मौसम विभाग: पहले-दूसरे सप्ताह में भीषण गर्मी, तीसरे में पारा सामान्य और चौथे में मानसून की आस – Jaipur Headlines Today News

राधेश्याम शर्मा – निदेशक- माैसम विभाग, जयपुर
इस बार जून का मौसम मिला-जुला रहेगा। पहले और दूसरे सप्ताह में गर्मी से निजात नहीं मिलेगी, लेकिन तीसरे सप्ताह में तापमान जरूर नियंत्रण में रहने के आसार है। अंतिम सप्ताह तक मानसून आने की संभावना है।
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पहले सप्ताह में पश्चिमी राजस्थान के कुछ हिस्सों में आंधी और हल्की बूंदाबांदी की संभावना है, जिसका आंशिक असर बीकानेर पर हो सकता है। लेकिन सप्ताह के अंतिम दिनों में तापमान एक बार वापस 45 से 46 डिग्री तक पहुंच सकता है। दूसरा सप्ताह भी गर्मी के लिहाज से मुश्किल भरा रहेगा क्योंकि तापमान सामान्य से ज्यादा रहेगा।
सामान्य से ज्यादा तापमान ही लोगों को मुश्किल में डालता है। तीसरे सप्ताह में लू से निजात मिलेगी और तापमान सामान्य स्तर पर आ जाएगा। तापमान सामान्य पर आने का मतलब कि 43 से 44 डिग्री सेल्सियस के आसपास रहेगा। महीने के अंतिम सप्ताह में मानसून आने से पहले प्री मानसून की हल्की बारिश की संभावना है। आसपास के इलाकों में बारिश होने के बाद गर्मी से थाेड़ी राहत मिल सकती है।
मगर तापमान कम होने के साथ आर्द्रता बढ़ सकती है। उमस के कारण परेशानी भी होती है। सबसे अंतिम सप्ताह में मानसून आएगा यह जरूरी नहीं है, लेकिन जून के अंतिम और जुलाई के प्रथम सप्ताह में मानसून आने की संभावना बीकानेर में रहती है। क्योंकि देश में सबसे अंत में बीकानेर में मानसून आता है। इसलिए यहां मानसून जुलाई के प्रथम सप्ताह तक भी जा सकता है।
प्री मानसून में कम बारिश की संभावना
पिछले साल बीकानेर में प्री मानसून के दौरान बारिश इतनी अधिक हुई थी कि पूरे मानसून सीजन में बारिश कम होने के बाद भी पूरे वर्ष का औसत सुधर गया था। इस बार प्री मानसून के दौरान कम बारिश के आसार हैं। हालांकि इस बार मानसून अच्छा रहने की संभावना है। परंतु प्री मानसून को लेकर अब भी मौसम विभाग इस बात की पुष्टि नहीं कर रहा कि यहां प्री मानसून में बेहतर बारिश होगी।
अभी लू से राहत मिलने के आसार नहीं
लू के लिहाज से जून का रिकॉर्ड भी कमजोर नहीं है। बीते 10 सालों में चार बार ऐसा हुआ जब तापमान 47 डिग्री पार हो गया। 2019 में तो 48 डिग्री तापमान जून में ही क्रॉस कर गया था। यानी बीते 10 सालों में 5 साल जून में भी जमकर लू चली और इस बार भी संभावना है, लेकिन बाकी 5 साल तापमान 44 से 46 डिग्री सेल्सियस के बीच रहा।