सहेली ने इंस्टाग्राम ID दी, रेपिस्ट ने 10 लाख मांगे: अजमेर में 11वीं छात्रा से रेप-ब्लैकमेल मामले में खुलासे; आरोपी पोर्न देखने के शौकीन – Ajmer Headlines Today News
अजमेर पुलिस की गिरफ्त में मुख्य आरोपी इरफान।
11वीं क्लास की कोचिंग छात्रा को ब्लैकमेल कर 5 लाख रुपए ऐंठे गए और गैंगरेप किया गया। अजमेर के इस मामले में क्रिश्चनगंज थाना पुलिस ने दो आरोपियों इरफान (19) और उसके फोटोग्राफर दोस्त अरबाज (23) को शनिवार 1 जून को गिरफ्तार किया व एक नाबालिग को डिटेन किया
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क्रिश्चनगंज थाना इंचार्ज अरविंद चारण ने बताया- इस मामले में गिरफ्तार दोनों आरोपियों को रविवार को 2 दिन के रिमांड पर लिया गया है। इनके मोबाइल और कॉल डिटेल्स खंगाले जा रहे हैं। मामले में जो भी दोषी होगा उन सभी के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।
अजमेर एसपी देवेंद्र विश्नोई ने मामले की जानकारी दी।
एसदी देवेंद्र विश्नोई के अनुसार- 30 मई 2024 को पीड़ित छात्रा के पिता ने क्रिश्चनगंज थाने में इरफान और अरबाज समेत 6 लोगों के खिलाफ नाबालिग बेटी को ब्लैकमेल करने और गैंगरेप करने का मामला दर्ज कराया था। पॉक्सो की धाराओं में मामला दर्ज किया था।
अजमेर दक्षिण से विधायक अनिता भदेल ने इस मामले पर कहा कि स्कूली छात्रा को ब्लैकमेल और रेप करने की यह घटना 1992 के अजमेर कांड की याद दिलाती है।
मोबाइल का डेटा और कॉल डिटेल गायब मिली
पुलिस को आरोपियों के मोबाइल फोन का काफी डेटा गायब मिला है। पुलिस इसे रिकवर कर रही है। ताकि यह पता लगाया जा सके कि छात्राओं को ब्लैकमेल करने वाले इस गिरोह में और कितने लोग शामिल हैं।
किन युवकों की क्या भूमिका थी? पुलिस को इस मामले में कुछ युवकों से अहम जानकारी मिली है।
उस सहेली की भूमिका की जांच होगी जिसने इरफान से दोस्ती कराई
पुलिस उस कोचिंग छात्रा की भूमिका को लेकर भी कई लोगों से पूछताछ कर रही है, जिसकी मदद से पीड़ित छात्रा को नेटवर्क के में फंसाया गया। इसी सहेली ने पीड़िता को पहले एक युवक की सोशल मीडिया आईडी भेजकर दोस्ती करने की सलाह दी थी। उसे पीड़िता ने ब्लॉक किया तो इरफान की सोशल मीडिया आईडी (इंस्टाग्राम) भेजी थी। इसके बाद ही पूरा यह ब्लैकमेलिंग का कांड शुरू हुआ था।
पोर्न फिल्म देखने और नशे के आदी, स्कूली लड़कियों से करते हैं दोस्ती
पुलिस को यह भी जानकारी मिली है कि इरफान और अरबाज पोर्न फिल्म देखने के साथ नशे के आदी हैं। माकड़वाली रोड, अनासागर चौपाटी, रातीडांग और पुष्कर रोड के आसपास के कुछ रेस्तरां में इन युवकों का स्कूली छात्राओं के साथ का आना-जाना है।
पुलिस ने ऐसे स्थानों को भी चिह्नित किया है, जहां आरोपी छात्राओं को लेकर जाते थे। इधर, मामले की गंभीरता को देखते हुए पुलिस टीमों ने आरोपियों के संभावित ठिकानों पर दबिश दी।
पुलिस की गिरफ्त में दूसरा आरोपी अरबाज फोटोग्रापी का काम करता है।
अरबाज फोटो भेजने के बहाने लेता था लड़कियों के नंबर, फिर दोस्ती कर ब्लैकमेल करता
पुलिस की जांच में सामने आया कि आरोपी अरबाज वैशाली नगर स्थित सेवन वंडर्स पार्क पर फोटोग्राफी करता है। यहां स्कूली छात्राओं के साथ ही कई लड़कियां घूमने के लिए आती हैं। अरबाज पहले उनकी फोटो प्रोफेशनली क्लिक करता फिर फोटो भेजने के बहाने मोबाइल नंबर ले लेता था।
बाद में लड़कियों से दोस्ती बढ़ाकर उनकी सोशल मीडिया आईडी के पासवर्ड लेता और उनकी फोटो को न्यूड कर ब्लैकमेल करता था। इसके साथ ही अपने गैंग के अन्य सदस्यों को भी उन लड़कियों को नंबर भेज कर ब्लैकमेल करवाता था।
इरफान, अरबाज और इनके अन्य साथी सोशल मीडिया प्लेटफार्म इंस्टाग्राम आदि पर लड़कियों से दोस्ती करते फिर उन्हें प्रेम जाल में फंसाते थे। बाद में उनके मोबाइल नंबर अश्लील फोटो वीडियो के जरिए ब्लैकमेलिंग शुरू हो जाती। पूरी गैंग ब्लैकमेल करती है।
गैंग में हो सकते हैं कई मेंबर, 5 और पकड़ने की सूचना
पुलिस के मुताबिक लड़कियों को ब्लैकमेल करने वाले आरोपियों की गैंग में कई और सदस्य शामिल हैं। पुलिस अलग-अलग जगहों पर दबिश दे रही है। सूत्रों के अनुसार पुलिस ने 6 अन्य आरोपियों को भी पकड़ा है। जल्द ही पुलिस पूरे मामले का खुलासा करेगी।
जानिए पीड़िता को कैसे जाल में फंसाया, ब्लैकमेल और गैंगरेप किया
30 मई 2024 को पीड़ित छात्रा के पिता ने क्रिश्चनगंज थाने में ब्लैकमेलिंग और गैंगरेप का मामला दर्ज कराया था। रिपोर्ट के मुताबिक- थाना इलाके के एक कोचिंग में पढ़ने वाली 11वीं क्लास की छात्रा को उसकी सहेली ने अक्टूबर 2023 में लड़कों से दोस्ती करने की सलाह दी। उसने छात्रा को एक लड़की की इंस्टाग्राम आईडी भेजी। फ्रेंड रिक्वेस्ट को छात्रा ने ब्लॉक कर दिया।
इसके बाद सहेली ने छात्रा को इरफान की इंस्टाग्राम आईडी दी। इरफान की फ्रेंड रिक्वेस्ट को छात्रा ने कबूल कर लिया। इसके बाद दोनों के बीच बातचीत होने लगी और इरफान ने छात्रा को विश्वास में ले लिया। इसके बाद उनसे छात्रा की इंस्टाग्राम आईडी और पासवर्ड ले लिया।
अजमेर के डिप्टी मेयर नीरज जैन ने कहा कि 1992 के ब्लैकमेल गैंगरेप कांड के बाद से लगातार ऐसी घटनाएं सामने आ रही हैं।
इरफान ने छात्रा के कुछ फोटो एडिट कर उसी की आईडी से उसकी कुछ सहेलियों को भेज दिए। इस पर सहेलियों ने उसे ब्लॉक कर दिया। इसी आईडी से इरफान ने कुछ चैट भी किए जिनके बहाने वह छात्रा को ब्लैकमेल करने लगा और पैसों की डिमांड करने लगा।
छात्रा अपने घर से पैसे चोरी कर इरफान को देने लगी। इरफान जब भी पैसे लेने जाता तो उसके साथ उसका कोई दोस्त भी होता। दोस्ती के दौरान आरोपी ने छात्रा की न्यूड फोटो ले ली।
मार्च 2024 में छात्रा पैसे देने आई तो इरफान के साथ अरबाज भी था। इरफान ने ब्लैकमेल कर छात्रा के साथ अरबाज के सामने ही रेप किया और फोटो वीडियो बनाए। लड़की अपने घर से 5 लाख रुपए तक दे चुकी थी। रेप के बाद आरोपियों ने 10 लाख रुपए की मांग की।
घर से लगातार पैसे चोरी होने की घटना सामने आई तो पिता ने बेटी से सख्ती से पूछा। उसने पिता को सारी घटना के बारे में बताया। इसके बाद पिता ने इरफान, अरबाज समेत 6 लोगों के खिलाफ पॉक्सो की धाराओं में मामला दर्ज कराया।
आरोपी इरफान को शनिवार को गिरफ्तार किया गया था। देर रात उसके दोस्त अरबाज को भी गिरफ्तार कर लिया गया।
दोनों आरोपी कई लड़कियों के संपर्क में हैं
जांच में सामने आया है कि अरबाज और इरफान के संपर्क में कई स्कूली छात्राएं हैं। पुलिस को दोनों के मोबाइल की कॉल डिटेल रिपोर्ट (सीडीआर) में कई ऐसे नंबर मिले हैं, जिन पर लगातार बातचीत हो रही थी।
इरफान और अरबाज के अलावा इस मामले में कई और नाम सामने आ रहे हैं। आरोपी रातीडांग निवासी इरफान और नौसर निवासी अरबाज को पुलिस ने रविवार को कोर्ट में पेश किया और 2 दिन के रिमांड पर लिया है। पूछताछ जारी है।
अजमेर में ही हुआ था देश को हिलाने वाले 1992 कांड
1992 में अजमेर में स्कूल कॉलेज की लड़कियों को टारगेट करते हुए ऐसा ही ब्लैकमेल और गैंगरेप कांड हुआ था। 1992 में पूरे स्कैंडल का भांडा फूटा था। स्कूल कॉलेज की लड़कियों की न्यूड फोटो और जेरोक्स कॉपी बाजार में जगह-जगह पहुंचने लगी। ब्लैकमेल होने वाली लड़कियों की एक लंबी चेन बनती चली गई। करीब डेढ़ सौ से ज्यादा लड़कियों को इस जाल में फांसा गया था।
कई रसूखदारों के नाम सामने आने लगे। तब पीड़ित युवतियों के बयान, अन्य सबूतों के आधार पर 10 आरोपियों को गिरफ्तार किया गया। 1994 में आरोपियों में से एक पुरुषोत्तम ने जमानत पर छूटने के बाद आत्महत्या कर ली। केस का पहला फैसला मुकदमा दर्ज होने के 6 साल बाद 1998 में आया। तत्कालीन जिला जज कन्हैयालाल व्यास ने 8 आरोपियों को उम्र कैद से दंडित किया।
इस फैसले से कुछ समय पहले प्रकरण के आरोपी फारूक चिश्ती को सिजोफ्रेनिया नाम मानसिक रोग होने की बात सामने आई। इसकी वजह से उसके खिलाफ मुकदमा टला, बाद में उसकी अलग से सुनवाई हुई। जिला न्यायाधीश के फैसले के खिलाफ आरोपियों ने हाईकोर्ट में अपील पेश की थी जहां से सजा कम कर दस साल कारावास कर दी गई। सजा कम होने बाद मुल्जिमों सहित राज्य सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में अलग-अलग अपील दायर की। जिसका निस्तारण करते हुए दस साल की सजा यथावत रखी गई।
2003 में दिल्ली के धौलाकुओं में आरोपी नफीस चिश्ती को बुकें में गिरफ्तार किया और उसके खिलाफ मुकदमे की सुनवाई शुरू हुई। सुनवाई पूरी होने से पहले ही 2010 में नसीम और इकबाल भाटी पकड़े गए और फिर 2012 में सलीम चिश्ती हत्थे चढ़ गया। इस तरह पांच आरोपियों के खिलाफ नए सिरे से मुकदमा शुरू हुआ जो लंबित है। प्रकरण में अब 5वीं बार गवाहों के बयान हो रहे हैं।
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