एसआई भर्ती 2021 का पेपर लीक करने वाला मै​ट्रिक्स गिरफ्तार: बीकानेर की स्कूल से लीक किया था पेपर, हिंदी व जीके के पेपर की फोटो गैंग को भेजी – Jaipur Headlines Today News

एसई भर्ती परीक्षा 2021 के 13 सितंबर 2021 को हिंदी व सामान्य ज्ञान के पेपर को लीक कर पौरव गैंग को भेजने वाले राजू मैट्रिक्स को एसओजी ने मंगलवार को गिरफ्तार कर लिया। इससे पहले शुक्रवार को 3 ट्रेनी एसआई सहित पेपर लीक करने वाले व पेपर हल करने वाले 7 आरोप

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पौरव कालेर गैंग ने 13 सितंबर 2021 को बीकानेर की रामसहाय आदर्श सेकेंडरी स्कूल से हिंदी व जीके का पेपर परीक्षा से पहले पेपर लीक किया था। गैंग ने पेपर को सॉल्व करवाकर 10-10 लाख में बेचा था। पौरव कालेर की गिरफ्तारी के बाद एएसपी रामसिंह शेखावत, महावीर सिंह, चिरंजीलाल की टीम ने पूछताछ की तो बीकानेर से हुए पेपर लीक की कड़ियां जुड़ती चली गई।

राजू ने ये पेपर पोरव कालेर, प्रवीण और तुलसाराम को भी भेजे थे। ये चारों आरोपी पहले से पुलिस की गिरफ्त में है।

राजू ने ये पेपर पोरव कालेर, प्रवीण और तुलसाराम को भी भेजे थे। ये चारों आरोपी पहले से पुलिस की गिरफ्त में है।

पर्यवेक्षक को एक परीक्षार्थी के मोबाइल में मिला सॉल्व पेपर तो हुआ खुलासा

एडीजी वीके सिंह ने बताया कि राजू मैट्रिक्स स्कूल संचालक दिनेश सिंह चौहान का परिचित था। राजू ने संचालक को दोनों पेपर के 10 लाख रुपए दिए थे। राजू ने स्ट्रॉन्ग रूम से परीक्षा कक्ष तक पहुंचाने के दौरान ही पेपर को मोबाइल से फोटो लिए थे। पेपरलीक का खुलासा तब हुआ था, जब 13 सितंबर को पाली स्थित भारतीय विद्या मंदिर उच्च माध्यमिक विद्यालय रामनगर, पाली सेंटर में राजेश बेनीवाल के मोबाइल में हिंदी का सॉल्व पेपर पर्यवेक्षक पवन शर्मा ने देख लिया।

पर्यवेक्षक ने पुलिस बुलाकर राजेश को पकड़वा दिया। फिर सेंटर के बाहर से उसके साथी नरेंद्र खीचड़ को भी गिरफ्तार किया गया। तब नरेंद्र खीचड़ ने अपने चाचा नरेश दान चारण से पेपर खरीदना बताया था। पाली पुलिस की सूचना पर बीकानेर पुलिस ने नरेशदान सहित 6 को गिरफ्तार कर पूछताछ की तो राजू मैट्रिक्स का नाम सामने आया।

सहायक की ड्यूटी लगवा स्कूल से उड़ा लिया था पेपर

राजू ने पूछताछ में बताया कि उसने परिचित संचालक से खुद की स्कूल में सहायक की ड्यूटी लगवा ली थी। फिर प्रश्नपत्र परीक्षा कक्ष में पहुंचाने के दौरान ही मोबाइल से फोटो खींचकर पेपर पोरव कालेर, प्रवीण व तुलसाराम के मोबाइल पर भेज दिए

बीकानेर पुलिस ने नकल का मामला बताकर इसे दबा दिया था। बीकानेर पुलिस ने भी उस दौरान जांच में लापरवाही की थी या फिर जान कर इन आरोपियों को बचाया था इस विषय को लेकर भी एसओजी जांच करवा रही हैं।

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