Prahlad Gunjal : कोटा में प्रह्लाद गुंजल की कितनी धाक? क्या बिड़ला को दे पाएंगे टक्कर, जानें सोशल स्कोर
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Prahlad Gunjal Congress : लोकसभा चुनाव 2024 (Lok Sabha Election 2024) को लेकर जारी सियासी घमासान के बीच ‘ज़ी मीडिया’ ने मैदान में उतरे विभिन्न राजनीतिक दलों के उम्मीदवारों का सोशल स्कोर निकाला है. इस लीडर सोशल स्कोर (LSS) को विभिन्न सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स पर नेताओं की सक्रियता के आधार पर निर्धारित किया गया है. इस आर्टिकल में हम राजस्थान की कोटा लोकसभा सीट से कांग्रेस के उम्मीदवार प्रह्लाद गुंजल का लीडर सोशल स्कोर जानेंगे.
माना जता है वसुंधरा का करीबी
राजस्थान में कांग्रेस ने पूर्व सीएम और भाजपा की दिग्गज नेता वसुंधरा राजे के करीबी प्रह्लाद गुंजल (Prahlad Gunjal) को कोटा लोकसभा सीट से मैदान में उतारा है. प्रह्लाद गुंजल को कोटा के मौजूदा सांसद और लोकसभा स्पीकर ओम बिरला का धुर विरोधी माना जाता है. प्रह्लाद गुंजल दो बार भाजपा के टिकट पर विधायक रह चुके हैं. पहली बार रामगंजमंडी से 2003-2008 और दूसरी बार कोटा उत्तर सीट से वर्ष 2013-2018 तक विधायक रहे गुंजल अब पाला बदलकर कांग्रेस खेमे में हैं.
विधानसभा चुनाव में भाजपा से जताई थी नाराजगी
प्रह्लाद गुंजल को हाड़ौती क्षेत्र में मजबूत नेता के तौर पर देखा जाता है. लोकसभा चुनाव 2019 में अपनी अनदेखी की वजह से गुंजल भाजपा से नाराज थे. राजस्थान विधानसभा चुनाव 2023 में टिकट ना मिलने पर भी प्रह्लाद गुंजल ने भाजपा से अपनी नाराजगी जताई थी. कांग्रेस ने इसे सही मौका पाते हुए प्रह्लाद गुंजल को कोटा बूंदी लोकसभा का टिकट ऑफर कर दिया.
प्रह्लद गुंजल राजस्थान के सियासत में एक बड़ा नाम हैं. गुंजल गुर्जर समाज से ताल्लुक रखते हैं. कोटा सीट पर गुर्जर वोट बैंक काफी बड़ा है. इस चुनावी क्षेत्र से वो पुराने नेता और विधायक भी रह चुके हैं. हालांकि 2023 में, उन्हें कोटा उत्तर सीट से कांग्रेस के शांति धारीवाल से महज ढ़ाई हजार वोटों से हार का सामना करना पड़ा था.
2003 में लड़ा विधानसभा चुनाव
साल 2003 में भाजपा ने कोटा जिले की रामगंज मंडी विधानसभा से प्रह्लाद गुंजल को टिकट दिया. इस चुनाव में प्रह्लाद गुंजल ने कांग्रेस के लोकप्रिय नेता पूर्व मंत्री रामकिशन वर्मा को करारी शिकस्त दी थी. 2007-2008 में गुर्जर आरक्षण के दौरान गुंजल भाजपा की तत्कालीन सीएम वसुंधरा राजे के खिलाफ हो गए थे. इसके बाद उन्हें पार्टी से निलंबित कर दिया गया.
बताया जाता है, कि साल 2008 विधानसभा चुनाव में प्रह्लाद गुंजल निर्दलीय खड़े हुए, लेकिन हार गए. हालांकि, चुनाव के बाद वसुंधरा राजे दोबारा प्रह्लाद गुंजल को मनाने में कामयाब रहीं. 2023 विधानसभा चुनावों के नतीजे आने के बाद वसुंधरा राजे को सीएम बनाए जाने का बयान देने वाले विधायकों में प्रह्लाद गुंजल सबसे ज्यादा मुखर रहे हैं.
Disclaimer : लीडर्स सोशल स्कोर (LSS) मशीन लर्निंग पर आधारित है. फेसबुक, इंस्टाग्राम, एक्स और यूट्यूब जैसे सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म से जुड़े 55 से ज्यादा पैरामीटर्स के आधार पर इसे निकाला गया है.