड़क पर रात बिताने की मजबूरी

सूचना का प्रसार अब आसान हो गया है. पल-पल की खबरें और लाइव लोकेशन आ जाती है. गूगल अपने मैप पर खुद बता देता है कि कहां कितना जाम हैं? तमाम रिपोर्ट्स के मुताबिक यमुनोत्री-गंगोत्री में हालात ऐसे थे कि भारी भीड़ के कारण सड़क पर लंबा जाम दिखा. गाड़ियां फंसी रहीं. लोगों को होटल और धर्मशालाएं आसानी से नहीं मिल पा रही थीं. ऐसे में कई लोग सड़क पर ठंड में ठिठुरते हुए रात बिताने को मजबूर हुए. 

अबतक करीब 10 श्रद्धालुओं की मौत

गंगोत्री धाम यात्रा मार्ग पर गंगनानी से गंगोत्री तक करीब 60 किलोमीटर क्षेत्र में 900 यात्री वाहन दिन भर जमे रहे. हालांकि, जाम जैसी स्थिति बनने के बाद प्रशासनिक स्तर पर प्रयास शुरू किया गया. शाम के बाद वाहनों के दबाव को कम करने की रणनीति पर काम शुरू हुआ. गेस्ट सिस्टम से गाड़ियों को रोका और छोड़ा जाने लगा. इससे लोगों को दिक्कत कुछ हद तक कम हुई तो लोगों ने राहत की सांस ली. लोगों के पास मौजूद खाने पीने का सामान और पानी खत्म हो गया. अलग-अलग कारणों से अबतक करीब 10 श्रद्धालुओं की मौत हो चुकी है.

हालात क्यों बिगड़े?

उत्तराखंड सरकार और पुलिस के आंकड़ों के मुताबित बीचे चार दिनों में 1.30 लाख से ज्यादा श्रद्धालु पहुंचे हैं, जबकि पिछले साल 16 दिन में इतने लोग वहां दर्शन करने पहुंचे थे. यमुनोत्री धाम में पिछले साल 2023 में 28 मई को सर्वाधिक 12045 तीर्थयात्री पहुंचे थे, जो बीते कई सालों का रिकॉर्ड थ. इस साल यमुनोत्री में 12148 तीर्थयात्रियों की संख्या ने नया रिकॉर्ड बना लिया है. यमुनोत्री में दर्शन को तीर्थयात्रियों की भीड़ बढ़ने का सिलसिला जारी है. इसके लिए प्रशासन ने बैरियर और गेट सिस्टम लागू कर दिया है.

अब यमुनोत्री धाम में दर्शन सुचारू रूप से हो रहे हैं. लेकिन यमुनोत्री की भीड़ गंगोत्री धाम में पहुंचने से दबाव बढ़ गया है. यहां 2 दिन में रिकॉर्ड तीर्थयात्रियों ने दर्शन किए. पिछले साल यमुनोत्री के बाद गंगोत्री में 29 मई को रिकॉर्ड 13670 तीर्थयात्री एक दिन में पहुंचे थे, वहीं इसी तारीख को 2024 में 18973 हो गया.

पिछले साल यात्रा के शुरुआती पांच दिनों में 52 हजार लोग ही पहुंचे थे. सड़कों पर बहुत दबाव है. वहीं 14 मई को गंगा सप्तमी पर टिहरी और उत्तरकाशी जिले की देव डोलियों के पहुंचने से दबाव और बढ़ गया. इससे व्यवस्था बनाने में प्रशासन, पुलिस और मंदिर समिति को खासी मशक्कत करनी पड़ रही है. गंगोत्री धाम में संकरे मार्ग पर बड़ी बसों के फंसने से ज्यादा दिक्कतें उठानी पड़ रही है.

इससे वाहनों का दबाव बढ़ने से गंगोत्री तक वाहन कतार में चल रहे हैं. हालांकि यहां भी प्रशासन ने उत्तरकाशी रामलीला मैदान, हीना, भटवाड़ी, गंगनानी, सुक्की, झाला, हर्षिल, धराली से रुक रुक कर वाहन छोड़े जा रहे हैं. इससे गंगोत्री धाम में देर रात तक तीर्थयात्रियों के पहुंचने क्रम जारी रहा. प्रशासन के अनुरोध पर देर रात तक गंगोत्री मंदिर समिति ने सभी श्रद्धालुओं के दर्शन कराए. साथ ही प्रशासन, पुलिस एवं मंदिर समिति ने तीर्थयात्रियों को जलपान कराया गया. गंगोत्री में तीर्थयात्रियों की सुविधा को रात 2 बजे तक बाजार खुला रहा. सुबह तक धाम में तीर्थयात्रियों को व्यवस्थित आवाजाही कराई जा रही है.

डॉ मेहरबान सिंह बिष्ट, जिलाधिकारी, उत्तरकाशी के जिलाधिकारी डॉ मेहरबान सिंह बिष्ट का कहना है कि फिलहाल दोनों धामों में भीड़ नियंत्रित हैं. ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन दो दिन बंद करने पड़े थे.

2023 और 2024 की तुलना क्यों?

चार धाम यात्रा को लेकर साल दर साल भीड़ बढ़ रही है. बहुत से लोगों का कहना है कि पहले केवल धार्मिक यात्राओं के नाम पर तीर्थाटन होता था. अब बहुत से व्लॉगर भी वहां पहुंच रहे हैं. रील बनाने वाले लोग भी जगह-जगह देखे जा सकते हैं. ऐसे लोगों का मानना है कि धार्मिक और पूजा स्थलों पर रील या ब्लॉग बनाने पर रोक लगनी चाहिए क्योंकि इससे धाम में लोगों का ध्यान भटकता है.

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