आर्म्स दुकान में धमाका मामला: पोटाश से ही हुआ धमाका, बारूद से जुड़ी 67 दुकानें, कुछ तंग गलियों में, खतरा इनसे भी – Udaipur Headlines Today News

शहर के बीच सवीना स्थित सबसिटी सेंटर में आर्म्स की दुकान राजेंद्र देवपुरा एंड कंपनी में विस्फोट से हुए दर्दनाक हादसे के पीछे पोटाश ही कारण सामने आ रहा है। विस्फोट में शोभागपुरा निवासी दुकान मालिक राजेंद्र देवपुरा (50) और एक श्रमिक के चिथड़े उड़ गए थे।

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भास्कर ने भी हादसे के दिन ही मंगलवार को प्रकाशित खबर में बता दिया था कि विस्फोट का एक कारण पोटाश हो सकता है। अब तक की जांच में सामने आया है कि राजेंद्र व श्रमिक जिस कार्टन को दुकान की पहली मंजिल पर रखने जा रहे थे, उसमें पोटाश से भरे एयरगन के साउंड क्रॉक (गोलीनुमा वस्तु) थे।

इसे एयरगन में डालकर चलाने के बाद यह जरा सी दूर जाकर धमाका करता है और जानवर आदि भाग जाते हैं, किसी को हानि नहीं होती। सीढ़ियां चढ़ते समय बारिश के पानी से पैर फिसलने से कार्टन गिरा और सभी क्रॉक एकसाथ फट गए। पोटाश को माचिस की तीली और पटाखों में उपयोग में लिया जाता है।

पुलिस के अनुसार कार्टन में साउंड क्रॉक के करीब 70 पैकेट थे और एक पैकेट में करीब 20 साउंड क्रॉक आते हैं। ऐसे में 1400 साउंड क्रॉक तेज धमाके साथ एकसाथ फटे और आसपास की इमारतें तक थर्रा गईं।

उधर, इस तरह के हादसे का खतरा अब भी बरकरार है। जिला प्रशासन ने शहर में हथियार बेचने के लिए 25 और पटाखों की 42 दुकानों को लाइसेंस दे रखा है। ये 67 दुकानें शहर के अलग-अलग हिस्सों में हैं।

इनमें से कई दुकानें सूरजपोल, आचार वाली गली जैसे शहर के अंदरूनी और तंग इलाकों में भी हैं, जहां फायर ब्रिगेड भी नहीं पहुंच सकती है। यहां हादसा हुआ तो स्थिति गंभीर होगी। पटाखों की अधिकतर दुकानें सबसिटी सेंटर और हिरणमगरी में हैं। ये जरूर खुले इलाके में हैं।

दुकान में घुसने से पहले सामग्री भिगोई, ताकि धमाका न हो

मंगलवार दोपहर करीब 2:15 बजे हुए हादसे के बाद पुलिस दुकान पर पहुंची। उस समय बारिश हो रही थी और सूचना मिली थी कि बिजली गिरी है। जांच में विस्फोट का पता लगा तो किसी ने दुकान में घुसने की हिम्मत नहीं दिखाई।

रात करीब 10 बजे पुलिस स्कवायड दस्ता और आर्म्स एक्सपर्ट की मदद से दुकान से हथियार और विस्फोटक सामग्री बाहर निकाले गए। इससे पहले टीम ने पानी से इन सभी को अच्छी तरह से भिगोया और फिर सतर्कता के साथ नीचे उतारा। इन्हें पुलिस की मेगजीन (विस्फोटक पदार्थ रखने की जगह) में भेज दिया। बंदूक सहित अन्य हथियार पुलिस लाइन में भी रखे गए हैं।

ऑनलाइन मिल जाता है पोटाश क्रॉक

जरा सी रगड़ से होता है तेज धमाका: ऑल गन एंड आर्म्स डीलर्स ऑफ राजस्थान के अध्यक्ष अब्दुल रशीद खान ने बताया कि एयरगन को बारूद से जुड़े हथियारों की लाइसेंसशुदा दुकानों पर बेचा जाता है। यह गन ऑनलाइन और मेले में भी आसानी से मिल जाती है। इसके लिए खरीदार को कोई दस्तावेज भी नहीं देने होते हैं। इसमें उपयोग में होने वाली साउंड क्रॉक भी ऑनलाइन मिल जाते हैं।

प्रदेश में अधिकांश आर्म्स डीलर इन्हें नहीं बेचते हैं। पोटाश (मर्शल) प्राकृतिक रूप से विस्फोटक है। यह सोडियम क्लोरेट से मिलकर बनता है। जरा से घर्षण से इसमें तेज विस्फोट होता है। धमाके के बाद दुकान के बाहर पीला धुआं फैल गया था, ऐसा भी पोटाश से हुआ। उधर, पुलिस ने बताया कि राजेंद्र ने पोटाश की बिक्री का रिकॉर्ड मेंटेन किया हुआ है। यह आर्म्स की दुकान पर बेचा भी जाता है।

दूसरे दिन भी नहीं हुई श्रमिक की पहचान, दुकान मालिक के घर में माहौल गमगीन

विस्फोट से मारे गए श्रमिक को दुकान मालिक राजेंद्र सवीना क्षेत्र में लेबर चौपाटी से लाए थे। ऐसे में उसकी दूसरे दिन भी पहचान नहीं हो पाई। मोर्चरी तक भी उसका शव गठरी में ले जाना पड़ा था। पुलिस शिनाख्तगी में जुटी है।

उधर, राजेंद्र देवपुरा (50) के घर में बुधवार को माहौल गमगीन रहा। उनका बेटा हार्दिक बेंगलुरू में पढ़ाई कर रहा है, जो बुधवार सुबह पहुंचा। एक बेटी सनाया है। सभी का रो-रोकर बुरा हाल है। बुधवार सुबह पोस्टमार्टम के बाद पुलिस ने शव उन्हें सौंपा।

दूसरे दिन भी दशहत में रहे लोग

मंगलवार दोपहर को धमाके बाद लोग दहशत में आ गए। चूंकि, दुकान से सामान देर रात निकाला गया था। ऐसे में ये लोग दूसरे दिन बुधवार को भी इस आशंका में भयभीत रहे कि और कोई हादसा न हो जाए। हादसे के बाद दुकान मालिक का शव 40 फीट दूर जाकर सामने की इमारत के गेट से टकराया था, जबकि श्रमिक का दुकान के बाहर ही गिरा था। सीढ़ियों की दीवार भी ढह गई थी। दुकान में दरारें आईं।

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