अंतर्राष्ट्रीय बॉर्डर को जोड़ने वाली सड़के सीसीटीवी से होगी लैस: मुख्य सचिव पंत ने स्टेट लेवल स्टेंडिग कमेटी की बैठक में कलक्टरों को दिए निर्देश – Jaipur Headlines Today News
भारत पाकिस्तान सीमा की कुल लंबाई करीब 3,323 किलोमीटर हैं। इसमें से 1,170 किलोमीटर की सीमा राजस्थान से होकर गुजरती हैं। ऐसे में इंडो-पाक सीमा की सुरक्षा के लिए गठित स्टेट लेवल स्टेंडिग कमेटी (SLSC) में निर्णय़ हुआ है कि बॉर्डर को जोड़ने वाली प्रदेश की
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स्टेंडिग कमेटी की बैठक में आज मुख्य सचिव सुधांश पंत ने बॉर्डर जिलों के कलक्टरों को निर्देश दिए है कि सीमा सड़कों और भारतमाला-2 परियोजना सड़क पर सीसीटीवी कैमरों की स्थापना की जाए। साथ ही मुख्य सचिव ने कहा कि भारत-पाक अन्तरराष्ट्रीय सीमा क्षेत्र में घुसपैठ और नशीले पदार्थों की तस्करी की सूचना सभी एजेन्सी द्वारा साझा की जाए और आपसी समन्वय स्थापित कर कार्यवाही की जाए।
उन्होंने सीमावर्ती जिलों में ड्रोन के माध्यम से तस्करी को रोकने के लिए एंटी-ड्रोन सिस्टम, डेटा विश्लेषण के लिए एआई उपकरण, और महत्वपूर्ण स्थानों पर सीसीटीवी कैमरों की स्थापना के भी निर्देश दिए।
बैठक में सीमावर्ती जिलों के कलक्टर और एसपी वीसी के जरिए जुड़े।
बॉर्डर पर बिकने वाली जमीनों पर नज़र रखने के निर्देश
बैठक में मुख्य सचिव ने कहा कि सीमावर्ती क्षेत्रों में महत्वपूर्ण जमीनों की बिक्री के मामले में जागरूकता रखी जाए। इसके लिए राजस्व अधिकारियों को सेंसीटाइज़ किया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि बॉर्डर एरिया में सुरक्षा को सुनिश्चित करने के लिए बीएसएफ, पुलिस एवं अन्य एजेन्सियों के बीच समन्वय बैठकें आयोजित की जाए।
उन्होंने सभी सीमावर्ती जिलों के कलक्टरों को डिस्ट्रिक लेवल स्टेंडिंग कमेटी (डीएलएससी) की बैठक को नियमित रूप से आयोजित करने के निर्देश भी दिए। वहीं नशीले पदार्थों की तस्करी, सिंथेटिक दवाओं का निर्माण, अवैध खनन, सौर और पवन ऊर्जा संयंत्रों में चोरी, औद्योगिकीकरण और रिफाइनरी के कारण आपराधिक गतिविधियों पर सख्त कार्रवाई करने के निर्देश भी दिए।
फर्जी दस्तावेज बनाने वालों पर हो कड़ी कार्रवाई
डीजी इंटेलीजेंस संजय अग्रवाल ने अन्तरराष्ट्रीय सीमा क्षेत्र में घुसपैठ रोकने के लिए सुझाव देते हुए कहा कि अवैध प्रवासियों को भारतीय पहचान दस्तावेज जारी करने वाले नेटवर्कों की पहचान कर उन पर कड़ी कार्रवाई की जाए। उन्होंने सीमा बाड़ परियोजनाओं को तेजी से पूरा करने तथा सीमावर्ती गांवों में पुलिस थानों को स्थानीय समुदायों से जोड़ने के प्रयास करने के लिए भी कहा।
अग्रवाल ने कहा कि साइबर स्पेस में हानिकारक सामग्री की पहचान और उसे रोकने के लिए उपकरण विकसित किए जाए। साथ ही अंतरराष्ट्रीय सीमा पर काम कर रही सभी एजेंसियों की क्षमता बढ़ाने के लिए कदम उठाए जाए।
बैठक में डीजीपी उत्कल रंजन साहू, एसीएस फॉरेस्ट अपर्णा अरोरा, पीएचईडी विभाग के शासन सचिव समित शर्मा, गृह विभाग की शासन सचिव रश्मि गुप्ता, संयुक्त शासन सचिव अपर्णा गुप्ता के साथ बीएसएफ के अधिकारी, एनसीबी जोनल डायरेक्टर तथा एनएचएआई के प्रतिनिधि उपस्थित रहे।
वहीं बैठक में जैसलमेर, बाड़मेर, बीकानेर, फलौदी, श्रीगंगानगर, अनूपगढ़ के जिला कलक्टर, पुलिस अधीक्षक एवं संबंधित जिला अधिकारी वीसी के जरिए जुड़े।