एमजीएसयू समेत बीकानेर के 3 विवि डिफॉल्टर घोषित बगैर सूची अपडेट किए, घोषणा को लेकर खुद घिरा यूजीसी – Bikaner Headlines Today News

लोकपाल नियुक्त नहीं होने के कारण विश्वविद्यालय को डिफाल्टर घोषित किए जाने से संबंधित मामले में यूजीसी स्वयं ही घिर गया है। यूजीसी ने अपनी सूची अपडेट किए बिना ही डिफॉल्टर विश्वविद्यालयों के नाम घोषित कर दिए। दरअसल, देश के सभी विश्वविद्यालयों और उच्च श
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यूजीसी के निर्देश के बाद महाराजा गंगा सिंह विश्वविद्यालय सहित बीकानेर के चारों विश्वविद्यालयों ने इस साल के शुरुआत में ही लोकपाल नियुक्त कर दिए थे। लेकिन 19 जून को यूजीसी की ओर से जारी देश के 157 विश्वविद्यालयों की डिफाल्टर सूची में राजस्थान के 14 विश्वविद्यालय सहित बीकानेर के महाराजा गंगा सिंह विश्वविद्यालय, वेटरनरी विश्वविद्यालय और स्वामी केशवानंद राजस्थान कृषि विश्वविद्यालय का नाम भी शामिल है। महाराजा गंगा सिंह विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. मनोज दीक्षित का कहना है कि दिसंबर माह में ही लोकपाल की नियुक्ति की जा चुकी है। यूजीसी को भी इसे सूचित कर दिया गया था। इसके बाद भी उनका डिफाल्टर की सूची में नाम डालना न्याय संगत नहीं है।
यूं समझें – किस यूनिवर्सिटी कब नियुक्त हुए लोकपाल
एमजीएस यूनिवर्सिटी
उत्तर प्रदेश स्थित बलिया के जननायक चंद्रशेखर विश्वविद्यालय के पूर्व कुलपति प्रो.योगेंद्र सिंह को 31 दिसंबर 2023 को महाराजा गंगा सिंह विश्वविद्यालय में लोकपाल नियुक्त किया गया।
कृषि विश्वविद्यालय
स्वामी केशवानंद राजस्थान कृषि विश्वविद्यालय में जोबनेर के कर्ण सिंह नरेंद्र कृषि विश्वविद्यालय के पूर्व कुलपति डॉ. जेएस संधु को 7 मार्च 2024 को लोकपाल नियुक्त किया गया।
वेटरनरी विश्वविद्यालय
वेटरनरी विश्वविद्यालय में महाराणा प्रताप कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय उदयपुर के पूर्व कुलपति ने एनएस राठौड़ को 9 फरवरी को लोकपाल नियुक्त किया गया।
बीटीयू
बीकानेर तकनीकी विश्वविद्यालय में 29 फरवरी को पूर्व जिला न्यायाधीश नरसिंह दास व्यास को विश्वविद्यालय अनुदान आयोग के निर्देशानुसार प्रथम लोकपाल नियुक्त किया गया।
157 यूनिवर्सिटी की सूची जारी, राजस्थान के 14 विश्वविद्यालय शामिल
यूजीसी ने जो सूची जारी की है उसमें देश के 157 विश्वविद्यालयों के नाम है। इसमें 108 सरकारी विवि और 47 निजी और दो डीम्ड विवि शामिल हैं। यूजीसी ने यह कार्रवाई विश्वविद्यालयों में लोकपाल नियुक्त नहीं किए जाने के कारण की है। इसमें मध्य प्रदेश के सबसे ज्यादा 16 विश्वविद्यालय शामिल हैं। वहीं राजस्थान के 14 और उत्तर प्रदेश के 12 विश्वविद्यालयों को डिफाल्टर घोषित किया है।