Jaipur News: समर्थन मूल्य पर सरसों खरीद का इतने लाख का लक्ष्य, अब तक सिर्फ 16 प्रतिशत टारगेट हुआ पूरा

Headlines Today News,

Jaipur News: प्रदेश में राजस्थान राज्य सहकारी क्रय विक्रय संघ के जिले वार बांटे गलत टारगेट और कुप्रबंधन के कारण समर्थन मूल्य पर डेढ़ महीने में केवल 2.47 लाख मीट्रिक टन की सरसों की खरीदी की गई है. समर्थन मूल्य पर खरीद का टारगेट केवल 16.90 प्रतिशत ही हुआ है. जबकि कई जिलों में 10 दिन पहले ही खरीद का टारगेट पूरा दिखाकर खरीद बंद कर दी.

प्रदेश के कई खरीद केंद्रों पर बारदाना की वजन को लेकर विवाद है. खरीद केंद्र दूरदराज में होने की वजह से भी किसान सरसों और चना की उपज नहीं ले जा पा रहे हैं. कई जगह किसान खरीद केंद्रों पर सरसों लेकर जा रहे हैं, लेकिन कुछ केंद्रों पर बारदाना नहीं होने की वजह से इनकार कर रहे हैं. इससे किसानों को कम कीमत पर अपनी उपज मंडी में बेचनी पड़ रही है. प्रदेश में सरसों, चना की समर्थन मूल्य पर खरीद के लिए 524 केंद्र बनाए हुए हैं. राजफैड के अनुसार पिछले साल 4.50 मीट्रिक टन खरीदी की गई. समर्थन मूल्य पर 29 जून तक खरीद होगी.

सरसों खरीद में पिछले साल बारदाना का वजन 989 ग्राम था, जबकि नए बारदाना का वजन 775 ग्राम है. इसलिए सरसों की तुलाई करते समय 50 किलो 989 ग्राम और नए बारदाना के साथ 50 किलो 775 ग्राम की ही तुलाई मान्य है. सरसों में नमी की मात्रा अधिकतम 8 प्रतिशत तक मान्य है. समर्थन मूल्य पर सरसों या चना का विक्रय करने के लिए खुद के वाहन से तुलाई कांटे तक लाने के लिए लगने वाली मजदूरी का भुगतान किसान को ही करना पड़ रहा है. इसको लेकर विवाद है.

यह भी पढ़ें- Lok Sabha Election 2024: ‘राजस्थान के साथ छत्तीसगढ़ में कांग्रेस को मिलेंगी BJP से ज्यादा सीट’- चुनाव नतीजों से पहले Sachin Pilot का बड़ा दावा

केंद्र सरकार ने सरसों खरीद के लिए 14.61 लाख मीट्रिक टन और चना खरीद के लिए 4.52 लाख मीट्रिक टन का टारगेट दिया है. सरसों और चना का घोषित समर्थन मूल्य 5650 और 5440 है. खरीद केंद्र और ई-मित्र पर मार्च से रजिस्ट्रेशन शुरू हुआ था. इसके बाद एक अप्रैल से सरसों और चना खरीदा जा रहा है. राजस्थान राज्य सहकारी क्रय विक्रय संघ ने हर जिले में सरसों और चना खरीदने के लिए किसानों की संख्य तय की है, जबकि पिछले साल 2023 में सरसों का घोषित समर्थन मूल्य 5450 रुपए और चना का समर्थन मूल्य 5440 रुपए प्रति क्विंटल था. अब ऐसे में सवाल ये है कि सरसों खरीद का लक्ष्य कैसे पूरा हो पाएगा.

Source link

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Advertisment
Back to top button