झीलें तर-नल फुस्स: शहर में कहीं मैला और बदबूदार पानी, कहीं प्रेशर कम, कई जगह 7 दिन में सप्लाई – Udaipur Headlines Today News

मंगल शहर में झील-तालाब भरे हुए हैं, लेकिन कुप्रबंधन के कारण नलों में कहीं मैला पानी आने, प्रेशर कम जैसी शिकायतें हैं तो कहीं सप्लाई कम समय मिलने, 2 से लेकर 7 दिन में मिलने जैसी समस्याएं हैं।
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भुवाणा, प्रताप नगर, एकलिंगपुरा, आरकेपुरम, केशव नगर, नाकोड़ा नगर आदि क्षेत्रों की एक लाख से ज्यादा आबादी पानी के लिए परेशान है, जबकि बाशिंदे 4 इंच की लाइन को 8 इंच में बदलने और नई टंकियों के निर्माण की मांग करते आ रहे हैं। वाॅलसिटी में मैला पानी आने की शिकायतें खत्म ही नहीं हो रही। शनिवार को खुद कलेक्टर अरविंद पोसवाल वहां पहुंचे।
जलदाय विभाग की रिपोर्ट बताती है कि शहर की 6.60 लाख आबादी के लिए रोज 152 एमएलडी (15.20 करोड़ लीटर) पानी चाहिए, जबकि मिल 104 एमएलडी (10.40 करोड़ लीटर) रहा है। सीधे तौर पर 1.25 लाख से ज्यादा लोग रोज प्रभावित हो रहे हैं।
विभाग के अधीक्षण अभियंता मोहनलाल मीणा ने कहा-हमारी 50-60 लोगों की टीम रोज फील्ड पर रहती है। समस्या 24 घंटे में हल करते हैं। किल्लत जैसी स्थिति नहीं है। वॉलसिटी पहुंचे कलेक्टर, जानी समस्या
टंकी छोटी, टैंकर का आसरा
नाकोड़ा नगर, न्यू आरटीओ, शोभागपुरा, न्यू भूपालपुरा, खारोल कॉलोनी, केशव नगर में 3 दिन में पानी आता है, वह भी कम प्रेशर से। नारायणसिंह बताते हैं कि नल तो हैं लेकिन समय पर पानी नहीं आता। यूनिवर्सिटी रोड पर एक साल पहले बनी टंकी से आशीर्वाद नगर, यूनिवर्सिटी रोड, आदर्श नगर इलाकों में सप्लाई मिलती है। विक्रम चौहान बताते हैं कि एक घंटे में 5 बाल्टियां भी नहीं भरती। टैंकर मंगवाते हैं। हैंडपंप से भी पानी लाते हैं।
- समाधान – यहां जरूरत के हिसाब से पानी की टंकियों का निर्माण कर 8 इंच की पाइप लाइन बिछाने की जरूरत है।
गंदगी इतनी कि नल जाम हो रहे
वॉलसिटी में शामिल चांदपोल, गणगौर घाट, गडिया देवरा, लालघाट, नानी गली, पांडुवाडी, कालाजी-गौराजी में गंदा पानी आता है। लोगों की तो यहां तक शिकायत है कि इस गंदे पानी के कारण नल भी कुछ समय बाद जाम हो जाते हैं। इन्हें ठीक कराना पड़ता है। झील विकास प्राधिकरण के पूर्व सदस्य और वॉलसिटी निवासी तेज शंकर पालीवाल ने बताया कि अंदरूनी क्षेत्रों में बदबूदार और पीला पानी आता है।
- समाधान – बार-बार घुलते सीवर को पिछोला में जाने से रोकना होगा। सीवरेज लाइन से जुड़ी पेयजल पाइप लाइन का समाधान करना होगा।
सप्लाई 1 घंटा, पानी 15 मिनट
मोतीमगरी में आए दिन प्रेशर कम, मैला पानी की समस्या रहती है। अंबावगढ़ टंकी से सप्लाई है, लाइन पुरानी है। इससे प्रेशर कम रहता है। एक घंटे की सप्लाई में आधे घरों में आखिर के 15 मिनट पानी पहुंचता है।
- समाधान – टंकी फुल होने पर पहले दूरी पर स्थित मोती मगरी में सप्लाई हो तो पानी प्रेशर से आएगा। लाइन की नियमित जांच जरूरी।
आधे घरों तक पानी नहीं पहुंचता
प्रताप नगर, सुंदरवास, बोहरा गणेशजी, धूलकोट, आयड़ में सर्वाधिक किल्लत है। पानी कम दबाव से आता है। 50 से 70% घरों तक पहुंच ही नहीं पाता। सुंदरवास में 1 छोटी टंकी है। इससे छोटे से एरिया में पानी पहुंचता है। शेष पूरा प्रताप नगर क्षेत्र टैंकरों पर निर्भर है। सेक्टर-4 व 6, पानेरियों की मादड़ी में भी कम प्रेशर की समस्या है।
- समाधान – तीन प्रमुख एरिया में तीन बड़ी टंकियां बनवाकर 8 इंच की पाइपलाइन से सप्लाई का सिस्टम विकसित करना होगा।