7500KM पैदल यात्रा कर मक्का-मदीना जा रही मुम्बई की सना: गर्मी ज्यादा इसलिए रोज चलती है 25-30 KM, पहुंचने में लगेगा एक साल – Pali (Marwar) Headlines Today News

मुम्बई से रवाना होकर 7500 किलोमीटर की पैदल यात्रा कर मक्का मदीना जा रही सना अंसारी रविवार को सांडेराव पहुंची। जहां क्षेत्र के लोगों ने उसका स्वागत किया।

कुछ अलग करने की तमन्ना के चलते मुम्बई की 24 साल की सना अंसारी महाराष्ट्र से मक्का-मदीना के दीदार के लिए पैदल निकली है। 5 देशों से होते हुए करीब 7500 KM की यात्रा कर मक्का मदीना पहुंचने में सना को करीब एक साल का टाइम लग जाएगा। सना बोली कि विश्व में अम

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मुम्बई की सना अंसारी पैदल जाते हुए।

मुम्बई की सना अंसारी पैदल जाते हुए।

सना के पति आजित भाई ने बताया कि 1 मार्च 2024 को उनकी पत्नी सना अंसारी मक्का-मदीना के दीदार के लिए घरवालों से इजाजत लेकर रवाना हुई। गर्मी ज्यादा है इसलिए रोजाना सुबह-शाम 25-30 KM चलती है। रास्ते में हाइवे किनारे जो होटल मिल जाता है वहां रात बिताते है। मई 2025 तक मक्का-मदीना पहुंच जाएंगे। उनकी यह यात्रा पाकिस्तान, ईरान, इराक, कुवैत, सऊदी देश आएंगा। इन देशों से होकर वह मक्का-मदीना पहुंचेगी। उसको कवर करने के लिए वह खुद साथ में गाड़ी लेकर जा रहे है।

रास्ते में फूल बरसाकर सना का इस्तकबाल करते हुए मुस्लिम समुदाय की महिलाएं।

रास्ते में फूल बरसाकर सना का इस्तकबाल करते हुए मुस्लिम समुदाय की महिलाएं।

ऐसे आया मक्का-मदीना पैदल जाने का ख्याल
सना अंसारी ने बताया कि उसकी शादी करीब तीन साल पहले आजिम खान से हुई। वह मुम्बई के पालघर में रहती है। पीटी ऊषा, कल्पना चावला उसकी रोल मॉडल है। वह शुरू से ही चाहती थी कि कुछ ऐसा करें जिससे उसकी अलग पहचान बने। फिर एक दिन केरल के एक की यात्रा के बारे में टीवी में देखा तो उसके दिल में भी ख्याल आया कि वह मक्का-मदीना के लिए पैदल यात्रा पर जाएंगी। पति को अपने दिल की बात बताई लेकिन तेज गर्मी और सड़क हादसों का हवाला देते हुए उन्होंने पहले इंकार कर दिया लेकिन फिर उन्हें मना लिया। उनके मानने पर दोनों ने मिलकर परिजनों को मना लिया और मक्का-मदीना के सफर के लिए घर से निकल पड़े।

सना रोज चलती है 25 से 30 KM
सना के पति आजिम खान ने बताया कि गर्मी ज्यादा है। ऐसे में सना सुबह और शाम के समय चलती है। रोजाना करीब 25 से 30 किलोमीटर का सफर करती है। ऐसे में उसके पैरों में छाले भी पड़ गए। सिरोही में एक दिन रूकना पड़ा। उन्होंने बताया कि सुबह 4 से 7 तक और शाम ढलने के बार रात 11 तो कभी कभी 12 बजे तक पैदल चलती है। और फिर हाइवे किनारे किसी होटल में रात बिता देते है।

रास्ते में जगह-जगह इस्तकबाल
सना के मक्का मदीना पैदल जाने की खबर मिलने पर लोग हाइवे पर उससे मिलने पहुंचते है। साथ ही दुआ करते है कि उसे सफर में किसी तरह की परेशानी न आए। 91 दिन की यात्रा के बाद आज संडे को वह पाली जिले के सांडेराव पहुंची। जहां उनका इस्कबाल किया गया। इस दौरान क्षेत्र के अल्प प्रकोष्ठ संयोजक हांजी इब्राहिम मोहम्मद सिलावट, गफ्फार अली खरादी, अब्दुल रज्जाक,अफजल सिलावट, साबिर मोहम्मद सिलावट, मारवाड़ गोड़वाड़ जन कल्याण सेवा समिति अध्यक्ष जयदेव सिंह राणावत, केसाराम,किशोर नाहर, भूराराम, राकेश मेवाड़ा, महावीर मेवाड़ा सहित कई जने मौजूद रहे।

(सहयोग : नटरव मेवाड़ा, सांडेराव)

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