“पहले के चुनावों में PM के लिए वोट मांगा…”, उद्धव ठाकरे ने मंच से मांगी माफी – India TV Hindi
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Lok Sabha Elections 2024: महाराष्ट्र में लोकसभा के चुनाव पांच चरणों में संपन्न होंगे। पहले और दूसरे चरण के चुनाव हो चुके हैं। तीसरे चरण की वोटिंग 7 मई को 11 सीटों के लिए होगी। राज्य में एनडीए (NDA) और महा विकास अघाड़ी (MVA) के बीच सीधा मुकाबला है। ऐसे में दोनों ही गठबंधन दलों के नेता एक-दूसरे पर जमकर निशाना साध रहे हैं। इस बीच, एक चुनावी रैली में शिवसेना (यूबीटी) के प्रमुख उद्धव ठाकरे ने कहा कि केंद्र सरकार ने महाराष्ट्र को धोखा दिया है। वह पहले के चुनावों में प्रधानमंत्री के लिए वोट मांगने के लिए लोगों से माफी मांगते हैं।
शिवसेना को लेकर लेकर क्या बोले ठाकरे?
उद्धव ठाकरे और महा विकास आघाडी (MVA) के उनके सहयोगी एवं राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (शरदचंद्र पवार) प्रमुख शरद पवार ने हातकणंगले निर्वाचन क्षेत्र से शिवसेना (यूबीटी) के उम्मीदवार सत्यजीत पाटिल के समर्थन में पश्चिमी महाराष्ट्र के कोल्हापुर जिले के इचलकरंजी में एक रैली को संबोधित किया। इस दौरान उद्धव ने साल 2022 में महाराष्ट्र में सरकार गिरने की परिस्थितियों का जिक्र करते हुए कहा कि सुप्रीम कोर्ट ने इस पर अपना फैसला नहीं सुनाया कि असली शिवसेना किसकी है, बल्कि “निर्वाचन आयोग और मध्यस्थ (महाराष्ट्र विधानसभा अध्यक्ष राहुल नार्वेकर) ने अपना फैसला सुनाया, जो भाजपा के सेवक के रूप में काम कर रहे थे।”
“केंद्र सरकार ने महाराष्ट्र को धोखा दिया”
उद्धव ने कहा कि जब कोई भी दल बीजेपी से हाथ मिलाने को तैयार नहीं था, तब शिवसेना ने उसके साथ गठबंधन किया। ठाकरे ने जून 2022 में अपनी सरकार के गिरने का जिक्र करते हुए कहा कि हालांकि, बीजेपी ने एक ऐसे व्यक्ति की सरकार को गिरा दिया, जिसके परिवार ने उसे सबकुछ दिया था। शिवसेना (यूबीटी) प्रमुख ठाकरे ने कहा, “मैं अतीत में मोदी के लिए वोट मांगने को लेकर माफी मांगता हूं, क्योंकि उनकी सरकार ने महाराष्ट्र को धोखा दिया है।”
पीएम मोदी को लेकर क्या बोले शरद पवार?
वहीं, शरद पवार ने कहा कि पीएम मोदी महाराष्ट्र दौरे के दौरान राज्य के लिए अपनी योजनाओं के बारे में बोलने के बजाय केवल पवार और ठाकरे की आलोचना करते हैं। पवार ने पीएम मोदी पर केंद्रीय एजेंसियों के दुरुपयोग का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि जब प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू राज्यों का दौरा करते थे, तो देश के बारे में बात करते थे, जबकि इंदिरा गांधी गरीबी उन्मूलन के बारे में बात करती थीं, लेकिन यह पीएम तब तक आराम नहीं करते जब तक वह ठाकरे और मेरी आलोचना न कर लें।
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