केदारनाथ के लिए निकला हिमांशु पहुंचा बहरोड़: जनवरी में स्केटिंग के जरिए की थी अयोध्या की यात्रा, 650 किलोमीटर का होगा सफर – Behror Headlines Today News
कोटपूतली के लक्ष्मीनगर इलाके का रहने वाला हिमांशु सैनी (11) स्केटिंग करते हुए 650 किमी दूर केदारनाथ जा रहा है। इससे 5 महीने पहले वह 705 किमी दूर अयोध्या (यूपी) भगवान श्रीराम मंदिर स्केटिंग करके जा चुका है। अयोध्या तक सफल यात्रा करने के बाद केदारनाथ क
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वह शाम 6:15 बजे बहरोड़ पहुंचा। जहां फ्लाइओवर के नीचे वरिष्ठ भाजपा नेता सुरेश यादव, लघु उद्योग भारती के केके यादव, पूर्व मंडल महामंत्री सुरेश सैनी, सैनी समाज प्रधान पवन सैनी, पेंटर हीरालाल, धर्मा सैनी, मुंशीलाल सैनी, महेश शर्मा, मनोज चौहान ने फूल माला पहनाकर स्वागत किया।
बहरोड़ में हिमांशु का स्वागत किया गया।
हिमांशु ने बताया कि जनवरी 2024 को उसने अपने पिता अशोक सैनी के सामने इच्छा जाहिर करते हुए अयोध्या जाने की बात की। पिता की परमिशन मिली तो स्केटिंग शूज पहनकर यात्रा पर निकल पड़ा। अब केदारनाथ के लिए पिता अशोक सैनी भी राजी हो गए। अशोक सैनी ने बताया कि बेटे की बदौलत उन्हें भी भोलेनाथ के दर्शन हो जाएगें।
पिता अशोक यादव अपने दोस्त बानसूर के गांव फतेहपुर के रहने वाले अमित कुमार चौधरी के साथ बाइक पर जा रहे हैं। पीछे बैग बंधा हुआ है और बाइक पर भगवान भोलेनाथ के भजन चल रहे थे। उन्होंने बताया कि आज दिन में चले हैं। रात को करीब 9 बजे तक हरियाणा के बावल पहुंच जाएगें। कल सुबह 5 बजे रवाना होकर 11 बजे तक चलेंगे। उसके बाद कडक धूप में आराम करने के बाद फिर से रवाना हो जाएगें। रोजाना 60 किमी चलने का विचार है।
हिमांशु के पिता अशोक सैनी कोटपूतली में बिजली फिटिंग का काम करते हैं। मां कृष्णा देवी गृहिणी हैं। हिमांशु ने डेढ साल में ही स्केटिंग सीखी है। स्केटिंग करते हुए हिमांशु एक हाथ में भगवा ध्वजा लेकर चल रहा है। वे 20 जून तक केदारनाथ पहुंच जाएगें।
इस बार सफेत कबूतर लेकर जा रहा हिमांशु
हिमांशु ने बताया कि करीब 3 महीने पहले ही उसने कबूतर पाला है। ये कबूतर हिमांशु के बगैर नहीं रहता। वो हमेशा उसके साथ ही घूमता है और उसके हाथ से भी दाना चुगता है। हिमांशु ने उसे भी केदारनाथ लेकर जाने का फैसला लिया।
हिमांशु सैनी अपने नाम वर्ल्ड रिकॉर्ड भी दर्ज करवा चुका है। वह 9 साल से 12 साल की उम्र के बीच ऐसा युवक है, जो स्केटिंग के माध्यम से सबसे लंबी जर्नी कर कोटपुतली से 8 जनवरी को रवाना होकर राम मंदिर अयोध्या उत्तर प्रदेश में 17 जनवरी को पहुंच गया था।