जसरासर थाने की जमीन के विवाद का मामला: नोखा बीडीओ कमेटी की रिपोर्ट गलत, सीईओ की कमेटी ने ग्राम पंचायत का पट्टा सही माना – Bikaner Headlines Today News

जसरासर पुलिस थाने के लिए ग्राम पंचायत की ओर से आवंटित की गई जमीन पर किसी भी निजी खातेदार का हक नहीं है। पट्टा सही जारी किया गया है। जिला परिषद के मुख्य कार्यकारी अधिकारी की ओर से गठित 4 सदस्यीय कमेटी ने पूर्व में नोखा विकास अधिकारी की कमेटी की रिपोर्

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जसरासर ग्राम पंचायत ने पुलिस थाना, पटवार भवन और भू-अभिलेख निरीक्षक भवन के लिए कुल 13359.55 वर्ग गज जमीन के तीन पट्टे जारी किए थे। इनमें से पुलिस थाने के लिए 11046.21 वर्ग गज जमीन आवंटित की थी। स्थानीय निवासी मूलाराम जाट ने जमीन पर दावा किया और नोखा बीडीओ ने 4 सदस्यीय कमेटी गठित की।

इस कमेटी ने अपनी जांच में ग्राम पंचायत की ओर से जारी पट्टे पर सवालिया निशान उठाए और मूलाराम के पक्ष में रिपोर्ट दी। इस आधार पर हाईकोर्ट से मौके पर यथास्थिति के आदेश भी ले लिए गए। मामला गरमाया तो जिला परिषद के सीईओ आईएएस सोहनलाल ने सहायक विकास अधिकारी गोपाल सोनी, अतिरिक्त विकास अधिकारी मोहनलाल गुसाईवाल, अधिशासी अभियंता ईजीएस पीरसिंह गोदारा व अतिरिक्त मुख्य कार्यकारी अधिकारी अवि गर्ग की कमेटी गठित की जिसने 13 जून को मौके पर जाकर छानबीन की और संबंधित लोगों की मौजूदगी में सीमा ज्ञान करवाया।

जांच-पड़ताल के बाद सीईओ की कमेटी ने माना की ग्राम पंचायत की ओर से जारी किए गए तीनों पट्टे सही हैं। नोखा बीडीओ कमेटी की रिपोर्ट गलत और दुर्भावनापूर्ण दी गई थी। कमेटी ने अपनी जांच रिपोर्ट में कहा है कि पुलिस थाने के नाम से निशुल्क पट्टा आबादी भूमि के खसरा नंबर 2894/1779 में जारी किया गया है।

इसका पड़ोसी मूलाराम है जिसका कृषि भूमि का खसरा नंबर 2895/1779 है। हल्का पटवारी की रिपोर्ट और रिकार्ड/जमाबंदी के अनुसार मौके पर उसकी भूमि पूरी है। थाने की आबादी भूमि की जिस जमीन पर दावेदारी की जा रही है, उसका मौके पर कोई मालिकाना हक का साक्ष्य पेश नहीं किया गया। गौरतलब है कि जमीन विवाद के कारण जसरासर थाने के पुलिसकर्मी और दावेदारों में हाथापाई हो चुकी है जिसमें अब तक महिला सहित पांच लोगों को गिरफ्तार कर न्यायिक हिरासत में भेजा जा चुका है।

नोखा बीडीओ पर कार्रवाई की अनुशंसा
जसरासर ग्राम पंचायत की ओर से जारी पट्टों पर नोखा बीडीओ की ओर से गठित कमेटी और उसकी जांच रिपोर्ट के कारण नोखा बीडीओ पर गाज गिर सकती है। सीईओ की कमेटी ने अपनी जांच में माना है कि बीडीओ ने अपने अधिकार क्षेत्र से बाहर जाकर कमेटी का गठन किया। कमेटी ने दुर्भावनापूर्ण रिपोर्ट दी जिसमें लिखा कि जसरासर थाने की जमीन के लिए सीमा ज्ञान नहीं करवाया गया, जबकि नायब तहसीलदार, पटवारी, ग्राम विकास अधिकारी व अन्य की उपस्थिति में सीमा ज्ञान करवाया जा चुका था।

सीईओ ने पंचायती राज शासन सचिव व आयुक्त को बीडीओ के खिलाफ अनुशासनात्मक कार्यवाही की अनुशंसा की है। सीईओ ने बताया है कि नोखा बीडीओ ने कमेटी की आड़ में ग्राम पंचायत जसरासर (तहसील मुख्यालय) के कुल तीन पट्टों को गलत बताकर मनगढ़ंत तरीके से राज्यहित के खिलाफ रिपोर्ट की है। जिससे कुल 13359.55 वर्ग गज बेशकीमती जमीन पर व्यक्ति विशेष के पक्ष में रिपोर्ट करने से उच्च न्यायालय से राज्य के विरुद्ध स्थगन भी ले लिया गया।

“नोखा बीडीओ के खिलाफ अनुशासनात्मक कार्यवाही के जिला कलेक्टर और पंचायती राज को पत्र लिखा गया है। बीडीओ ने व्यक्ति विशेष को लाभ पहुंचाने के लिए कमेटी गठित की और उस कमेटी ने तथ्यहीन व भ्रामक रिपोर्ट पेश की जो राज्यहित के विरुद्ध थी।”
– सोहनलाल, सीईओ जिला परिषद

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