किसान बोले- राज्य पशु ऊंट की घट रही संख्या: प्री बजट बैठक में सीएम से कहा- जैसे गाय का रखते है ख्याल, वैसे ऊंट पर भी दे ध्यान – Jaipur Headlines Today News
बजट पूर्व आज मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने किसान, पशुपालक और डेयरी प्रतिनिधियों से संवाद किया। इस बैठक में बीकानेर व जैसलमेर के किसानों और पशुपालकों ने सीएम भजनलाल शर्मा से कहा कि राज्य पशु ऊंट की लगातार संख्या कम हो रही है।
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सरकार की बेरुखी के चलते पशुपालक ऊंट का पालन नहीं कर पा रहे हैं। जिस तरह से राज्य सरकार गाय को संरक्षण देती है। उसके लिए अलग से बजट का प्रावधान है। उसी तरह से राज्य पशु ऊंट के और भी ध्यान दिया जाए।
दरअसल वसुंधरा सरकार ने साल 2015 में विधानसभा से कानून पास करवाकर ऊंट को राज्य पशु घोषित किया था। लेकिन उसके बाद से लगातार प्रदेश में ऊंट की संख्या में कमी दर्ज की जा रही है।
पशुपालन मंत्री बोले-पिछली सरकार ने अनुदान बंद किया
बैठक में पशुपालन मंत्री जोराराम कुमावत भी मौजूद रहे। उन्होंने कहा कि ऊंट के संरक्षण के लिए ऊंटनी के दूध के प्रोडक्ट बनाना पायलट प्रोजेक्ट के रूप में बीकानेर डेयरी में शुरू किया गया है। ऊंटनी के दूध से घी व अन्य उत्पाद बनाए जा रहे हैं। अगर यह प्रयोग सफल रहता है तो इसे प्रदेश की अन्य डेयरी में भी शुरू किया जाएगा।
इसके साथ ही जोराराम कुमावत ने कांग्रेस सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि ऊंटनी के पहला बच्चा होने पर एक्ट में पशुपालक को राज्य सरकार द्वारा 10 हज़ार रुपए की आर्थिक मदद का प्रावधान हैं। लेकिन पिछली सरकार ने यह आर्थिक मदद पशुपालकों को नही दी। अब इस अनुदान को फिर से शुरू किया जाएगा। जिससे पशुपालकों को आर्थिक मदद मिल सके।
किसान पर्यवेक्षक भर्ती में महिलाओं को मिले 50 प्रतिशत आरक्षण
प्री बजट बैठक में जयपुर जिले की महिला किसान मंजू दीक्षित ने सुझाव देते हुए कहा कि जिस तरह से सरकार ने तृतीय श्रेणी अध्यापक भर्ती परीक्षा में महिलाओं को 50 प्रतिशत आरक्षण दिया है। उसी प्रकार किसान पर्यवेक्षक भर्ती में भी महिलाओं को 50 प्रतिशत आरक्षण दिया जाए। उन्होंने कहा कि खेती में 70 प्रतिशत महिलाएं ही काम करती हैं।
अगर महिला पर्यवेक्षक होगी तो गांव में सरकार की योजनाओ को वह अच्छे से महिला किसानों को पहुंचा सकेगी।
इसके साथ ही प्री बजट बैठक में किसानों ने राज्य सरकार से गांव में बिजली और पानी की समुचित व्यवस्था करने का आग्रह किया। किसानों ने कहा कि आज पानी के अभाव में किसान और खेत दोनों खत्म हो रहे हैं। अगर सरकार पानी की समुचित व्यवस्था करती है। तो प्रदेश का किसान राजस्थान की तरक्की में अहम योगदान निभा सकता है।