पहलवान बजरंग को एंटी-डोपिंग एजेंसी ने सस्पेंड किया: एजेंसी ने सैंपल नहीं देने की वजह से नोटिस भी जारी किया, 11 जुलाई तक देना होगा जवाब
स्पोर्ट्स डेस्क1 मिनट पहले
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नेशनल एंटी-डोपिंग एजेंसी (NADA) ने पहलवान बजरंग पूनिया को सस्पेंड कर दिया है। बजरंग पूनिया ने मार्च में सोनीपत में हुए नेशनल ट्रायल के दौरान डोप टेस्ट के लिए अपना सैंपल नहीं दिया था, जिसके बाद NADA ने यह एक्शन लिया है। इससे पहले, 5 मई को भी NADA की उन्हें सस्पेंड कर दिया था।
जब पिछली बार NADA ने बजरंग को निलंबित किया था, तो उनका निलंबन अनुशासनात्मक पैनल द्वारा रद्द कर दिया गया था क्योंकि उन्हें नोटिस जारी नहीं किया गया था। लेकिन अब नाडा ने निलंबन के साथ-साथ बजरंग पूनिया को नोटिस भी जारी किया है।
बृजभूषण पर यौन शोषण के आरोप लगाए थे
पहलवानों ने WFI के पूर्व अध्यक्ष बृजभूषण पर महिला रेसलर्स के यौन शोषण के आरोप लगाए थे। इसको लेकर बजरंग पूनिया, विनेश फोगाट और साक्षी मलिक की अगुआई में आंदोलन हुआ। पहलवानों ने पहले जंतर-मंतर पर धरना दिया। इसके बाद उनकी याचिका पर सुप्रीम कोर्ट ने आदेश दिए और दिल्ली पुलिस ने बृजभूषण पर केस दर्ज किया।
इस मामले की कोर्ट में सुनवाई चल रही है। इसी दौरान WFI के चुनाव हुए तो बृजभूषण के करीबी संजय सिंह चुनाव जीत गए। जिसके बाद बजरंग के अलावा विनेश फोगाट ने भी अपने अवॉर्ड लौटा दिए। वहीं साक्षी मलिक ने कुश्ती से ही संन्यास ले लिया।
कॉमनवेल्थ गेम्स- 2022 में जीता था गोल्ड
बजरंग पूनिया ने टोक्यो ओलिंपिक में ब्रॉन्ज मेडल जीता था। बर्मिंघम कॉमनवेल्थ गेम्स में उन्होंने भारत के लिए गोल्ड मेडल जीता था। पुरुषों की फ्री स्टाइल 65 किलो भारवर्ग के फाइनल में बजरंग पूनिया ने कनाडा के एल. मैकलीन को 9-2 से मात दी थी। बजरंग पूनिया का यह कॉमनवेल्थ गेम्स में लगातार दूसरा गोल्ड एवं ओवरऑल तीसरा मेडल था, हालांकि उस गोल्ड मेडल जीत के बाद वह कुछ खास नहीं कर पाए हैं।
WFI चुनाव को लेकर लौटाया था पद्मश्री अवॉर्ड
रेसलर बजरंग पूनिया ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को एक चिट्ठी लिखकर पद्मश्री अवॉर्ड लौटाने का ऐलान किया था। इस चिट्ठी में बजरंग ने भारतीय कुश्ती संघ के अध्यक्ष के पद पर बृजभूषण के करीबी संजय सिंह की जीत का विरोध जताया था।
3 महीने पहले प्रधानमंत्री आवास में एंट्री नहीं मिलने पर बजरंग ने अपना अवॉर्ड सामने फुटपाथ पर रख दिया। बजरंग ने कहा, ‘महिला पहलवानों के अपमान के बाद मैं ऐसी सम्मानित जिंदगी नहीं जी पाऊंगा, इसलिए अपना सम्मान लौटा रहा हूं। अब मैं इस सम्मान के बोझ तले नहीं जी सकता।’
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