मंड्रेला एसएचओ सहित आठ के खिलाफ मर्डर का मामला दर्ज: एसएचओ सस्पेंड, पुलिस हिरासत में मौत का मामला, छह दिन बाद परिजनों ने लिया शव, आईजी, कलेक्टर, एसपी और परिजनों ने बीच हुआ समझौता – Jhunjhunu Headlines Today News

मंड्रेला एसएचओ सहित आठ के खिलाफ मर्डर का मामला दर्ज

पुलिस हिरासत में युवक की मौत के मामले में मण्ड्रेला एसएचओ सहित आठ लोगों के खिलाफ मर्डर का मामला दर्ज किया गया है। वहीं मण्ड्रेला थाने के तत्कालीन थानाधिकारी रविन्द्र कुमार को सस्पेंड कर दिया गया है। जांच रिपोर्ट आने के बाद अन्य पुलिसकर्मियों के खिलाफ

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परिजन एसएचओ और पुलिसकर्मियों के खिलाफ हत्या का मामला दर्ज करने और आर्थिक सहायता देने की मांग कर रहे थे। इस मांग को लेकर पिछले छह दिनों से मृतक कोटपुतली निवासी गौरव शर्मा का शव बीडीके अस्पताल के मोर्चरी में रखा हुआ था।

मामले को बढ़ता देख सीकर आईजी झुंझुनूं पहुंचे। इसके बाद परिजनों के साथ सर्किट हाउस में रात दस बजे मिटिंग शुरू हुई। मिटिंग में सीकर आईजी, एसपी राजर्षी वर्मा, कलेक्टर चिमन्य गोपाल, एएसपी पुष्पेन्द्र सिंह, सिटी डीएसपी मौजूद रहे। बैठक करीब 12 बजे तक चली। बैठक में परिजनों की मांग को पर सहमति बनी। पुलिस और प्रशासन की ओर से आश्वासन दिया गया कि सरकार की ओर से आर्थिक सहायता के लिए लिखा जाएगा, जो भी सहायता नियमानुसार मिलेगी वह दिलवाई जाएगी। वहीं निर्णय किया गया कि मामला दर्ज किया जाएगा और एसएचओ को सस्पेंड करने और हत्या का मामला दर्ज करने पर सहमति बनी। इसके बाद रात करीब दो बजे मण्ड्रेला थाने में एसएचओ रविन्द्र कुमार, पुलिसकर्मी धर्मपाल, सुमेर सिंह, अंकित कुमार, मुकेश, योगेन्द्र, लक्ष्मण सैनी, विकास कुमार स्वामी के खिलाफ हत्या का मामला दर्ज किया गया है।

इस सम्बन्ध में मृतक गौरव शर्मा के जीजा दिनेश कुमार शर्मा ने दी है। रिपोर्ट में बताया गया है कि 24 मई को पुलिस उसके साले गौरव को राजस्थान हाईकोर्ट परिसर से उठाकर लेकर आई थी। थाने में पुलिसकर्मी के द्वारा उसके साले के साथ बुरी तरह से मारपीट की गई थी। मृतक गौरव को मंड्रेला पुलिस ने रेप के आरोप में 24 मई को गिरफ्तार किया था। अगले दिन कोर्ट में पेश कर 5 दिन के रिमांड पर लिया था। वह पुलिस रिमांड पर चल रहा था। इस बीच 29 मई को गौरव की अचानक तबीयत बिगड़ गई थी, जिसे पुलिस मण्ड्रेला सीएचसी लेकर गई थी, वहा से हालात गंभीर होने पर झुंझुनूं रेफर कर दिया था। लेकिन बीच रास्ते में गौरव ने दम तोड दिया था।

सिंधी कैंप से दिखाई गिरफ्तारी

पुलिस ने 25 मई को प्रेस नोट जारी कर गौरव की गिरफ्तारी जयपुर के सिंधी कैंप से दिखाई थी। जबकि गौरव के परिजन व वकील ने बताया कि पुलिस ने उसे जयपुर हाईकोर्ट से गिरफ्तार किया था। ऐसे में पुलिस की कार्यशाली को लेकर सवाल खड़े हो रहे है।

युवती ने कहा था स्वैच्छा से गई, फिर दुष्कर्म का केस

मृतक के एडवोकेट ललित कुमार शर्मा ने बताया कि पुलिस हिरासत में में युवक की मौत के मामले में पुलिस की बड़ी लापरवाही सामने आई। जिस युवती से दुष्कर्म के मामले में गौरव शर्मा को गिरफ्तार किया गया था। उसमें पहले गुमशुदगी दर्ज हुई थी। युवती व गौरव शर्मा 21 अप्रैल को गए थे। युवती की मां ने गुमशुदगी दर्ज कराई थी। पुलिस ने युवती व गौरव शर्मा को हैदराबाद से दस्तयाब कर तीन मई को लेकर आई थी। उस समय युवती ने अपनी स्वैच्छा से साथ जाना बताया था। उसके तीन दिन बाद पुलिस ने दोनों को छोड़ दिया था। इसके चार दिन बाद युवती की ओर से 7 मई को गौरव शर्मा के खिलाफ दुष्कर्म का मामला दर्ज कराया गया। जिसमें नौकरी का झांसा देकर घर ले जाकर वहां से हैदराबाद ले जाने और जबरन आर्य समाज से शादी करने और गलत काम करने का आरोप लगाया था। पुलिस ने गौरव शर्मा को हाइकोर्ट जयपुर से 24 मई को पकड़ा था, जबकि पुलिस उसे 25 मई को जयपुर सिंधी कैंप से पकडऩा बता रही है।

आपराधिक रिकॉर्ड नहीं फिर भी इनाम घोषित

गौरव शर्मा की मौत ने पुलिस की भूमिका पर सवाल खड़े कर दिए। साम मई को गौरव शर्मा के खिलाफ मामला दर्ज हुआ। उसका पहले से कोई आपराधिक रिकॉर्ड नहीं था। मामला दर्ज होने के कुछ दिन बाद ही पुलिस ने उसको थाने का टॉप मुल्जिम करार दे दिया और उस पर 5 हजार रुपए का इनाम भी घोषित कर दिया। गौरव शर्मा के खिलाफ पहले से महज दहेज प्रताडऩा का मामला दर्ज है। पहले से कोई संगीन मामला दर्ज नहीं होने के बावजूद मंड्रेला पुलिस ने 18 दिन में न केवल उसे थाने का टॉप टेन मुल्जिम घोषित कर दिया, बल्कि उस पर 5 हजार रुपए का इनाम भी घोषित कर दिया।

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