सरकारी स्कूल में साल में तीन बार मिलेगा पुरस्कार: क्लास वर्क और उपस्थिति के आधार पर मिलेगा कम से कम बीस रुपए का पुरस्कार – Bikaner Headlines Today News

राज्य की भजनलाल सरकार ने सरकारी स्कूलों में स्टूडेंट्स की रेगुलर अटेंडेंस और क्लास वर्क कंपलीट होने पर कम से कम बीस रुपए का पुरस्कार देने का निर्णय किया है। ये पुरस्कार एक बार नहीं बल्कि साल में तीन बार जीतने का अवसर मिलेगा। इस पुरस्कार की राशि कम है

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परिषद् की ओर से जारी एक आदेश में कहा गया है कि साल के तीन महीनों अगस्त, अक्टूबर और दिसम्बर में अमावस्या के दिन स्टूडेंट्स को उपस्थिति और क्लास वर्क कंपलीट होने के आधार पर पुरस्कार दिया जाएगा। इसे समुदाय जागृति दिवस कार्यक्रम कहा जाएगा। राज्य के सभी प्राइमरी, अपर प्राइमरी व सीनियर सेकेंडरी स्कूल में विद्यालय विकास समिति की ओर से ये आयोजन किया जाएगा। इस समिति में स्कूल टीचर्स के साथ ही स्टूडेंट्स के पेरेंट्स भी हिस्सा होते हैं। हर स्कूल में पांच-पांच स्टूडेंट्स को ये पुरस्कार दिया जाएगा। इसका चयन समिति सदस्यों से चर्चा के आधार पर किया जाएगा।

हर स्कूल को दिया बजट

इस कार्य के लिए शिक्षा विभाग ने बजट भी जारी कर दिया है। हर स्कूल में पांच स्टूडेंट्स को न्यूनतम बीस रुपए का पुरस्कार दिया जाएगा। ऐसे में हर कार्यक्रम में सौ रुपए के पुरस्कार दिए जाएंगे। ऐसे में हर स्कूल को तीन कार्यक्रमों के लिए तीन-तीन सौ रुपए का बजट जारी कर दिया है। राज्य में 69 हजार 401 स्कूल को तीन सौ रुपए के हिसाब से दो करोड़ आठ लारख बीस हजार तीन सौ रुपए का बजट आवंटित किया गया है। प्रदेश में प्राइमरी व अपर प्राइमरी स्कूल 51 हजार 977 है जबकि माध्यमिक व उच्च माध्यमिक स्कूल 17 हजार 424 है।

अमावस्या को कार्यक्रम क्यों?

दरअसल, सरकारी स्कूल में अधिकांश श्रमिकों के बच्चे पढ़ते हैं। ऐसे में विभाग चाहता है कि पुरस्कार वितरण समारोह में ये श्रमिक भी उपस्थित रहें। उनके सामने ही बच्चों को पुरस्कार मिलेगा तो पढ़ने के प्रति स्टूडेंट्स की ललक जगेगी और अभिभावक भी अपने बच्चों को नियमित भेजने का प्रयास करेगा। अगर किसी दिन अमावस्या को सरकारी अवकाश है या फिर रविवार है तो कार्यक्रम अन्य किसी दिन किया जा सकता है।

इन पर भी रहेगा फोकस

स्कूल शिक्षा परिषद् ने स्कूल्स में नियमित रूप से पीटीएम करने के आदेश दिए हैं। इस दौरान स्कूल में बाल विवाह, बालश्रम नहीं करने पर चर्चा होगी। साथ ही महिला सशक्तिकरण, आपदा प्रबंधन, स्वच्छाता, शौचालय, पेयजल, मिड डे मील, ठहराव व उपस्थिति, बालिका शिक्षा व जनसहयोग पर चर्चा की जाएगी।

पुरस्कार राशि बहुत कम

नियमित रूप से स्कूल आने और क्लास वर्क कंपलीट रखने पर पुरस्कार देने के निर्णय का तो स्वागत हो रहा है लेकिन पुरस्कार राशि बहुत कम बताई जा रही है। शिक्षक नेता रवि आचार्य ने कहा है कि सरकार को पुरस्कार राशि कम से कम एक बार में सौ रुपए रखनी चाहिए। महज बीस रुपए में एक सामान्य पेन के अलावा कुछ भी नहीं खरीद सकते।

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