जानें बजट से महिलाओं को क्या हैं उम्मीद: बोलीं- डिजिटल लिटरेसी पर हो काम; वुमन फ्रेंडली ट्रांसपोर्ट का संचालन के लिए पिंक बस सेवा हो शुरू – Jaipur Headlines Today News

प्रदेश की भजनलाल नेतृत्व वाली बीजेपी सरकार अपना पहला पूर्ण बजट पेश करने जा रही है। बजट को लेकर सीएमओ में बैठकों में आम-खास से सुझाव लिए गए है। इसी कड़ी में गुरुवार को मुख्यमंत्री भजन लाल शर्मा और वित्त मंत्री दीया कुमारी ने पहले तो युवा एवं खेल क्षेत्

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बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ की पूर्व ब्रांड ऐंबैस्डर और मिसेज एशिया इंटरनेशनल डॉ. अनुपमा सोनी ने सुझाव दिए कि मौजूदा दौर में महिलाओं में डिजिटल लिटरेसी को बढ़ावा देना जरुरी है। इसके साथ वुमन फ्रेंडली ट्रांसपोर्ट का संचालन के लिए पिंक बस सेवा शुरू होना चाहिए ताकि महिलाओं को ट्रांसपोर्ट में जो परेशानी होती है उससे राहत मिल सके। इसके साथ ही बाल विवाह को रोकने के लिए पीसीपीएनडीटी की तरह मुखबिर योजना शुरू करने का सुझाव दिया, अनुपमा ने कहा कि प्रदेश में एक रिपोर्ट के अनुसार राजस्थान में हर दिन 4 बच्चियों का नाबालिग विवाह हो रहा है, ये आंकड़ा राजस्थान के लिए एक कलंक है। इसकी वजह से किशोरियों की मृत्यु दर बढ़ रही है, शिशुओं का स्वास्थ प्रभावित हो रहा है। इसके अलावा ग्रामीण और सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्रों पर डेंटिस्ट की कमी है, सरकार को चाहिए कि डेंटिस्ट की भर्ती करें, इससे कई गंभीर बीमारियों का और कोविड के जटिलताओं का मौखिक स्क्रीनिंग से पता लगाया जा सकता है और समय पर इलाज संभव है।

वहीं फोर्टी वुमन विंग की जनरल सेक्ट्री ललिता कुच्छल ने कहा कि हमारा पहला सुझाव महिला उद्यमियों के लिए सिंगल महिला विंडोज स्थापित हो जिसमें स्टाफ भी महिला हो, ताकि महिला उद्यमी सहज और आसानी से व्यापार कर सके। कई बार सिंगल विंडो पर पुरुष कर्मचारी और अधिकारी के व्यवहार के चलते महिला उद्यमी अपनी बात ठीक से नहीं समझा सकती है, दूसरा सुझाव है कि सरकार की महिला उद्योग को बढ़ावा देने के लिए रियायती दर पर जमीन दी जाती है, इसमें महिलाओं के लिए अलग से औद्योगिक क्षेत्र डवलप किया जाए। वहां पर महिलाओं को आरक्षित दर पर जमीन अलॉट की जाए, ताकि कोई भी महिला उद्यमी अपन उद्योग शुरू करे तो उसे जमीन सस्ती दर पर मिले।

उन्होंने कहा- तीसरा सुझाव है कि महिलाओं उद्यमियों जो अपना स्टार्टअप तो शुरू करना चाहती है उन्हें विशेष योजना के जरिए रियायती दर पर लोन की व्यवस्था हो, इसके साथ लोन के नियमों में सरलीकरण हो, वहीं अंतिम और चौथा सुझाव है कि ग्रामीण महिलाओं के कुटीर उद्योग को बढ़ावा देने के विशेष योजना बनाई जाए, ग्रामीण महिलाओं को लेकर प्रमोशन प्लेटफार्म तैयार हो,साथ ही उन्हें बाजार उपलब्ध कराया जाए। इसके साथ ललिता ने सरकार से आग्रह किया कि जो सुझाव महिलाओं से लिए जा रहे है वो अच्छी पहल है लेकिन हर बार की तरह इस बार भी ये सब कागजों तक ही सीमित नहीं रहे महिला सशक्तिकरण की दिशा में मजबूत इच्छाशक्ति के साथ कदम बढ़ाये, महिलाओं के अधिकारों की बात कर जो सुझाव लिए जा रहे हैं उन्हें धरातल पर भी उतारें जिससे महिला आत्मनिर्भरता भी बनेगी और सुरक्षित महसूस भी करेगी।

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