बाल श्रम की रोकथाम को लेकर कार्यशाला आयोजित: लोगों को जागरूक होने का दिया संदेश, बचपन बचाने और शिक्षा पर दिया जोर – Karauli Headlines Today News
विश्व बाल श्रम निषेध दिवस पर पंचायत समिति सभागार में जागरूकता कार्यशाला का आयोजन किया गया।
विश्व बाल श्रम निषेध दिवस पर जिला प्रशासन और एक्शन एड यूनिसेफ करौली के नेतृत्व में पंचायत समिति सभागार में जागरूकता कार्यशाला का आयोजन किया गया। कार्यशाला में बाल श्रम की रोकथाम और बालकों की शिक्षा को लेकर चर्चा की गई। कार्यशाला में ग्राम विकास अधिका
.
नेहरू युवा केंद्र के जिला युवा अधिकारी शरद त्रिपाठी ने बताया कि कार्यशाला में बाल कल्याण समिति अध्यक्ष अनिल कुमार शर्मा, श्रम निरीक्षक माधव गोस्वामी, मानव तस्करी विरोधी यूनिट प्रभारी, उप निरीक्षक महावीर प्रसाद, विकास अधिकारी, एक्शनएड यूनिसेफ जिला समन्वयक दिनेश कुमार बैरवा ने जिले में बालश्रम की स्थिति और सुधार को लेकर विचार रखे।
बाल कल्याण समिति अध्यक्ष अनिल कुमार शर्मा ने कहा कि दुनिया में हर साल 12 जून को विश्व बाल श्रम निषेध दिवस मनाया जाता है। इसका मकसद बचपन में पढ़ाई-लिखाई से दूर होकर बाल मजदूरी में लगे बच्चों को रोकना है। उन्होंने बताया है कि विश्व बाल श्रम निषेध दिवस को मनाने का प्रस्ताव पहली बार अंतरराष्ट्रीय श्रम संगठन द्वारा दिया गया था। दुनियाभर के 100 से अधिक देशों में विश्व बालश्रम निषेध दिवस मनाया जाता है। हमारे जिले में भी बालश्रम की रोकथाम के लिए प्रत्येक नागरिक को अपनी भूमिका निभानी चाहिए।
प्रभारी मानव तस्करी विरोधी यूनिट उप निरीक्षक महावीर प्रसाद ने बताया कि ये दिवस बच्चों के बचपन को बचाने और लोगों के बीच बाल मजदूरी को लेकर जागरूकता बढ़ाने के मकसद से मनाया जाता है। श्रम निरीक्षक माधव गोस्वामी ने बताया कि बालश्रम दिवस के साथ हर दिवस पर हमें बालश्रम के खिलाफ आवाज उठानी चाहिए और बालश्रम में लिप्त बच्चों की शिकायत कर उनको मुक्त कराने की प्रत्येक नागरिक की जिम्मेदारी है। बाल कल्याण समिति सदस्य फरीदा शाह ने सभी को बालश्रम की रोकथाम को लेकर अपनी ग्राम पंचायतों में कार्य करने के लिए प्रेरित किया। सदस्य फजले अहमद ने बाल कल्याण समिति की भूमिका और बालश्रम की स्थिति की जानकारी दी। युवा स्वयं सेवक गरिमा कुमारी ने बालश्रम को रोकने के लिए समुदाय को जागरूक करने की बात कही।
एक्शन एड यूनिसेफ जिला समन्वयक दिनेश कुमार बैरवा ने बताया कि एक शोध के मुताबिक विश्व स्तर पर हर दस में से एक बच्चा बालश्रम के लिए मजबूर है। इसके पीछे गरीबी, भुखमरी और तस्करी है। इसके पीछे गरीबी सबसे बड़ी वजह है। जिसके चलते बच्चों को कम उम्र में ही काम में लगाया जाता है। जो कि उनके विकास में सबसे बड़ी बाधा डालता है। ऐसे में बचपन को बचाने के लिहाज से इस दिन को मनाया जाता है। बालश्रम समाज के साथ देश की प्रगति में बहुत बड़ी बाधा है। बालश्रम में लिप्त बच्चों के परिवार को सरकारी योजनाओं से जोड़ना चाहिए। जिससे उनकी आर्थिक परेशानी कम हो और वो अपने बच्चों को श्रम की बजाय स्कूल भेज सकें।