12वीं में 92 फीसदी नंबर लाने वाली अजमेर की वसुंधरा सोमानी, रिजल्ट आते ही हॉस्पिटल क्यों भागी?

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Ajmer News: सीबीएसई बोर्ड के नतीजों ने कई परीक्षार्थियों के चेहरों पर मुस्कान बिखेरी है, लेकिन अजमेर की एक बेटी वसुंधरा 92 फीसदी अंक लानें के बाद भी मायूस है क्योंकि उसकी मां आईसीयू में भर्ती है और अंकों से ज्यादा खुशी उसे तब मिलेगी जब मां ठीक होकर घर आयेगी. 

अजमेर के प्राइवेट हॉस्पिटल में ICU वार्ड के बाहर एक लड़की खड़ी थी, जिसका नाम वसुंधरा सोमानी है, जो 17 साल की है. वसुंधरा ने CBSE 12वीं में 92% अंक हासिल किए हैं, लेकिन अपनी इस खुशी को वह मां संजना सोमानी से नहीं बांट पा रही है. वसुंधरा ने बताया- बोर्ड एग्जाम से पहले मां की दिमाग की नस फटने पर ऑपरेशन किया गया था तब से मां बेसुध है और ICU वार्ड में एडमिट हैं.3 महीने से पूरा परिवार उनका घर आने का इंतजार कर रहा है.

मां का सपना था कि मैं बोर्ड एग्जाम में अच्छे नंबर से टॉप करूं. अब मां के ठीक होने का इंतजार है, जिससे मैं उन्हें मेरे नंबर बता सकूं. वसुंधरा ने परिवार की विकट परिस्थिति के बीच भी कॉमर्स में 92% अंक लाकर अपने माता-पिता और दादा का मान बढ़ाया है. बोर्ड एग्जाम से केवल 16 दिन पहले उसकी मां वेंटिलेटर पर थी. वसुंधरा के पिता श्याम सोमानी चार्टर्ड अकाउंटेंट(CA) और मां संजना सोमानी हाउस वाइफ है.

वसुंधरा ने बताया कि उनके पास कॉमर्स-मैथ्स सब्जेक्ट था. मैथ्स का ट्यूशन करती थी बाकी सब्जेक्ट पढ़ने में मां मदद करती थी, लेकिन एग्जाम से पहले मां की तबीयत खराब हो गई. दिसंबर में पहली बार मां के दिमाग की राइट साइड की नस फट गई थी तब उनकी जयपुर में सर्जरी करवाई गई थी. डॉक्टर्स ने करीब एक महीने तक इलाज किया था.

मां के ठीक होने के बाद उन्हें वापस अजमेर लेकर आ गए थे. डॉक्टर्स ने उन्हें बाकी नसों का ऑपरेशन करवाने की भी सलाह दी थी. वसुंधरा ने बताया कि मां को उनके बोर्ड एग्जाम की काफी चिंता रहती थी. मां चाहती थी कि वह बोर्ड एग्जाम में अच्छे नंबर लाकर परिवार का नाम रोशन करें. एग्जाम को देखते हुए मां ने परिवार से चर्चा कर अपनी प्लांड सर्जरी का डिसीजन लिया था, जिसके बाद फरवरी में ऑपरेशन के लिए मां को जयपुर लेकर गए थे. 11 फरवरी को मां की दिमाग की दूसरी नस भी फट गई. इसके बाद उन्हें वेंटिलेटर पर लाया गया था. 

वसुंधरा ने बताया कि मां के वेंटिलेटर पर होने की बात पिता ने उन्हें नहीं बताई थी. वे नहीं चाहते थे कि मैं पढ़ाई के बीच परेशान हो जाओ. जब मां की हालत के बारे में पता चला तो मैं टूट गई. मार्च में मां को जयपुर से अजमेर के प्राइवेट हॉस्पिटल में भर्ती करवाया गया तब से मां आईसीयू वार्ड में एडमिट है. मां उनकी हर जरूरत का ख्याल रखती थी. 27 फरवरी से एग्जाम शुरू हुए थे, तब मां ICU वार्ड में भर्ती थी. पिता मां के साथ जयपुर ही थे. 

ऐसी परिस्थिति में पढ़ाई पर फोकस करना बड़ा चैलेंज था. वह घर पर अपने छोटे भाई आशुतोष (16) और दादा विनोद (86) को संभालने के साथ ही घर के काम करती थी. घर के काम के बाद पढ़ाई करती थी. मां के सपने को पूरा करने का जुनून भी था, जब भी पढ़ाई करती थी, मां की याद आती थी. सोचती थी कि पढ़ाई छोड़कर अपनी मां के पास चली जाऊं, लेकिन उनके सपने को देखते हुए अपने आप को संभालती और पढ़ाई में लग जाती. घर पर मां के बिना पढ़ना बहुत मुश्किल होता था. 

वसुंधरा ने बताया कि रिजल्ट आने पर तुरंत अपनी मौसी स्वाति को कॉल किया था. उन्हें मां को कान में बताने के लिए कहा था। इसके बाद वह भी हॉस्पिटल पहुंची और मां के पास जाकर बताने की कोशिश की वे न कुछ सुन पाई और न समझ पाई. पिता श्याम सोमानी ने कहा कि जब बेटी को रिजल्ट के बारे में पता चला, तब उसने अपनी मौसी को फोन किया था. मौसी ही हॉस्पिटल में रहकर उसकी मां की देखभाल कर रही है. बेटी ने मौसी से कहा था कि रिजल्ट की बात सुनकर हो सकता है मां प्रतिक्रिया करें बस अब भगवान से यही प्रार्थना करते हैं कि वसुंधरा की मां जल्दी ठीक हो जाए और वसुंधरा अपनी मां को अपनी मेहनत के बारे में बता सकें.

पिता ने कहा कि मुझे भी आज अपनी बेटी पर गर्व महसूस हो रहा है. आज भी वसुंधरा आईसीयू वार्ड के बाहर खड़े होकर अपनी मां के ठीक होने का इंतजार कर रही है. वह दिन-रात भगवान से प्रार्थना कर रही है कि उसकी मां जल्दी ठीक हो जाए और उसके 92% नंबर आने की जानकारी दे सकें. वह अपनी मां को बता सकें कि उसने उनका सपना पूरा किया है. वसुंधरा ने बताया कि आज उसकी मां ठीक होती और उसे पढ़ाती तो वह इससे ज्यादा भी मार्क्स हासिल कर सकती थी. 

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