धरती का अंत कब तक होगा? महाप्रलय के बारे में क्या सोचते हैं साइंटिस्ट, जानें इंट्रेस्टिंग फैक्ट
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धरती पर प्रलय को लेकर तरह-तरह के दावे किए जाते हैं. कभी हजार साल तो कभी एक लाख साल बाद प्रलय की भविष्यवाणी की जाती है. लेकिन सच क्या है? साइंटिस्ट इस बारे में क्या सोचते हैं? क्या सच में धरती का अंत होने की तारीख नजदीक आ रही है. आखिर धरती पर प्रलय कैसे आएगी. आइए जानते हैं इंट्रेस्टिंग फैक्ट के बारे में..
धर्मग्रंथों में कहा गया है कि कलियुग के दौरान इंसान इतने पाप करेगा कि लोग भगवान से दूर हो जाएंगे. तब चारों ओर अंधकार छा जाएगा. इसके बाद प्रलय आएगा और सबकुछ नष्ट हो जाएगा. लेकिन साइंस क्या मानता है? नेचर जीओसाइंस में पब्लिश एक रिपोर्ट के मुताबिक, पृथ्वी का अंत संभवतः सूर्य के कारण होगा. वैज्ञानिकों का अनुमान है कि अब से लगभग एक अरब साल बाद ऐसी स्थिति आएगी. तब तक, सूर्य का विकिरण पृथ्वी के वायुमंडल को वाष्पीकृत कर देगा. सारी ऑक्सीजन को सोख लेगा. इससे जीव-जंतुओं को ऑक्सीजन मिलना बंद हो जाएगा और सब मारे जाएंगे. धरती सिर्फ एक बंजर चट्टान नजर आएगी.
पौधों का भी दम घुटने लगेगा
शोधकर्ताओं के मुताबिक, सूर्य से निकलने वाला विकिरण आने वाले समय में वायुमंडल से ऑक्सीजन खत्म करने लगेगा. इसके बाद धरती पर कार्बन का धुंध तेजी से बढ़ने लगेगा, जिससे इंसानों, जीव-जंतुओं और यहां तक कि पौधों का भी दम घुटने लगेगा. महासागरों का पानी सूख जाएगा. सबसे पहले धरती तेजी से गर्म होती जाएगी और वायुमंडल में कार्बोनेट-सिलिकेट की मात्रा तेजी से बढ़ेगी. नतीजा, एक वक्त ऐसा भी आएगा कि महाप्रलय की स्थिति बन जाएगी.
धरती के विनाश का कारण बनेगा
वैज्ञानिकों का मानना है कि इसके बाद धरती काफी तेजी से ठंडी होने लगेगी. ग्लेशियर पिघल जाएंगे और पूरी धरती पानी में डूब जाएगी. सिर्फ चंद जगहें बचेंगी, जहां पर पानी नहीं होगा. इसके हजारों साल बाद धरती बर्फ का गोला बनने लगेगी. फिर धरती पर चारों ओर सिर्फ और सिर्फ बर्फ होगी. महासागर और जमीन सब एक दूसरे में समाते नजर आएंगे. इससे आप समझ सकते हैं कि आज सूर्य जो गुरुत्वाकर्षण और ऊर्जा का एक अनिवार्य स्रोत है, एक दिन धरती के विनाश का कारण बनेगा. यह हमारे नीले संगमरमर जैसी पृथ्वी को निगल जाएगा.
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FIRST PUBLISHED : May 19, 2024, 13:13 IST