एक बार फिर मंत्री बनेंगे अर्जुनराम मेघवाल: इस बार राज्य मंत्री के बजाय केबिनेट मंत्री बनने की उम्मीद, पार्टी कार्यालय में होगा जश्न – Bikaner Headlines Today News

फोटो साल 2014 का है, जब अर्जुनराम पहली बार मंत्री बने थे।

बीकानेर से चौथी बार सांसद बने अर्जुनराम मेघवाल को एक बार फिर देश केंद्रीय मंत्रिमंडल का हिस्सा बनने का अवसर मिला है। उम्मीद की जा रही है कि मेघवाल को इस बार राज्य मंत्री और स्वतंत्र प्रभार के बजाय केबिनेट मंत्री बनने की उम्मीद की जा रही है। मेघवाल को

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अर्जुनराम लगातार चौथी बार सांसद बनने हैं। उन्होंने लोकसभा चुनाव में कांग्रेस के गोविन्दराम मेघवाल को 55 हजार से ज्यादा वोट से हराया था। इसके बाद से माना जा रहा था कि एक बार फिर अर्जुनराम मंत्री बनेंगे। जिस दिन काउंटिंग हुई, उसी दिन रात को अर्जुनराम मेघवाल दिल्ली के लिए रवाना हो गए। माना जा रहा है कि उसी दिन उनके पास संकेत थे। ऐसे में उनके परिवार के सदस्य भी दिल्ली रवाना हो गए।

अर्जुनराम का परिचय

बीकानेर से सांसद अर्जुनराम मेघवाल लगातार चौथी बार निवार्चित हुए हैं। मेघवाल बीकानेर शहर के पास ही स्थित किसमीदेसर के रहने वाले हैं। इसी गांव के लक्खूराम मेघवाल व हीरादेवी के पुत्र अर्जुनराम ने शुरूआती शिक्षा अपने गांव में ली और कॉलेज की शिक्षा बीकानेर के डूंगर कॉलेज से। वो दूरसंचार में सामान्य कर्मचारी थे। इसके बाद वो उद्योग विभाग में अधिकार बन गए। इस विभाग में उल्लेखनीय सेवाओं के चलते उन्हें विभागीय कोटे से आईएएस के लिए चयनित किया गया। वे चूरू के जिला कलेक्टर रहे।

जब से सीट रिजर्व, तब से एमपी
साल 2009 में जब बीकानेर लोकसभा क्षेत्र अनुसूचित जाति के लिए आरक्षित हो गया, तब उन्हें भारतीय जनता पार्टी ने यहां से प्रत्याशी बनाया। पहली बार सांसद बनने के बाद वो अब तक लगातार सांसद बन रहे हैं। बीकानेर के महाराजा डॉ. करणी सिंह के बाद मेघवाल ही लगातार चौथी बार सांसद बने हैं।

अब तक मंत्रालय
मोदी सरकार के दूसरे कार्यकाल में वो भारत के कानून एवं न्याय मंत्री के साथ केन्द्रीय संस्कृति एवम् संसदीय कार्य मंत्री रहे। वे पूर्व में केन्द्रीय वित्त राज्यमंत्री, पूर्व केन्द्रीय जल संसाधन मंत्री, और गंगा विकास मंत्री रह चुके हैं। मेघवाल ने पूर्व में मुख्य सचेतक की भूमिका निभाई है। साल 2019 से 2021 तक भारी उद्योग और सार्वजनिक उद्यम राज्य मंत्री, 2016 से 2017 तक वित्त और कॉर्पोरेट मामलों के राज्य मंत्री और 2016 से 2017 तक जल संसाधन राज्य मंत्री के रूप में कार्य किया।

2013 में सर्वश्रेष्ठ सांसद का पुरस्कार
संसद में लगातार उपस्थित रहने के साथ ही सवाल पूछने और तथ्यों के साथ बात रखने के लिए अर्जुनराम मेघवाल को साल 2013 में सर्वश्रेष्ठ सांसद का पुरस्कार दिया गया।

साइकिल वाले सांसद
अर्जुनराम मेघवाल ने सांसद बनने के साथ ही घर से संसद तक साइकिल पर जाने के लिए चर्चा में आए। वो नियमित रूप से साइकिल से ही संसद जाते थे। वो पेट्रोल के साथ ही पर्यावरण प्रेम का नारा देने वाले सांसद के रूप में चर्चा में आए।

वाड्रा का मुद्दा उठाया

भारतीय जनता पार्टी में अर्जुनराम मेघवाल उस समय केंद्र में आ गए, जब उन्होंने बीकानेर में रॉबर्ट वाड्रा पर जमीनें खरीदने का मामला उठाया। रॉबर्ट वाड्रा सहित पूरी कांग्रेस तब भाजपा के आरोपों में घिर गई थी।

भजन गायकी से पहचान

अर्जुनराम मेघवाल की एक पहचान भजन गायकी के कारण भी है। वो बीकानेर के कई कार्यक्रमों में भजन गाते दिखाई देते हैं। खासकर लोक देवता बाबा रामदेव के भजन गाते हैं।

लाइन मैन से मंत्री तक का सफर

एक वक्त था जब अर्जुनराम मेघवाल बीएसएनएल में लाइन मैन का काम करते थे। खराब लैंड लाइन फोन को दुरुस्त करना। एक्सचेंज पर लाइनों की दे देखरेख करना उनका काम था। इस दौरान वो राजनीति में आ गए थे। तब लाइनमेन और बीएसएनएल की यूनियन में उनका दखल था। बाद में इस काम में मन नहीं लगा तो आरएएस एग्जाम दिया। मैन आरएएस में चयनित न हो सके तो एलाइड में अवसर मिल गया। वहीं से काम करते करते उद्योग विभाग में आ गए। आईएएस तक पहुंचे और बाद में सांसद बन गए।

अलग-अलग समय, अलग-अलग नेता
अर्जुनराम मेघवाल एक वक्त में सुषमा स्वराज के नजदीकी थे। अर्जुनराम तब पहली बार सांसद बनकर गए थे। सुषमा स्वराज ने तब अर्जुनराम को अवसर दिए। संसद में बोलने के लिए मुद्दे दिए। इस दौरान उन्होंने रॉबर्ट वाड्रा का मुद्दा उठाया। इसी से तत्कालीन गुजरात मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी प्रभावित हुए। मोदी ने अर्जुनराम से इस मुद्दे पर तब विस्तार से बातचीत की। उन्हें बताया गया कि किस तरह सारी खरीद फरोख्त हुई। मोदी उनके काम और रिकार्ड से काफी प्रभावित हुए। ये ही कारण है कि सरकार में प्रधानमंत्री बनने पर मोदी ने अर्जुनराम संसदीय कार्यों में शामिल किया। सरकारी नौकरी में रहते हुए अर्जुनराम मेघवाल तत्कालीन उप मुख्यमंत्री हरिशंकर भाभड़ा के निजी सचिव रहे।

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