लाखों की भीड़, अल्लाह हू अकबर के नारे, ताबूत पर काली पगड़ी; देखें कैसे इब्राहिम रईसी की हो रही अंतिम विदाई

Headlines Today News,

Iran President Ebrahim Raisi:  ईरान में हेलीकॉप्टर दुर्घटना में मारे गए देश के राष्ट्रपति इब्राहिम रईसी, विदेश मंत्री हुसैन अमीराब्दुल्लाहियन और अन्य अधिकारियों के अंतिम संस्कार की प्रक्रिया शुरू हो गई है. अंतिम संस्कार की प्रकिया देश के सर्वोच्च नेता अयातुल्ला अली खामनेई की अगुवाई में प्रारंभ हुई. खामेनेई ने बुधवार को तेहरान विश्वविद्यालय में रईसी को श्रद्धांजलि देते हुए कहा, “हे अल्लाह, हमने उनसे केवल अच्छाई देखी है.” हजारों की भीड़ इंघेलाब (क्रांति) चौक से आज़ादी (स्वतंत्रता) चौक तक चारों तरफ भीड़ ही भीड़ नजर आई, हर कोई रईसी की एक झलक पाना चाहता था.

ईरानी झंडे में लिपटा रईसी का शव 
रविवार को हुई दुर्घटना में मारे गए 63 वर्षीय रईसी और विदेश मंत्री हुसैन अमीरअब्दल्लाहियन सहित सात अन्य लोगों के ताबूतों पर ईरानी झंडे लपेटे गए थे, जिन पर उनकी तस्वीरें लगी हुई थीं. अल जजीरा के रेसुल सेरदार ने फ्रीडम स्क्वायर से रिपोर्ट करते हुए कहा कि इलाके में कड़ी सुरक्षा व्यवस्था है. “सड़कों पर यातायात पूरी तरह से बंद है. भारी सुरक्षा उपाय किए गए हैं. 

काली पगड़ी और ताबूतों पर तस्वीरें
तेहरान विश्वविद्यालय में मृतकों के ताबूत रखें गए हैं. ये ताबूत ईरानी ध्वज में लिपटे हुए हैं और ताबूतों पर नेताओं की तस्वीरें लगायी गयी हैं. दिवंगत राष्ट्रपति रईसी के ताबूत पर एक काली पगड़ी रखी गई जो उनके इस्लाम के पैगंबर मोहम्मद का वंशज होने का संकेत है.

आप भी देखें रईस के अंतिम संस्कार की प्रकिया का वीडियो:- 

खामेनेई ने की प्रार्थना
खामनेई ने इस्लाम की पवित्र पुस्तक कुरान की भाषा अरबी में मृतकों के लिए प्रार्थना की. इसके तुरंत बाद वह चले गए और अंदर मौजूद लोग ताबूतों को छूने के लिए उमड़ पड़े. ईरान के कार्यवाहक राष्ट्रपति मोहम्मद मोखबर पास में ही खड़े रहे और इस दौरान उन्हें रोते हुए देखा गया. इसके बाद लोग अपने कंधों पर ताबूत लेकर चले और बाहर नारे लगाए गए.
आप भी देखें वीडियो: –

हमास का नेता भी समारोह में पहुंचा
इस सभा में ईरान के अर्द्धसैन्य बल रेवोल्यूशनरी गार्ड के शीर्ष नेता भी शामिल हुए. साथ ही हमास का इस्माइल हानियेह भी शामिल हुआ. ईरान गाजा पट्टी में जारी इजराइल-हमास युद्ध के दौरान इस आतंकवादी समूह का समर्थन कर रहा है और उसे हथियार मुहैया करा रहा है. हनीयेह ने उपस्थित लोगों से कहा, “मैं फ़िलिस्तीनी लोगों की ओर से, गाजा के प्रतिरोधी गुटों की ओर से अपनी संवेदनाएँ व्यक्त करने आया हूँ.” उन्होंने बताया कि उन्होंने रमजान के दौरान तेहरान में रईसी से मुलाकात की थी और दिवंगत राष्ट्रपति को यह कहते हुए सुना था कि फिलिस्तीन मुस्लिम दुनिया का प्रमुख मुद्दा है.

भीड़ में लगा इजरायल की मौत का नारा
अंतिम संस्कार की प्रक्रिया शुरू करने से पहले भीड़ का नेतृत्व कर रहे एक अधिकारी ने नारा लगाया, ‘‘इजराइल की मौत.’’ समारोह में मेहमानों में हमास के राजनीतिक नेता इस्माइल हनीयेह, तुर्की के उपराष्ट्रपति और विदेश मंत्री, भारत के उप प्रधान मंत्री, रूसी ड्यूमा के प्रमुख, इराकी प्रधान मंत्री और अफ़गानिस्तान से तालिबान के प्रतिनिधि शामिल थे.

5 दिनों का शोक
ईरान की धर्म अधारित शासन व्यवस्था ने लोगों को सार्वजनिक शोक सत्र में भाग लेने के लिए प्रोत्साहित करते हुए पांच दिनों के राजकीय शोक की घोषणा की है. आमतौर पर, सरकारी कर्मचारी और स्कूली बच्चे ऐसे आयोजनों में सामूहिक रूप से भाग लेते हैं. ईरान में शिया धर्म आधारित शासन में विशाल प्रदर्शन हमेशा से अहम रहे हैं. यहां तक कि 1979 की इस्लामिक क्रांति के दौरान भी तत्कालीन सर्वोच्च नेता अयातुल्लाह रुहुल्लाह खुमैनी के स्वागत में लाखों लोग राजधानी तेहरान की सड़कों पर उतर आए थे.

राष्ट्रपति रईसी का कहां हुआ प्लेन क्रैश
राष्ट्रपति रईसी अजरबैजान में किज कलासी और खोदाफरिन बांध का उद्घाटन करने गए थे. इस उद्घाटन के बाद वो तबरेज शहर की ओर जा रहे थे. तबरेज ईरान के पूर्वी अजरबैजान प्रांत की राजधानी है. इसी दौरान रास्ते में किसी जगह पर हेलिकॉप्टर दुर्घटना का शिकार हुआ. जहां हेलीकॉप्टर ने हार्ड लैंडिंग की, वो इलाका तबरेज शहर से 50 किलोमीटर दूर वर्जकान शहर के पास है. जिस जगह हेलिकॉप्टर क्रैश हुआ, वहां काफी धुंध बताई थी. बचाव दल के साथ मौजूद एक रिपोर्टर ने बताया कि पहाड़ी और इस घने जंगल में विजिबिलिटी सिर्फ पांच मीटर तक की ही थी.

मौत या हत्या, उठ रहा सवाल?
‘द इकोनॉमिस्ट’ की एक रिपोर्ट के मुताबिक, कई ईरानियों का कहना है कि इस दुर्घटना के पीछे इजरायल हो सकता है. यह कॉन्सपिरेसी थ्योरी इसलिए भी सामने आ रही है क्योंकि गाजा में चल रहे इजरायली हमले के बीच कुछ समय पहले ईरान ने इजरायल पर हमला कर दिया था.

इजरायल ईरान में विवाद
इजरायल ने तब कहा था कि ईरान को इसके गंभीर परिणाम भुगतने पड़ेंगे. इजरायल ने अप्रैल की शुरुआत में सीरिया की राजधानी दमिश्क में एयरस्ट्राइक किया था जिसमें ईरान के ब्रिगेडियर जनरल मोहम्मद रेजा जेहादी की मौत हुई थी. जेहादी ईरान के इस्लामिक रिवोल्यूशनरी गार्ड कॉर्प्स (IRGC) के सीनियर कमांडर थे.अब कई ईरानी यह कह रहे हैं कि रईसी की मौत के पीछे भी इजरायल का हाथ है. हालांकि, इजरायल ने कभी ईरान के राष्ट्रप्रमुखों को निशाना नहीं बनाया है. रईसी के मामले पर कहा कि इस हादसे में हमारी कोई भूमिका नहीं है.

Source link

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Advertisment
Back to top button