18 साल की इजरायली बंधक को हमास आतंकी ने दिया शादी करके बच्चे पैदा करने का प्रस्ताव” – India TV Hindi
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Israel-Hamas War: इजरायल-हमास युद्ध के बीच पहली बार प्यार और मोहब्बत के अंकुर फूटने की घटना सामने आई है। 7 अक्टूबर 2023 को इजरायल पर हमले के बाद हमास आतंकियों ने जिन 238 इजरायलियों को बंधक बनाया था, उनमें से नोगा वीस भी एक थी। 18 वर्षीय इजरायली बंधक नोगा वीस का कहना है कि हमास के जिस सदस्य ने उसे बंधक बनाया था, वह उससे शादी करना चाहता था और उसके साथ बच्चे पैदा करना चाहता था। नोगा ने एक चैनल को दिए साक्षात्कार में बताया कि ‘उसने मुझे 14वें दिन एक अंगूठी दी’।
हमास द्वारा बंदी बनाकर रखी गई इजरायली युवती ने यह खुलासा किया है। उसने बताया कि उसको बंधक बनाने वाले आतंकी ने उसे एक अंगूठी दी थी और उससे कहा था कि वह उसके साथ शादी करेगा फिर वह उसके बच्चों को जन्म देगी। युवती के अनुसार बंधक बनाने वाला युवक उसे अपने साथ ही रखता था। न्यूयॉर्क पोस्ट ने टाइम्स ऑफ इज़राइल के अनुसार बताया कि 18 वर्षीय नोगा वीस गाजा पट्टी में दो सप्ताह तक कैद में थी। इसी दौरान उसके अपहरणकर्ताओं में से एक ने उसके लिए अपने प्यार का इज़हार किया। फिर उसे इसके लिए राजी भी कर लिया। वह 50 दिनों तक उसके साथ संबंध में रही।
अपहरणकर्ता ने कहा कि सब रिहा हो जाएंगे, लेकिन तुम मेरी बीबी बनकर रहोगी
इजरायली युवती ने बताया कि आतंकी ने उससे कहा कि कुछ दिनों में ‘सभी को रिहा कर दिया जाएगा, लेकिन तुम यहां मेरे साथ रहोगी और मेरे बच्चे पैदा करोगी।” उसने कहा कि कुछ दिनों बाद वह उसकी मां को भी यहां लाएगा। ताकि वह भी शादी को मंजूरी दे सके। 50 दिनों तक उस अपहरणकर्ता के साथ दिन-रात गुजारने के बाद नोगा को अलग जगह स्थानांतरित किया गया।
किशोर ने याद करते हुए कहा कि 50 दिनों की कठिन परीक्षा के दौरान बंधक बनाने वालों ने नोगा को अलग-अलग घरों में स्थानांतरित किया।
युवती ने कहा-मुझे उसको खुश करना होता था
न्यूयॉर्क टाइम्स के अनुसार इजरायली युवती ने चैनल 12 को बताया कि उसे हिजाब पहनाया जाता था और अपहरणकर्ता का हाथ पकड़ाया जाता था ताकि वे एक विवाहित जोड़े की तरह दिखें। युवती ने कहा, “वे हमारे लिए खेलने के लिए कार्ड लाए थे और मैंने खुद से कहा, ‘जब तक वे गोली नहीं चलाएंगे, मैं उनके साथ खेलूंगी और वे जो चाहें वो मैं करूंगी। फिर उनका मूड इतनी जल्दी बदल गया। वे हमारे साथ खेलते और हंसते, मगर अगले ही पल वे बंदूक लेकर आ जाते। मुझे हमेशा उन्हें खुश करना होता था।” वह इजरायल पर अपना हक जताते थे। मेरे 50 दिन चौबीसों घंटे दहशत में बीते। मुझे लगता था कि वह कभी न कभी मुझे गोली मार देंगे।
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