कब्र में पिता को दफना विदेश गई महिला, सालों बाद लौटी तो गायब थी लाश, फिर पता चली चौंकाने वाली सच्चाई!

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अपने माता-पिता से हमेशा के लिए दूर हो जाना किसी के लिए भी बहुत दुर्भाग्यपूर्ण है. लोग माता-पिता की मौत के बाद उन्हें ऐसी विदाई देना चाहते हैं, जिससे अगली जिंदगी में उन्हें किसी चीज की कमी ना हो. पर अंतिम संस्कार के वक्त अगर कुछ गड़बड़ हो जाए, तो परिजनों को बहुत दुख होता है, क्योंकि वही एक पल उनके मृत सदस्य से जुड़ा आखिरी पल होता है. ऐसा ही कुछ एक इंग्लैंड की महिला के साथ भी हुआ, जिन्होंने अपने पिता को दूसरे देश में दफन किया. उन्हें उस कब्र (Father’s grave missing Barbados) के पास जाने का, पिता से मिलने का बहुत मन होता था, पर जब कई साल बाद वो वहां पहुंचीं, तो उन्हें पता चला कि कब्र ही गायब हो चुकी है.

england woman found father grave missing

महिला ने सालों पहले पिता की कब्र के साथ फोटो खिंचवाई थी. (फोटो: Susanna Vaughan via Metro)

मेट्रो वेबसाइट की रिपोर्ट के अनुसार 62 साल की सुज़ैना (Susanna) अपने पति और बच्चों के साथ इंग्लैंड में रहती हैं. उनके पिता पुलिस में थे और मां नर्स थीं. रिटायर होने के बाद वो बारबाडोस में जाकर बस गए. पर सुजैना इंग्लैंड में ही रहती थीं. 81 साल के पिता की मौत 2014 में हुई, तब उनकी कब्र को बारबाडोस में ही दफनाया गया और मां वहीं रहने लगीं. साल 2022 में कई सालों बाद जब सुजैना बारबाडोस गईं और पिता की कब्र के पास पहुंचीं तो ये देखकर हैरान रह गईं कि वहां उनकी कब्र नहीं थी.

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महिला के माता-पिता, रिटायरमेंट के बाद, बारबाडोस में. (फोटो: Susanna Vaughan via Metro)

गायब थी पिता की कब्र
उसके बाद उन्हें चौंकाने वाली बात बता चली. वो ये कि पिता जोसेफ (Joseph James Alfred Lynch) की कब्र को वहां से हटाकर ‘बोन होल’ में डाल दिया गया था. ये एक बड़ी कब्र होती है, जिसमें कुछ वक्त बाद कई लोगों की अस्थियों को एक साथ डालकर दफना दिया जाता है. ये जगह बचाने के काम आता है. सिंगापुर, जर्मनी, बेल्जियम और बारबाडोस में भी ये प्रथा है. हालांकि, उन्हें इसके बारे में पहले से कोई सूचना नहीं दी गई थी कि वहां ऐसा होगा. मेट्रो से बात करते हुए सुजैन ने कहा कि उनके पिता उस खूबसूरत देश में ही दफन होना चाहते थे.

प्रशासन से की बात
सुजैन फिर अपने देश लौट गई और वहीं से बारबाडोस के मंत्रियों, अधिकारियों को ई-मेल भेजने लगीं. साथ ही उन्होंने ब्रिटेन के अधिकारियों से इस मामले में हस्तक्षेप करने का अनुरोध किया, जिससे उन्हें न्याय मिल सके. गिलिंघम नॉर्थ के काउंसिलर एडम प्राइस ने उन्हें भरोसा दिलाया है कि वो उनकी मदद करेंगे. सुजैन का कहना है कि अब उनके पास रोने के लिए कुछ भी नहीं बचा है. सुजैन को बारबाडोस के प्रधानमंत्री के कार्यालय से एक माफी पत्र मिला है, पर उन्हें माफी से ज्यादा न्याय चाहिए. वो ऐसे नियम को ही खत्म करवाना चाहती हैं, जिसकी वजह से लोगों को इतने दुख से गुजरना पड़ता है. उन्होंने बताया कि जब वो 2022 में पिता की कब्र पर लौटीं, तो इस बात से बहुत खुश थीं कि वो उनसे लंबी बातें करेंगी, मगर वहां उनके पिता मौजूद ही नहीं थे.

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