धरना स्थल पर पूर्व मंत्री हेमाराम चौधरी हुए भावुक: बोले-पुश्तैनी जमीन पर पुलिस-प्रशासन मिलकर कब्जा करवाए यह मैंने जीवनकाल में नहीं देखा – Barmer Headlines Today News

जमीन विवाद को लेकर लूंगी नाडी गांव के ग्रामीण दो दिन से धरने पर बैठे है। शुक्रवार को पूर्व मंत्री हेमाराम चौधरी धरने पर पहुंचे। चौधरी पीड़ित परिवार को सुनकर धरने पर बैठ गए। मीडिया से बातचीत करते हुए पूर्व मंत्री हेमाराम चौधरी भावुक हो गए। उन्होंने कह

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शनिवार को पूर्व मंत्री हेमाराम चौधरी के नेतृत्व में पीड़ित परिवार पुरखाराम पुत्र खेताराम निवासी लूंगीनाडी ने जिला कलेक्टर को ज्ञापन दिया। इसके मुताबिक 29 मई को खेताराम पुत्र भारमलराम सहित 30-35 लोगों ने धारदार हथियार लेकर आए और पुलिस व प्रशासन के सहयोग से धोरीमन्ना और दूध गांव के सेटलमेंट की सीमाओं का तोड़ दिया। अस्थाई निषेधाज्ञा होने के बावजूद पहले नेखमबंदी का आदेश जारी किया और फिर स्टे जमीन पर नेखमबंदी की गई। पीडित परिवार का आरोप है कि पुलिस व प्रशासन राजनीति दबाव में आकर काम कर रही है। इससे पहले धरना स्थल पर पूर्व मंत्री हेमाराम चौधरी, जिला प्रमुख महेंद्र चौधरी और लोकसभा चुनाव के निर्दलीय प्रत्याशी उम्मेदाराम बेनीवाल पहुंचे।

पूर्व मंत्री हेमाराम चौधरी ने भावुक होकर बोले- मैंने मेरे जीवनकाल मैंने ऐसा कभी नहीं देखा।

पूर्व मंत्री हेमाराम चौधरी ने भावुक होकर बोले- मैंने मेरे जीवनकाल मैंने ऐसा कभी नहीं देखा।

धरना स्थल पर पहुंची तहसीलदार

पूर्व मंत्री के धरना स्थल पहुंचने के करीब एक घंटे बाद धोरीमन्ना तहसीलदार किरण सिगारिया भी पहुंची। इस दौरान हेमाराम चौधरी तहसीदार पर भड़क गए। आप लोग स्टे ऑर्डर को मानते है या नहीं। पुलिस व प्रशासन की उपस्थिति में धारदार हथियार लेकर घूम रहे थे। यह कहां न्यायोचित है। तहसीलदार ने समझाने और सीमा ज्ञान दुबारा करने की बात कहीं लेकिन पूर्व मंत्री ने उनको खरी-खोटी भी सुनाई।

धोरीमन्ना तहसीलदार पहुंची धरना स्थल, पूर्व मंत्री ने सुनाई खरी-खोटी।

धोरीमन्ना तहसीलदार पहुंची धरना स्थल, पूर्व मंत्री ने सुनाई खरी-खोटी।

चौधरी ने कहा- पीड़ित पक्ष को दे रहे धमकी

हेमाराम चौधरी ने कहा कि पुलिस व प्रशासन सामने वाले पक्ष के दबाव में है। इनको जान माल का खतरा है। यह परिवार वापस वहां पर जाकर रह नहीं सकते है। इस परिवार को धमकियां दी गई कि आपके तो अभी तक ट्यूबवेल और खेत ही गया है। आगे आपकी जान भी जाएगी यह सोचकर तैयार हो जाओ। धमकी दी कि आपको यहां रहना है कि खेत और ढाणी, ट्यूबवेल छोड़कर चले जाओ। अगर सुनवाई नहीं होती है तो लड़ेंगे, सघर्ष करेंगे। कुएं और जमीन से ज्यादा जिंदगी प्यारी है। इस वजह से यह परिवार यहां पर बैठा है।

हेमाराम ने कहा-एक पक्ष को नेखमबंदी का आंदेश दूसरे का खारिज कर दिया

हेमाराम चौधरी ने कहा कि एसडीएम कोर्ट धोरीमन्ना में एक अस्थाई निषेधाज्ञा ( जमीन स्टे) वाद दायर किया गया था। उनके पक्ष में स्टे दे दिया गया। उनके पड़ोस में खेताराम वगैरा खातेदार है। उन्होंने एसडीएम कोर्ट में नेखमबंदी के लिए आवेदन पेश किया गया। पीड़ित पक्ष ने भी काउंटर एप्लीकेशन दी गई। नेखमबंदी के आदेश करते हो तो हमारे खेत की नेखमबंदी के आदेश जारी किया जाए। लेकिन एसडीओ ने पीड़ित पक्ष के आवेदन को खारिज कर दिया। केवल खेताराम पक्ष के आवेदन की नेखबंदी की जाएगी। यह आदेश पारित किया। जबकि स्टे पहले से कायम था। बावजूद इसके नेखमबंदी का आदेश जारी कर दिया।

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