वन्यजीव गणना: 2 साल में 2314 वन्यजीव घटे: सबसे ज्यादा 1096 मोर कम, 3 लेपर्ड घटे; सारस और गिद्ध गायब – Dungarpur Headlines Today News
2 साल बाद हुई वन्यजीव गणना में 2 हजार 314 वन्य जीवों की संख्या घट गई।
वन्यजीव गणना के 8 दिन बाद चौंकाने वाले आंकड़े सामने आए है। 2 साल बाद हुई वन्यजीव गणना में 2 हजार 314 वन्य जीवों की संख्या घट गई है। सबसे ज्यादा मोर की संख्या कम हो गई है। जबकि 3 लेपर्ड घटे है। गिद्ध और सारस इस बार दिखे ही नहीं है। ऐसे में डूंगरपुर के
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वन्यजीव गणना करते हुए वनविभाग कर्मचारी।
डूंगरपुर जिले 23 मई को हुई वन्य जीव गणना के आंकड़े सामने आए है। 2022 के बाद इस बार हुई वन्यजीव गणना में बड़ी संख्या में वन्यजीवों की कमी देखी गई। सबसे बड़ा असर मोरों की गणना पर दिखाई दिया। 2022 की तुलना में इस बार 1 हजार 96 मोर कम हो गए है। जबकि डूंगरपुर के वन क्षेत्र मोर से भरे रहते है। इससे पहले हर बार वन्य जीव गणना में मोर की संख्या बढ़ी है।
मोरों की संख्यां हुई कम।
इस बार 2 हजार 467 मोर गणना में सामने आए है। वहीं, लेपर्ड की संख्या में भी कमी देखने को मिली है। 2 साल में 3 लेपर्ड काम हुए है। इस बार 3 मादा, 7 बच्चे समेत 18 लेपर्ड दिखाई दिए है। जबकि 2022 में 21 लेपर्ड थे। 2022 की वन्यजीव गणना में दिखाई दिए सारस और गिद्ध इस बार गायब हो गए है। 8 सारस और 16 गिद्ध 2 साल पहले दिखे थे।
38 वाटर हॉल पर ही वन्यजीव गणना की गई।
वन्यजीव गणना का आंकड़ा
0 | वन्यजीव | वर्ष 2024 | वर्ष 2022 | अंतर |
1 | लेपर्ड | 18 | 21 | -3 |
2 | सियार | 77 | 224 | -147 |
3 | जरख | 51 | 111 | -60 |
4 | जंगली बिल्ली | 32 | 65 | -33 |
5 | लोमड़ी | 44 | 115 | -71 |
6 | मरू लोमड़ी | 16 | – | 16 |
7 | बिज्जु बड़ा | 23 | 18 | +5 |
8 | कवर बिज्जु | 14 | – | 14 |
9 | नीलगाय | 1593 | 1953 | -360 |
10 | सूअर | 744 | 1254 | 810 |
11 | सैही | 114 | 132 | -18 |
12 | लंगूर | 1216 | 1258 | 42 |
13 | मोर | 2467 | 3563 | -1096 |
14 | मगर | 17 | – | 17 |
15 | सारस | – | 8 | – |
16 | गिद्ध | – | 16 | – |
पानी की कमी रही बड़ी वजह।
65 की जगह 38 वाटर हॉल पर हुई गणना, पानी की कमी बड़ी वजह
डीएफओ रंगास्वामी ने बताया की इस बार पानी की कमी की वजह से 38 वाटर हॉल पर ही वन्यजीव गणना की गई। जबकि हर साल 65 वाटर हॉल पर वन्यजीव गणना की जाती है। पानी और वाटर हॉल की कमी की वजह से भी वन्यजीव गणना में कम नजर आए है। वहीं, कई वन्यजीव गिनती में नजर ही नहीं आए है।