माउंटेनियर नीरज ने ग्रीनलैंड आइस शीट क्रोसिंग की: -30 डिग्री तापमान में तय किया 600 किलोमीटर की दूरी – Jaipur Headlines Today News

राजस्थान के मांउटेनियर नीरज चौधरी ने मई 2024 में Unsupported ग्रीनलैंड आइस शीट क्रोसिंग की। उन्होंने तिरंगा और राजस्थान सरकार का फ्लैग ग्रीनलैंड के डाय-II स्टेशन पर लहराया, जो राज्य के लिए गौरव का पल है।

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ग्रीनलैंड के वेस्ट कॉस्ट (कांगेरलुसाक) से इसोरटोक (ईस्ट कॉस्ट) की 600 किलोमीटर की दूरी 29 दिनों में स्कीइंग कर तय की। उनका करीब 80-85 किलो स्लेज (भार ढोने का माध्यम) का वजन रहा। इस दौरान न्यूनतम तापमान -30 डिग्री सेल्सियस तक रहा और बर्फ़ीली हवाओं की रफ्तार 100 से 120 किलोमीटर प्रति घंटा तक उन्हें बर्दाश्त करनी पड़ी। नीरज को कई दिनों तक 19-20 घण्टे तक रोज़ करना पड़ा काम। आखरी दिन 24 घण्टे से ज्यादा लागतार स्कीइंग कर लगभग 55 किलोमीटर का सफर बिना रुके तय किया, यह अपने आप मे एक बड़ा चैलेंज रहा। उल्लेखनीय है कि ऐसी उपलब्धि हासिल करने वाले संभवतः राजस्थान के अकेले और पहले व्यक्ति है। इस एक्सपीडिशन का फ्लैग ऑफ रीको चेयरमैन और इंडस्ट्रीज विभाग के प्रमुख सचिव अजिताभ शर्मा ने किया था।

चौधरी ने बताया कि Unsupported ग्रीनलैंड आइस शीट क्रोसिंग की खुशी है, पश्चिमी तट कांगेरलुसुआक से शुरू होकर ग्रीनलैंड के पूर्वी तट इसोरटोक पर उनकी यात्रा समाप्त हुई। इस एक्सपीडिशन के दौरान वहां का तापमान शून्य से नीचे माइनस -30 डिग्री तक रहा, जहां करीब 100-120 किलोमीटर प्रतिघंटा की रफ्तार से हवा चलती रही। यह उनके लिए अपने आप में बड़ा चैलेंज रहा।

नीरज वर्तमान में राज्य सरकार के जल संसाधन विभाग में एक्सक्यूटिव इंजीनियर के पद पर कार्यरत है। इस एक्सपीडिशन के लिए माउंटेनियर नीरज ने मार्च 2024 में नार्वे स्वीडन में मुश्किलों भरी पोलर ट्रेनिंग कम्पलीट की है। गौरतबल है कि वे 2021 में कोविड से उबरने के बाद दुनिया की सबसे ऊंची चोटी माउंट एवरेस्ट (8848.86 मीटर) को भी फतेह कर चुके है। नीरज पत्रिका की 40 अंडर 40 लिस्ट 2.0 में शामिल है। नीरज मूल रूप से पलसाना कस्बे के निकट अभयपुरा निवासी हैं।

मतदान से पहले की थी 21 किमी दौड़

नीरज चौधरी ने हाल ही में हुए लोकसभा चुनाव को लेकर मतदान के दिन भी जयपुर से अल सुबह तीन बजे साइकलिंग करते अपने गांव अभयपुरा पहुंचे थे। बाद में 21 किलोमीटर की हाफ मैराथन दौड़ पूरी कर अपना मतदान किया था। उनका उद्देश्य सभी को मतदान और स्वास्थ्य के प्रति जागरूक करना था। वहीं 2021 में खुद कोरोना ग्रसित होने के बाद भी एवरेस्ट फतह किया।

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