कैनवास पर उकेरेंगे मंच का सौंदर्य व प्रतिमा का वैभव: रवीन्द्र मंच में दो दिवसीय कला शिविर की शुरुआत, 20 से अधिक कलाकार ले रहे हिस्सा – Jaipur Headlines Today News
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रवीन्द्र मंच और कलावृत्त संस्था की ओर से आयोजित दो दिवसीय कला शिविर की रविवार को शुरुआत हुई।
रवीन्द्र मंच और कलावृत्त संस्था की ओर से आयोजित दो दिवसीय कला शिविर की रविवार को शुरुआत हुई। परिसर में स्थापित गुरुदेव रवीन्द्र नाथ टैगोर की मूर्ति की स्थापना के 42 वर्ष पूर्ण होने के अवसर पर यह आयोजन किया गया। सभी कलाकारों की ओर से प्रतिमा पर माल्या
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
कलावृत्त संस्था के अध्यक्ष संदीप सुमहेन्द्र ने बताया कि 20 से अधिक कलाकार शिविर में हिस्सा ले रहे हैं।
सभी कलाकार रवीन्द्र मंच और गुरुदेव की प्रतिमा को केन्द्र मानकर लाइव पेंटिंग बनाएंगे। शिविर के दौरान प्रतिमा का वैभव और रवीन्द्र मंच की सुंदरता को कैनवास पर उतारने का प्रयास किया जाएगा। पहले दिन सभी कलाकारों ने आंखों में अलग-अलग नजारों को कैद करने के बाद उन्हें कैनवास पर साकार किया। इस दौरान वरिष्ठ कलाकार समदर सिंह खंगारोत ‘सागर’, हरशिव शर्मा, थिएटर स्कॉलर चंद्रदीप हाड़ा, मूर्तिकार महावीर भारती, मनीष पारीक, प्रदेश संयोजक, भाजपा सांस्कृतिक एवं पर्यटन प्रकोष्ठ व अन्य कलाकार मौजूद रहे।

संदीप सुमहेन्द्र ने बताया कि जहां आज यह प्रतिमा खड़ी है वहां अंग्रेज अफसर की मूर्ति हुआ करती थी जिसे आजादी के आंदोलन में तोड़ दिया गया था।
प्रतिमा का है ऐतिहासिक महत्व
संदीप सुमहेन्द्र ने बताया कि जहां आज यह प्रतिमा खड़ी है वहां अंग्रेज अफसर की मूर्ति हुआ करती थी जिसे आजादी के आंदोलन में तोड़ दिया गया था। सन् 1981 में ललित कला अकादमी के तत्कालीन सचिव कलागुरु डॉ. सुमहेन्द्र ने साथी कलाकारों से चर्चा के बाद यहां रवीन्द्र नाथ टैगोर की प्रतिमा लगाने का निर्णय किया। पहले उन्होंने पांच फीट की मूर्ति तैयार की वह आज आर्ट ऑफ स्कूल के संग्रह में मौजूद है। बाद में 1982 में कलावृत्त व त्रिमूर्ति संस्था के सौजन्य से कलागुरु डॉ. सुमहेन्द्र की ओर से तैयार 10 फीट की सीमेंट की यह मूर्ति यहां स्थापित की गई।

सभी कलाकार रवीन्द्र मंच और गुरुदेव की प्रतिमा को केन्द्र मानकर लाइव पेंटिंग बनाएंगे।
यह कलाकार ले रहे हैं हिस्सा
वीरेन्द्र बन्नू, सोहन जाखड़, डॉ. जगदीश प्रसाद मीणा, संत कुमार, सुधीर वर्मा, महेश प्रजापति, मुकेश कुमावत, सावित्री शर्मा, विनीता शर्मा, रश्मि राजावत, संगीता खींची, हेमल कंकरवाल, कोमल जांगिड़, पूजा भार्गव, बृजराज राजावत, गौरी शंकर शर्मा, मुकेश कुमार, प्रियंका बावेजा, मीना जैन, विजय नागा, ज्योति जैन, रेखा अग्रवाल, शीला पुरोहित, विनीता सिंह, मोहम्मद बाकर नकवी सहित कई कलाकार शिविर में हिस्सा ले रहे हैं।