आत्महत्या का केस: पत्नी पर शक था, गला दबाकर मार डाला, फिर जंगल में पेड़ पर फांसी के फंदे पर लटका दिया शव – Udaipur Headlines Today News

उदयपुर जिले की फलासिया पुलिस ने सात दिन पहले थाना क्षेत्र के गोदावाड़ा जंगल में विवाहिता का पेड़ से लटकता शव मिला था। मामले का खुलासा करते हुए आरोपी पति को गिरफ्तार किया गया। आरोपी ने चरित्र पर संदेह के चलते पत्नी की हत्या कर शव जंगल में पेड़ से लटका
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फलासिया थानाधिकारी सीताराम ने बताया कि सात दिन पहले 26 मई को प्रार्थी धनराज पुत्र पुनाजी ननामा निवासी गोदावाड़ा ने थाने में रिपोर्ट पेश की कि दो दिन पूर्व 24 मई को मेरे व मेरी पत्नी मांगी देवी के बीच आपसी मनमुटाव होने से मेरी पत्नी रात्रि में बिना बताए कहीं चली गई, जिसकी आसपास तलाश की मगर वह नहीं मिली।
26 मई को किसी ने सूचना दी कि गिरिजाघर के पास कणजी के पेड़ पर किसी महिला का शव लटका हुआ है। जिस पर हमने जाकर देखा तो वह शव मेरी पत्नी मांगी देवी का था। किसी अज्ञात व्यक्ति ने मेरी पत्नी की हत्या कर शव को पेड़ से लटका दिया है। पुलिस ने रिपोर्ट के आधार पर मामला दर्ज करते हुए जांच शुरू की।
थानाधिकारी सीताराम के नेतृत्व में टीम का गठन कर संदिग्धों से पूछताछ शुरू की गई। साथ ही मुखबिरों को भी अलर्ट कर दिया गया। इस मामले में प्रार्थी व मृतका के पति धनराज ननामा की गतिविधियां संदिग्ध होने पर पुलिस ने धनराज से मनोवैज्ञानिक तरीके से पूछताछ की तो धनराज टूट गया। उसने पत्नी के चरित्र पर संदेह होने से उसकी हत्या कर शव को पेड़ से लटकाने की बात स्वीकार कर ली। पुलिस ने आरोपी धनराज पुत्र पुनाजी ननामा को गिरफ्तार कर लिया।
3 बच्चे होने के बाद प्रेम विवाह, मोबाइल में ढेरों मिस्ड कॉल से शक, तू तू-मैं-मैं और झगड़ा
पत्नी की हत्या के मामले में गिरफ्तार आरोपी धनराज ने पुलिस को बताया कि उसकी शादी ग्यारह साल पहले मांगी देवी से हुई थी। उनके तीन बच्चे हैं। उसके बाद 2021 में ढीमड़ी निवासी लाली देवी से आरोपी ने प्रेम विवाह किया था, जिससे एक पुत्र है। आरोपी की दोनों पत्नी साथ में ही रहती थी।
घटना से एक दिन पहले 24 मई की रात आरोपी पत्नी का फोन देख रहा था तो उसके फोन में कुछ नम्बर से बहुत ज्यादा मिस्ड कॉल आ रखी थी। आरोपी ने उक्त नम्बरों के बारे में पूछा तो मांगी देवी हाथ से फोन छीनने लगी, लेकिन आरोपी ने फोन नहीं दिया। उसने कहा कि ठीक है फोन नहीं देना तो मत दो। इतना कहकर वह वापस चली गई व खाना बनाने लगी।
इस दौरान आरोपी पति को नींद आ गई। रात 12 बजे बाद उठकर देखा तो मांगीदेवी घर पर नहीं थी, जिसकी तलाश आसपास की मगर वह नहीं मिली। आरोपी ने सोचा यहीं कहीं आसपास होगी और वापस सो गया। अगली सुबह तक मांगी देवी नहीं आई तो उसको ढूंढने के लिए आरोपी बाइक लेकर निकला व आसपास तथा रिश्तेदारी में तलाश कर वापस घर पर आ गया। आरोपी थोड़ी देर घर पर बैठा तथा वापस नदी की तरफ व जंगल में मांगी देवी की तलाश करने गया तो मांगी देवी आरोपी के घर के पीछे जंगल में सुनसान जगह बैठी मिली।
आरोपी ने पूछा- तू यहां क्यों बैठी है तो उसने बोला कि ऐसे ही बैठी हूं, तेरे को क्या करना है। चरित्र संदेह के चलते आरोपी उसके पास गया और दोनों के बीच खींचतान हुई। वो जोर-जोर से उल्टा-सीधा बोल रही थी तो आरोपी ने उसका मुंह और गला दबा दिया, जिससे थोड़ी देर बाद वह मर गई। इससे वह घबरा गया। उसने आत्महत्या का रूप देने के लिए मृतका की साड़ी से ही उसके गले में फंदा बनाया व पेड़ पर चढ़कर शव को लटका दिया व घर चला गया।
अगले दिन दोपहर में आरोपी के जीजा लक्ष्मण उस रास्ते से आ रहे थे तो उन्होंने मांगी देवी को पेड़ से लटकते हुए देखा और घर पर सूचना दी। परिजन वहां गए और फिर आरोपी ने गांव के मुखी शंकरलाल के साथ थाने में जाकर रिपोर्ट दी व मुकदमा दर्ज करवाया। आरोपी को पत्नी के चरित्र पर शक था, इसलिए गुस्से में उसकी हत्या कर शव को पेड़ से लटका दिया।