एक डायरी ने खोले हत्यारी पत्नी के राज: पति पर अवैध संबंधों का शक, हड़पना चाहती थी दौलत, ड्राइवर के साथ मिलकर मर्डर – Rajasthan Headlines Today News
राजस्थान क्राइम फाइल्स के पार्ट -1 में आपने पढ़ा कि किशनगढ़ के एक मार्बल कारोबारी भवानी शंकर शर्मा की पहले हत्या की गई और इसके बाद पहचान छिपाने के लिए सिर काटकर जला दिया गया। लेकिन सिर जलाने के बाद भी एक आंख ने मर्डर का राज खोल दिया।
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अगर आपने पार्ट – 1 नहीं पढ़ा है तो इस खबर के अंत में उसका लिंक है।
आज पढ़िए आगे की कहानी…
ये खुलासा हो गया था कि जो शव पुलिस को मिला वो किशनगढ़ के बड़े मार्बल कारोबारी भवानी शंकर शर्मा का ही था। हालांकि अब भी सबसे बड़ा सवाल अनसुलझा था- मार्बल कारोबारी का मर्डर किसने और क्यों किया?
पुलिस ने पड़ताल शुरू की तो परिवार के लोगों ने एक-दूसरे पर ही शक की अंगुली उठाना शुरू कर दिया।
मृतक भवानी शंकर की पत्नी निधि ने तो ये तक आरोप लगाया कि उसके ससुराल वाले और उसके ननद-ननदोई उसके पति भवानी शंकर शर्मा की प्रॉपर्टी और कारोबार को हड़पना चाहते थे।
पति पर शक करती थी निधि
पुलिस ने सभी परिजनों से पूछताछ की। परिजनों से पुलिस को पता चला कि भवानीशंकर और निधि शर्मा की मैरिड लाइफ में कुछ भी ठीक नहीं था।
दोनों अक्सर लड़ते-झगड़ते थे। निधि भवानीशंकर पर काफी शक करती थी और उसे अपने मां-बाप के पास भी नहीं जाने देती थी।
वहीं निधि के भाई और उसके पीहर वालों का दोनों की जिंदगी में काफी दखल हो गया था। ये जानकारी मिलते ही पुलिस का शक निधि और उसके पीहर वालों पर गहरा गया।
पुलिस ने पहले मनोवैज्ञानिक तरीके से पूछताछ की लेकिन जब कुछ नहीं निकला तो निधि के सामने ही उसके भाई से सख्ती से पूछताछ की।
भाई से सख्ती होते देख निधि जल्दी ही टूट गई और पुलिस के सामने अपना जुर्म कबूल कर लिया।
ड्राइवर के साथ मिलकर घर में ही की हत्या
पुलिस के सामने खुलासा हुआ कि निधि ने अपने ड्राइवर और भवानीशंकर के दोस्त अशोक वैष्णव के साथ मिलकर अपने घर में ही पति की हत्या की।
निधि ने सबसे पहले भवानीशंकर के ज्यूस में नींद की गोलियां मिलाई और उसे बेहोश कर दिया। इसके बाद अशोक के साथ मिल बेहोश पति की कुल्हाड़ी से वार कर हत्या कर दी।
भवानीशंकर के धड़ और सिर को कुल्हाड़ी से काटकर अलग किया। उसके खून को एक जरीकेन में भर लिया। इसके बाद बॉडी को नीचे बेसमेंट में ले गए।
वहां बॉडी को जलाने का प्रयास किया लेकिन बॉडी जली नहीं। इसके बाद भवानी के सिर को छत पर ले गए और वहां गैस बर्नर पर रखकर उसे पूरी तरह जला दिया।
पहले नदी में फेंकने वाले थे सिर और धड़
सिर जलाने के बाद उन्हें विश्वास हो गया कि अब कोई शव की शिनाख्त नहीं कर पाएगा। इसके बाद उन्होंने शव के कपड़े उतारकर अलग बैग में रखे।
भवानी शंकर का सिर, धड़े और कपड़े कार में डालकर दोनों सावर के जंगलों की तरफ निकल गए। मर्डर वैपन कुल्हाड़ी को एक बबूल की झाड़ी में फेंक दिया।
दोनों का प्लान था कि सिर-धड़े और बाकी चीजें वो बनास नदी में फेंक देंगे, लेकिन सामने पुलिस की गश्त की गाड़ी आने से वो घबरा गए।
इसके बाद सबसे पहले उन्होंने एक सुनसान कुआं देखकर धड़ उसके फेंक दिया और कपड़े व कटा हुआ सिर अलग-जगह फेंक दिया। खून के जरीकेन को हटूंडी के पास जमीन में दफन कर दिया और लौटकर किशनगढ़ आ गए।
पति पर अवैध संबंधों का शक, हड़पना चाहती थी दौलत
पूछताछ में पुलिस को पता चला कि निधि को शक था कि उसका पति भवानीशंकर अय्याशी करता है। वो फ्लाइट से मुंबई और दिल्ली के नाइट क्लब में जाता है और उसके कई महिलाओं से अवैध संबंध हैं।
इतना ही नहीं उसकी भवानीशंकर की प्रॉपर्टी पर भी नजर थी। उसे डर था कि कहीं ये सब उसके सास-ससुर और ननद-नंदोई न छीन लें।
वो ये सब बातें अपने भाई और पीहर में भी शेयर करती थी। आखिर में उसके दिमाग में एक खतरनाक प्लान आया।
पति-पत्नी के बीच कुछ भी ठीक नहीं था। निधि किसी भी तरह से भवानी शंकर की दौलत हड़पना चाहती थी।
ड्राइवर को लालच देकर मर्डर में शामिल किया
निधि ने पति की हत्या की साजिश रची। अपने ड्राइवर अशोक वैष्णव को रुपयों और गाड़ी देने का लालच देकर इस मर्डर प्लान में शामिल किया।
दरअसल भवानीशंकर ने अशोक वैष्णव को सूमो गाड़ी फाइनेंस की थी। निधि ने अशोक को ये ही लालच दिया कि अगर वो भवानीशंकर को मर्डर में उसका साथ देगा तो उसे फाइनेंस के रुपए नहीं चुकाने पड़ेंगे।
इतना ही नहीं वो उसे रुपयों से मालामाल कर देगी। इसी लालच में अशोक ने उसका साथ दिया।
ड्राइवर से अफेयर का भी शक
हालांकि पुलिस जांच में निधि और अशोक के बीच अफेयर का शक भी जताया जा रहा था लेकिन ये पुलिस कभी कोर्ट में साबित नहीं कर पाई।
वापस किशनगढ़ लौटने के बाद निधि ने घर में काम करने वाली एक महिला को बुलाकर साफ सफाई भी करवाई। इस दौरान महिला ने फर्श पर खून के धब्बे देख निधि से सवाल किए तो उसने कहा कि ये खून नहीं कलर है।
भवानीशंकर की डायरी ने उगले कई राज
भवानीशंकर को डायरी लिखने का भी शौक था। पुलिस को उसके घर की तलाशी के दौरान ये डायरी मिली। इसके पन्नों में भवानीशंकर ने निधि को लेकर कई खुलासे किए…
भवानीशंकर को डायरी लिखने की आदत थी। पुलिस ने जब डायरी को लेकर पड़ताल की तो साफ हो गया कि पति-पत्नी के बीच सबकुछ सामान्य नहीं था।
15 मई 2002, पेज 134
‘सुबह से ही निधि तलाक के लिए जोर दे रही है। मैंने मना किया तो वो घर से जाने लग गई। मैंने उसे रोकने की कोशिश की तो उसने मुझ पर पलटवार भी किया।’
‘मैंने उसे दिखाने के लिए कोर्ट के नंबर लिए और फोन भी लगाया। मुझे पता था कि कोर्ट में दोपहर एक बजे तक ही काम होता है तो मैंने जान बूझकर टाइम जाया किया।’
‘दोपहर एक बजे हम दोनों कोर्ट पहुंचे तब तक कोर्ट बंद हो गया था। उसने वकील के पास चलने की जिद की। हम वकील के पास गए और तलाक के पेपर रेडी करने को कहा। वकील ने हम दोनों को खूब समझाया।’
‘इसके बाद निधि मोटरसाइकिल से जयपुर के लिए रवाना हो गई। मैंने उसे खूब ढूंढ़ा पर उसका कोई पता नहीं चला।’
‘घर पहुंचा तो पता चला कि उसने बाहर चाय बनाने वाली महिला को कहा था कि दोनों बच्चों को घर के अंदर बंद करके गेट लगा देना। इसके बाद वो रात में 11 बजे घर लौटी थी।’
20 मई 2002, पेज 139
‘निधि ने मुझसे पूछा कि मैंने उसके व्यवहार और स्वभाव को लेकर उसके घर वालों को क्यों बताया है। उसने मुझे कहा कि तुम मेरी इमेज खराब कर रहे हो।’
‘उसने मुझे धमकी दी कि या तो मैंने अपनी कम्पनी बंद कर दूं और अपने स्टाफ को बाहर निकाल दूं। नहीं तो वो मेरे खिलाफ झूठा पुलिस केस दर्ज करवाएगी।’
‘मैंने उससे रिक्वेस्ट की लेकिन वो नहीं मानी। उसने कहा कि स्टाफ को तो निकालना ही पडे़गा। वो मेरे लिए और बच्चों के लिए खाना भी नहीं बनाती है।’
‘कुचामन में उसके पीहर वालों को ये बाते बताता हूं तो निधि धमकाती है। उसके पीहर वाले भी ध्यान नहीं देते हैं। वो दिन भर घर से गायब रहती है और रात में लेट आती है।’
भवानी शंकर ने डायरी में लिखा कि उसे शक है कि उसकी पत्नी उसे खाने में जहर देना चाहती है।
4 जून 2002, पेज 154
‘मुझे डर है कि मुझे खाने में जहर दिया जा रहा है। पता नहीं वो मेरे खाने में क्या मिलाती है, आजकल मेरी जीभ लड़खड़ाने लग गई है।’
‘मैंन उसे दाल खाने को कहा तो निधि ने वो दाल नहीं खाई, उल्टी उसे बाहर गिरा दी। इससे मेरा शक और गहरा गया है।’
दो बेटे, प्रॉपर्टी को लेकर विवाद
निधि और भवानीशंकर के दोनों बेटे हैं कैप्टन और पंछी उर्फ संस्कार है। पिता की हत्या और मां के जेल जाने के बाद रिश्तेदारों ने ही उन्हें पाला।
30 जुलाई 2004 को अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश केकड़ी द्वारा निधि शर्मा और अशोक वैष्णव को भवानी शंकर शर्मा की हत्या का दोषी करार दिया गया।
दोनों को आजीवन कारावास की सजा सुनाई गई थी। दोनों ने हाईकोर्ट में अपील की, लेकिन वहां भी ये सजा बरकरार रही।
अब सजा पूरी होने के बाद निधि ने दूसरी जगह अपना घर बसा लिया है। दोनों बच्चों कैप्टन और पंछी उर्फ संस्कार के साथ निधि का अभी भी प्रॉपर्टी को लेकर विवाद चल रहा है।
निधि सजा पूरी होने के बाद से अलग रह रही है और उसका दोनों बच्चों से प्रॉपर्टी को लेकर विवाद चल रहा है।
पहला पार्ट पढ़ें
मार्बल बिजनेसमैन अचानक गायब हुआ, गैस पर जला सिर मिला:बॉडी को टुकड़े-टुकड़े कर फेंका गया था, लाश की आंख से पुलिस को मिला सुराग
21 साल पुराना केस। पुलिस को टुकड़ों में एक लाश मिली। धड़ कुएं में था और सिर नदी से बरामद हुआ। सिर पूरी तरह जला हुआ था। पहले युवक की हत्या की गई और उसके बाद सिर काटकर उसे गैस के बर्नर पर रखकर जला दिया, ताकि शिनाख्त न हो सके….(CLICK कर पूरा पढ़ें)