प्रचंड गर्मी और लू से बढ़ी सब्जियों-दालों की महंगाई, गड़बड़ा गया रसोई का बजट – India TV Hindi
Headlines Today News,
उत्तर भारत के राज्यों में इस समय गर्मी से बुरा हाल है। दिल्ली, उत्तर प्रदेश, पंजाब, हरियाणा और राजस्थान सहित उत्तर पश्चिमी मैदानी क्षेत्र में तापमान 45 डिग्री के पार जा चुका है। प्रचंड गर्मी के साथ ही लू भी चल रही है। इसका सीधा असर सब्जियों और दालों की कीमतों पर भी देखने को मिल रहा है। सब्जियों और दालों की कीमतें पहले से ही अधिक थीं। पिछले कुछ महीनों से मांग बढ़ने और सप्लाई कम होने के चलते सब्जियों की कीमतें आसमान छू रही हैं। अब इस झुलसाती गर्मी ने कीमतों में उबाल ला दिया है। आलू, टमाटर, प्याज, अदरक और लहसुन के भाव तेजी से बढ़े हैं। इससे लोगों की रसोई का बजट काफी बढ़ गया है।
सब्जियों की महंगाई सबसे अधिक अस्थिर होती है। यह अनियमित मौसम जैसे- लू, भारी बारिश और फसल खराब होने जैसे कारणों के चलते बढ़ती है। जब खराब मौसम होता है, तो सप्लाई प्रभावित होती है और भाव बढ़ जाते हैं।
3 डिजिट में थी लहसुन अदरक की महंगाई
हालांकि, ओवरऑल खुदरा महंगाई अप्रैल में 11 महीने के निचले स्तर 4.8 फीसदी पर आ गई। लेकिन सब्जियों और दालों के भाव लगातार ऊपर बने हुए हैं। उदाहरण के लिए, लहसुन और अदरक की महंगाई मार्च और अप्रैल में तीन डिजिट में रही थी। लहसुन की महंगाई वार्षिक आधार पर 110.1% थी। जबकि अदरक 54.6% थी। आलू की महंगाई 53.6%, प्याज की 36.6% और टमाटर की 41.8% पर रही। अप्रैल के आंकड़ों के अनुसार, दालों में अरहर और तूर की महंगाई 31.4%, उड़द की 14.3%, चना दाल की 13.6% और साबुत चना की 14.6% रही। यहां तक कि चिकन की महंगाई भी अप्रैल में लगभग 14% के साथ डबल डिजिट में थी।
आयात को बनाया जाए उदार
दाल और सब्जियों की मांग लगातार बढ़ रही है, जबकि सप्लाई धीमी है। खराब मौसम से सब्जियों की कीमतों पर काफी असर पड़ता है। लू चलती रही, तो कीमतें काफी बढ़ जाएंगी। एक्सपर्ट्स के अनुसार, शॉर्ट टर्म के लिए उच्च कीमतों पर काबू पाने के लिए सब्जियों और दालों के आयात को उदार बनाया जाना चाहिए। वहीं, आरबीआई का कहना है कि रिकॉर्ड रबी गेहूं उत्पादन से कीमतों पर दबाव कम करने और बफर स्टॉक को फिर से भरने में मदद मिलेगी।