70 साल से नृसिंह लीला व वराह लीला का मंचन: गाजे बाजे के साथ वराह भगवान की स्वरूप झांकी चांदपोल के विभिन्न मार्गों से गुजरी; ​​​​​​​श्री नृसिंह जी मंदिर अग्रवाल पंचायत समिति का पाटोत्सव संपन्न – Jaipur Headlines Today News

चांदपोल बाजार के नींदड़ राव जी का रास्ता स्थित मंदिर श्री नृसिंह जी अग्रवाल पंचायत समिति का तीन दिवसीय पाटोत्सव सोमवार को हवन, अभिषेक, महाआरती और भंडारे के साथ संपन्न हुआ। इस मौके पर मंदिर परिसर को रंग-बिरंगे फूलों और बांदरवाल से सजाया गया।

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मंदिर महंत पं. मनमोहन शर्मा के सान्निध्य में सुबह नृसिंह भगवान सहित अन्य विग्रहों का अभिषेक कर पूजन किया गया। अग्रवाल पंचायत समिति, जयपुर के अध्यक्ष चेतन अग्रवाल ने बताया कि पं. उमेश व्यास के सान्निध्य में पांच ब्राह्मणों द्वारा समिति के उपाध्यक्ष अभिषेक अग्रवाल, मनोज अग्रवाल, मंत्री कैलाश चंद अग्रवाल, कोषाध्यक्ष ओमप्रकाश अग्रवाल, सांस्कृतिक मंत्री शंकर लाल अग्रवाल, संरक्षक रतन लाल अग्रवााल, रामेश्वर चौधरी और समिति के सभी सदयो ने सपत्नीक गणेश-गौरी, कलश, वास्तु पुरुष, सोडश मातृका, दस दिग्पाल का विधिवत पूजन कर नृसिंह भगवान का पंचामृत, फल, सर्वोषधि, फलों के रस सहित अन्य सुगंधित द्रव्यों से वेद मन्त्रोच्चार के साथ अभिषेक किया।

पांच विद्वानों ने मंत्रों की सस्वर ध्वनि से मंदिर गूंजायमान कर दिया। अभिषेक के बाद ठाकुरजी को नवीन पोशाक धारण कराकर फूल बंगला झांकी सजाई गई। इससे पूर्व अग्नि प्रज्वलित कर यज्ञ देवता को विश्व कल्याण की कामना के साथ आहुतियां अर्पित की गई। शाम को संतों-महंतों के सान्निध्य में महाआरती की गई। इस मौके पर कई जनप्रतिनिधि, व्यापार मंडलों के पदाधिकारी सहित समाज के गणमान्य लोग उपस्थित रहेे। उल्लेखनीय है कि मंदिर में पाटोत्सव के अवसर पर करीब 70 साल से श्री नृसिंह लीला और श्री वराह लीला का सजीव मंचन किया जा रहा है। पाटोत्सव कार्यक्रमों का शुभारंभ भागवत कथा से हुआ था। व्यासपीठ से वृंदावन शास्त्री ने कथा का श्रवण करवाया।

वराह भगवान ने बचाया धरती को

इससे पूर्व वराह लीला की सजीव झांकी निकाली गई। असुरों से धरती को रसातल में ले जाने से रोकने के लिए भगवान विष्णु ने वराह भगवान के रूप में अवतार लिया। इस दौरान मंदिर वराह भगवान के जयकारों से गूंज उठा। बड़ी संख्या में लोगों ने इस लीला के दर्शन किए। आरती के बाद गाजे बाजे के साथ वराह भगवान की स्वरूप झांकी मंदिर से रवाना होकर चांदपोल के विभिन्न मार्गों से गुजरी। मार्ग में रंगीन आतिशबाजी की गई। चांदपोल बाजार स्थित रामचंद्र जी मंदिर, हनुमान जी मंदिर, सतगुरु मंदिर सहित जगह-जगह वराह भगवान की आरती और पुष्प वर्षा कर स्वागत किया गया। लोगों ने जगह-जगह स्टॉल लगाकर शर्बत, शिकंजी, आमरस का वितरण किया। विभिन्न मार्गों से होते हुए वराह भगवान पुन: मंदिर पहुंचे। यहां महाआरती हुई।

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