NASA Satellites: नासा के तीन उपग्रह अगले कुछ साल में काम करना कर देंगे बंद, वैज्ञानिक क्यों हैं परेशान?
Headlines Today News,
NASA News: नासा के तीन उपग्रह, अगले कुछ वर्षों में (कोई नहीं जानता कि ठीक-ठीक कब) काम करना बंद कर देंगे. दो दशकों से अधिक समय से ये पृथ्वी की निगरानी कर रहे हैं. मौसम की भविष्यवाणी करने, जंगल की आग का प्रबंधन करने, तेल रिसाव की निगरानी करने के साथ ही कई और कामों में अपनी मदद दे रहे हैं.
इन सैटेलाइट पर उम्र पर हावी हो रही है. जल्द ही वह अपना अंतिम ट्रांसमिंशन भेजेंगे. यह एक ऐसा क्षण है जिससे वैज्ञानिक डर रहे हैं.
इन तीन उपग्रहों की उम्र पूरी
न्यूयॉर्क टाइम्स की रिपोर्ट के मुताबिक तीन ऑर्बिटर – टेरा, एक्वा और ऑरा – को बंद कर दिया जाएगा, तो उनके द्वारा इक्ट्ठा किया गया ज्यादातर डाटा भी उनके साथ समाप्त हो जाएगा, क्योंकि नए सैटेलाइट सारा डेटा नहीं उठा पाएंगे.
शोधकर्ताओं को या तो वैकल्पिक स्रोतों पर निर्भर रहना होगा जो उनकी सटीक जरूरतों को पूरा नहीं कर सकते हैं या अपने रिकॉर्ड को जारी रखने के लिए समाधान तलाशना होगा.
इन उपग्रहों द्वारा इक्ट्ठा किए गए कुछ डाटा के साथ, स्थिति और भी बदतर है: कोई अन्य डिवाइस इसे इक्ट्ठा करना जारी नहीं रखेगा. कुछ ही वर्षों में, वे हमारी दुनिया के बारे में जो जानकारी प्रकट करते हैं, वे बहुत अधिक धुंधली हो जाएंगी.
हमारे बदलते ग्रह का अध्ययन करने वाले वैज्ञानिकों के लिए, एक डेटा और उसे जैसे एक अन्य डेटा के बीच का अंतर बहुत बड़ा हो सकता है. यहां तक कि रिकॉर्ड में एक छोटा सा ब्रेक भी समस्याएं पैदा कर सकता है.
वैज्ञानिकों ने साझा किए अपने उत्तर
पिछले साल, नासा ने वैज्ञानिकों से इस बारे में विचार-विमर्श किया कि टेरा, एक्वा और ऑरा का अंत उनके काम को कैसे प्रभावित करेगा. 180 से अधिक वैज्ञानिकों ने उत्तर दिया.
अपने पत्रों में, शोधकर्ताओं ने उपग्रहों डाटा की एक विस्तृत श्रृंखला को लेकर चिंता जाहिर की. इसमें जंगल की आग के धुएं, रेगिस्तानी धूल और ज्वालामुखीय गुबार में कणों के बारे में जानकारी, बादलों की मोटाई का मापन. दुनिया के जंगलों, घास के मैदानों, आर्द्रभूमियों और फसलों के बेहतरीन मानचित्र शामिल हैं.
भले ही इस जानकारी के लिए वैकल्पिक स्रोत हों लेकिन तब भी सवाल कम नहीं है. वैज्ञानिकों ने लिखा है, वे कम रिज़ॉल्यूशन वाले हो सकते हैं, या दिन के कुछ निश्चित समय तक सीमित हो सकते हैं, ये सभी कारक तय करते हैं कि डाटा कितना उपयोगी है.